जंग में संग छोड़ने वालों को सबक सिखाने की तैयारी
आगरा: सिकंदरा मंडी में वर्चस्व की जंग के बाद चेयरमैन तो घोषित हो गए हैं, लेकिन विरोध शुरू हो गया है।
आगरा: सिकंदरा मंडी में वर्चस्व की जंग के बाद चेयरमैन तो घोषित हो गए हैं, लेकिन विरोध थम नहीं रहा है। पुरानी समिति ऐसे पदाधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखाने की तैयारी कर रही हैं, जिन्होंने नई समिति के गठन में भूमिका निभाई है। ऐसा हुआ तो सात पदाधिकारियों को निष्कासन झेलना पड़ेगा।
मंगलवार को सांसद चौधरी बाबूलाल के पुत्र पवन चौधरी को चेयरमैन घोषित किया गया। मंडी की वर्तमान आलू, फल और सब्जी मंडी की समितियों ने विरोध किया था। दो अध्यक्षों ने तो खुलकर विरोध किया था वहीं तीसरी समिति के अध्यक्ष भी पक्ष में नहीं थे। इसी बीच चेयरमैन खेमे ने फल मंडी समिति व अन्य समितियों के कुछ पदाधिकारियों को तोड़ लिया। कुछ लाइसेंस धारकों का समर्थन भी ले लिया। अब उक्त समितियां चेयरमैन को समर्थन देने वाले पदाधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखाने की तैयारी कर रही हैं। मंडी में अनियमितता व्याप्त हैं। एक समिति तो बिना किसी नियम के गठित कर ली गई है। मुझे मंडी के लोगों ने चुना है। उनके समस्याओं को हल कराऊंगा।
पवन चौधरी, चेयरमैन मंडी मंडी में तीन समितियां पहले से हैं। सभी समिति अपने सदस्यों के कार्य कराने में सक्षम हैं। कोई अनाधिकृत लोगों के साथ मिलकर हस्तक्षेप का प्रयास करेगा तो स्वीकार नहीं किया जाएगा।
संजीव यादव, अध्यक्ष सब्जी मंडी समिति फल मंडी की समिति कई दशक पुरानी है। यह सभी के लिए कार्य कराने में सक्षम है। अगर कोई पदाधिकारी नियमों की अनदेखी करता है तो उसे प्रक्रिया के तहत निष्कासित किया जाएगा।
प्रेम सिंह, अध्यक्ष फल मंडी समिति