मेडिकल छात्रों की पीठ पर पुलिस के डंडों के निशान
आगरा: एसएन के जूनियर डॉक्टर और मेडिकल छात्रों को हिरासत में लेने के बाद पुलिस ने डंडे बरसाए।
आगरा: एसएन के जूनियर डॉक्टर और मेडिकल छात्रों को हिरासत में लेने के बाद पुलिस ने डंडे बरसाए। मंगलवार को मेडिकल छात्रों ने आइएमए के पदाधिकारियों को पुलिस द्वारा मारे गए डंडों के निशान दिखाए। इस मामले में आइएमए द्वारा पुलिस अधिकारियों से शिकायत की जाएगी। वहीं, आइएमए ने मेडिकल छात्रों पर लगाए गए मुकदमे वापस लेने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है।
शनिवार रात को अशोका होटल एंड बार में तोड़फोड़ के बाद पुलिस ने एसएन इमरजेंसी में जूनियर डॉक्टर और मेडिकल छात्रों पर डंडे बरसाए थे। पुलिस ने इमरजेंसी से मेडिकल छात्रों को हिरासत में लिया था। रविवार को 25 में से 10 मेडिकल छात्रों को शांति भंग में पाबंद करने के बाद मुचलके पर छोड़ दिया। वहीं, 15 को जेल भेज दिया था, जिन मेडिकल छात्रों को थाने से छोड़ा गया, वे दोपहर में आइएमए, अध्यक्ष डॉ. रवि पचौरी से रवि हॉस्पिटल, दिल्ली गेट पर मिले। आइएमए अध्यक्ष डॉ. पचौरी ने बताया कि पुलिस ने एक तरफा कार्रवाई करते हुए निर्दोष मेडिकल छात्रों को हिरासत में लेने के बाद पीटा। उनसे अपराधियों की तरह बर्ताव किया, इस मामले की शिकायत पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से की जाएगी। डॉक्टरों द्वारा काली पट्टी बांधकर काम किया जा रहा है। 48 घंटे में मुकदमा खत्म करने पर सहमति न बनने पर आंदोलन किया जाएगा, निजी डॉक्टर हड़ताल पर चले जाएंगे।
निजी लैब के कमीशन से हो रही थी पार्टी
पुलिस द्वारा जेल भेजे गए 15 में से दो जूनियर डॉक्टर और 12 मेडिकल छात्र हैं। वहीं, एक लैब टेक्नीशियन है। यह एसएन का नहीं है, मौके से एक लैब टेक्नीशियन भाग खड़ा हुआ था। सूत्रों के मुताबिक, एसएन इमरजेंसी में मरीजों की निश्शुल्क जांच की सुविधा है, लेकिन मरीजों की जांच निजी लैब से कराई जाती है। इन लैब के लड़के इमरजेंसी में रहते हैं, इनके द्वारा जूनियर डॉक्टरों को कमीशन दिया जाता है। शनिवार रात को सर्जरी विभाग के जूनियर डॉक्टर अमित की जन्मदिन पार्टी को निजी लैब के टेक्नीशियन द्वारा स्पोंसर किया गया था। एसएन प्रशासन भी जांच करा रहा है, पुलिस द्वारा जेल भेजा गया लैब टेक्नीशियन किस लैब का है। पता किया जारहा है। घटना दुखद थी, साथियों के जेल जाने के बाद भी रात में ही जूनियर डॉक्टर काम पर लौट आए। मरीजों का इलाज कर रहे हैं, पुलिस प्रशासन का भी सहयोग मिल रहा है।
डॉ. जीके अनेजा, प्राचार्य एसएन मेडिकल कॉलेज