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दोनों कमेटियों ने सौंपा प्रस्ताव, राम लीला कमेटी करेगी फैसला

आगरा: विजय नगर में प्रस्तावित जनकपुरी के विवाद को टालने के लिए श्रीराम लीला कमेटी को प्रस्ताव सौंप दिया गया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 13 Jul 2018 09:36 PM (IST)Updated: Fri, 13 Jul 2018 09:36 PM (IST)
दोनों कमेटियों ने सौंपा प्रस्ताव, राम लीला कमेटी करेगी फैसला
दोनों कमेटियों ने सौंपा प्रस्ताव, राम लीला कमेटी करेगी फैसला

जागरण संवाददाता, आगरा: विजय नगर में प्रस्तावित जनकपुरी के विवाद को टालने के लिए श्रीराम लीला कमेटी ने शुक्रवार को शुरुआत कर दी। दोनों कमेटी के अध्यक्षों को पत्र भेजकर दोबारा से 11 पदाधिकारियों के हस्ताक्षर समेत प्रस्ताव मांगा गया। दोनों ही कमेटियों ने अपने सदस्यों के नाम के साथ प्रस्ताव भेज दिया है। लेकिन पहले से मान्यता प्राप्त कमेटी ने इस प्रक्रिया पर कई सवाल खड़े किए हैं। वहीं रामलीला कमेटी के पदाधिकारी मामले में कुछ नहीं बोल रहे और फैसला सात सदस्यीय कमेटी पर छोड़ दिया है।

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जनकपुरी आयोजन दो कमेटियों के विवाद में ऐसा फंसा कि विवाद बढ़ते-बढ़ते टकराव की स्थिति तक जा पहुंचा। इसके बाद अब श्रीराम लीला कमेटी ने दोनों कमेटियों से नए सिरे से प्रस्ताव मांगे। पहले से मान्यता प्राप्त कमेटी ने प्रस्ताव में अपना पक्ष रखने के साथ इस प्रक्रिया पर कई सवाल उठाए हैं।

जनकपुरी समिति ने लिखा यह पत्र

उन्होंने प्रस्ताव में लिखा है कि रामलीला कमेटी से विजय नगर में जनकपुरी सजाने का आग्रह किसने किया, किन लोगों ने प्रस्ताव भेजा और स्वीकृति मिलने पर नैतिक धर्म और कर्तव्य के आधार पर कमेटी गठन कर पदाधिकारियों की नियुक्ति की जिम्मेदारी किसकी होनी चाहिए थी। पदाधिकारियों ने घोषित कर उनकी समिति ने रामलीला कमेटी को सूची सौंपी और कमेटी ने उन्हें स्वीकृति देते हुए मान्यता भी दे दी। समिति मान्य होने तक किसी प्रकार का कोई विवाद नहीं था। लेकिन बाद में कुछ लोगों ने मिलकर बैठक की और सिर्फ अध्यक्ष चुनकर अपनी समिति बना ली, जिसके अन्य पदाधिकारियों का अब तक पता नहीं है। इसलिए उनकी नजरों में दूसरी कमेटी का औचित्य ही नहीं है। अध्यक्ष के अलावा समिति में कोई नहीं, तो फिर विवाद कैसा और विवाद की कल्पना भी संभव नहीं है। जब हमारी समिति का गठन रामलीला कमेटी की मान्यता से हुआ तो हमें समर्थन मिलना चाहिए था, लेकिन कुछ लोगों ने विवाद बढ़ाने के लिए दूसरी समिति को आगे बढ़ाया और विवाद को सुलझाने की जगह उलझा दिया। हमारी तरफ से कोई विवाद नहीं। आज शुक्रवार को दो बजे हमें पत्र की जानकारी हुई तो आननफानन में कुछ लोगों की बैठक कर तीन घंटे में यह पत्र भेजा जा रहा है, जिसमें 25 लोगों के हस्ताक्षर हैं। अब आप ही हमें अवगत कराएं कि विवाद और समस्या क्या है। उसके बाद ही हम समस्या का जवाब देने में समर्थ हो पाएंगे।

दूसरी कमेटी ने भी भेजा प्रस्ताव

वहीं दूसरी कमेटी ने भी करीब 11 लोगों के हस्ताक्षर के साथ अपना प्रस्ताव रामलीला कमेटी को सौंप दिया है। कमेटी से सुनील जैन ने बताया कि रामलीला कमेटी के निर्देश पर हमने प्रस्ताव सौंप दिया है। दो दिन बाद उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया गया है, जहां वह अपनी बात रखेंगे।

सात सदस्यीय कमेटी करेगी निर्णय

रामलीला कमेटी संयोजक अनुराग शुक्ला ने बताया कि भगवान श्रीराम के विवाद में हम सभी जुटना चाहते हैं, इसलिए उत्साह के कारण विवाद देखने को मिलते हैं। यह नई बात नहीं हैं। हालांकि विवाद टालने के लिए दोनों पक्षों से प्रस्ताव 11 पदाधिकारियों के हस्ताक्षर के साथ मांगे गए और विवाद की स्थिति टालने का सुझाव भी लिया गया। दोनों के पत्र प्राप्त होने के बाद अब सात सदस्यीय कमेटी जो काफी अनुभवी है, निर्णय लेगी। दो तीन दिन में दोनों समितियों को बुलाकर भगवान के काम को खुशी-खुशी संपन्न कराने के लिए मिल जुलकर निर्णय लिया जाएगा। वर्ना अन्य विकल्पों पर विचार होगा।


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