Agra Lockdown Update Day 6: स्मारकों की बंदी का ऐसा फायदा, ताजमहल और आगरा किला के जर्रे जर्रे की हो रही सफाई
ताजमहल में कब्रों वाले कक्ष की सीलिंग की पाड़ बांधकर की गई सफाई। पर्यटकों की भीड़ के चलते नहीं हो पाता था काम जाले किए गए साफ।
आगरा, जागरण संवाददाता। स्मारकों की बंदी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) के लिए स्मारकों की साफ-सफाई को सुनहरा अवसर बनकर आई है। एएसआइ ने इस दौरान ताजमहल व आगरा किला स्थित स्मारकों के बंद हिस्सों की सफाई कर्मचारियों से कराई है। ताज में कब्रों वाले कक्ष में पाड़ लगाकर सीलिंग को साफ किया गया। यहां लगे जाले हटाए गए। यहां पर्यटकों की भीड़ के चलते सफाई नहीं हो पाती थी।
कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए एएसआइ ने स्मारकों को 17 मार्च की सुबह से बंद कर दिया था। 22 को जनता कर्फ्यू रहा और 23 से लॉक डाउन हो गया। 17 से 21 मार्च तक स्मारक पर्यटकों के लिए तो बंद रहे, मगर एएसआइ कर्मचारियों के लिए खुले रहे। समय को स्मारकों की सफाई को माकूल मानते हुए अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार ने ताज में शाहजहां व मुमताज की कब्रों वाले कक्ष की सीलिंग समेत अन्य स्मारकों के बंद हिस्सों की सफाई के निर्देश दिए। इसके बाद करीब ढाई दर्जन कर्मचारियों व मजदूरों ने कब्रों वाले कक्ष में पाड़ बांधकर सीलिंग की सफाई इस अवधि में की सीलिंग पर जाले लग गए थे, जो कि अधिक ऊंचाई के चलते नजर नहीं आते थे। तीन दिन में सीलिंग व अन्य हिस्सों को साफ कर लिया गया। स्मारक खुला होने पर पर्यटकों के चलते यहां पाड़ बांधकर सफाई संभव नहीं हो पाती। इसके साथ ही ताज की चारों मीनारों, मकबरे की बुॢजयों, रॉयल गेट, पूर्वी गेट, पश्चिमी गेट, दक्षिणी गेट, शाही मस्जिद, मेहमानखाना की भी सफाई की गई। ताज के समान आगरा किला में बंद भवनों शीश महल, खास महल, हमाम, मोती मस्जिद आदि को साफ किया गया।
25.45 मीटर ऊंची है सीलिंग
शहंशाह शाहजहां व मुमताज की कब्रों की प्रतिकृति मकबरे के जिस कक्ष में स्थित हैं, उसकी सीङ्क्षलग फर्श से से 25.45 मीटर ऊंचाई पर है। इतनी अधिक ऊंचाई के चलते ही उसकी सीङ्क्षलग की सफाई बांस में झाड़ू बांधकर नहीं हो पाती है। आगरा में तैनात रहे अधीक्षण पुरातत्वविद डी. दयालन ने अपनी किताब ताजमहल एंड इट्स कंजर्वेशन में ताजमहल के मीजरमेंट्स का जिक्र किया है।