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Agra Metro Project: ऐसे तो जनवरी 2021 तक भी नहीं दौड़ेगी अपनी मेट्रो Agra News

अभी तक सुप्रीम कोर्ट टीटीजेड प्राधिकरण एएसआइ सहित अन्य ने नहीं मिली है क्लीयरेंस। अभी तक कागजों से बाहर नहीं निकल सकी है मेट्रो।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Tue, 14 Jan 2020 02:50 PM (IST)Updated: Tue, 14 Jan 2020 02:50 PM (IST)
Agra Metro Project: ऐसे तो जनवरी 2021 तक भी नहीं दौड़ेगी अपनी मेट्रो Agra News
Agra Metro Project: ऐसे तो जनवरी 2021 तक भी नहीं दौड़ेगी अपनी मेट्रो Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा मेट्रो की राह के रोड़े दूर होने का नाम नहीं ले रहे हैं। एक साल के भीतर अभी तक सभी क्लीयरेंस नहीं मिली हैं। सुप्रीम कोर्ट से क्लीयरेंस मिलने के बाद ही ताज ट्रेपेजियम जोन (टीटीजेड) प्राधिकरण व एएसआइ सहित अन्य विभागों से अनुमति जारी होंगी। इसके बाद ही आगे की कार्रवाई शुरू होगी। ऐसे में जनवरी 2021 तक मेट्रो चलना मुश्किल लग रहा है।

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आगरा शहर में तीस किमी लंबा मेट्रो ट्रैक होगा। पहला कॉरिडोर सिकंदरा से ताज पूर्वी गेट तक 14 किमी और दूसरा आगरा कैंट से कालिंदी विहार तक 16 किमी लंबा होगा। मेट्रो पर 8379 करोड़ रुपये खर्च होंगे। पहला डिपो पीएसी ग्राउंड और दूसरा कालिंदी विहार में बनेगा। अभी तक सर्वे हुआ है, जबकि टेंडर सहित अन्य कार्य होना बाकी है। टेंडर सहित अन्य में दो से तीन माह का समय लगेगा। वहीं सुप्रीम कोर्ट से अभी तक पेड़ो को काटने की अनुमति नहीं मिली है। कोर्ट के आदेश पर अध्ययन किया जा रहा है। पहले कॉरिडोर में अधिक समय लगेगा। क्योंकि सात किमी लंबा अंडरग्राउंड ट्रैक होगा। इसे बिछाना आसान नहीं होगा। फिर एलीवेटेड ट्रैक बनाया जाएगा। उप्र मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (यूपीएमआरसी) के सामने पेड़ों को दूसरी जगह शिफ्ट करना या फिर उनके कटान का कार्य भी शामिल है।

बढ़ सकती है लागत

वर्तमान में आगरा मेट्रो की लागत 8379 करोड़ रुपये है। जितनी देरी होगी। उससे प्रोजेक्ट की लागत में बढ़ोतरी से इन्कार नहीं किया जा सकता है।

दो मिनट में एक किमी का सफर

मेट्रो दो मिनट में एक किमी का सफर करेगी। सिकंदरा से ताज पूर्वी गेट तक पहुंचने में 28 मिनट और आगरा कैंट से कालिंदी विहार पहुंचने में 32 मिनट लगेंगे। अभी यह दूरी तय करने में एक घंटा के आसपास लगता है।

पीएसी ग्राउंड पर बनेगा पहला डिपो 

मेट्रो का पहला डिपो पीएसी ग्राउंड और दूसरा कालिंदी विहार में बनेगा। पीएसी ग्राउंड में 15 वीं वाहिनी पीएसी बटालियन है। कैंपस 25 हेक्टेअर में है। पीएसी को महुआखेड़ा में शिफ्ट करना था। इसका आंकलन कराया गया तो 16 हेक्टेअर जमीन का खर्चा 400 करोड़ रुपये निकला। उप्र मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने इतनी अधिक धनराशि देने से इन्कार कर दिया। इसे लेकर पिछले सप्ताह लखनऊ में उच्चस्तरीय बैठक हुई। मेट्रो के अफसरों का तर्क था कि लखनऊ के पैटर्न पर आगरा स्थित पीएसी बटालियन की बिल्डिंग (15 हेक्टेअर जमीन पर) को बनाया जा सकता है। मेट्रो डिपो के लिए दस हेक्टेअर जमीन ली जाएगी। इसका जल्द चिन्हांकन कर लिया जाएगा। बैठक में तय हुआ कि विधि विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) परिसर में 2.5 हेक्टेअर जमीन है। यह जमीन रक्षा संपदा की है। जो स्वास्थ्य विभाग को लीज पर दी गई थी।


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