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बढ़ती महंगाई से उद्योगों में छटनी का गहराया संकट

आगरा : डॉलर की मजबूत होती स्थिति और डीजल- पेट्रोल के बढ़ते दाम से शहर के उद्योगों की हालत चरमरा गई है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Sep 2018 09:00 AM (IST)Updated: Wed, 12 Sep 2018 09:00 AM (IST)
बढ़ती महंगाई से उद्योगों में छटनी का गहराया संकट
बढ़ती महंगाई से उद्योगों में छटनी का गहराया संकट

आगरा : डॉलर की मजबूत होती स्थिति और डीजल- पेट्रोल के बढ़ते दाम से शहर के उद्योगों की हालत चरमरा गई है। इसके चलते जिले में ही अब तक अलग-अलग उद्योगों में अब तक साढ़े सात हजार कर्मचारियों की छटनी की जा चुकी है। आने वाले समय में स्थिति और खराब होने की संभावना है।

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एक माह में डॉलर की कीमत 3.63 रुपये मजबूत हुई है। इसका असर पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर पड़ रहा है। नतीजन माल भाड़े में बढ़ोत्तरी कर दी गई। इससे उद्योगों को कच्चा माल मंगाने के लिए अतिरिक्त कीमत चुकानी पड़ रही है। मुनाफे पर असर पड़ा तो उद्योगों पर छटनी का संकट गहरा गया। सितंबर के पहले सप्ताह में ही जिले में विभिन्न उद्योगों से साढ़े सात हजार कर्मचारियों की छटनी हो चुकी है। इंजीनिय¨रग उद्योग से जुड़े अनूप गोयल ने बताया कि एक माह से उद्योगों की हालत खस्ता है। नए ऑर्डर रुकने से काम कम हो गया है। कई कंपनियों ने कर्मचारियों की छटनी करनी शुरु कर दी है। नेशनल चैंबर ऑफ इंडस्ट्री एंड कॉमर्स के अध्यक्ष राजीव तिवारी ने बताया कि निर्यातकों को नए ऑर्डर मिलने में इसका नकारात्मक असर पड़ेगा। कुल लेदर कारोबार

2017 - 2987.60 करोड़

2016 - 2895.97 करोड़

2015 - 3058.57 करोड़ किस क्षेत्र में कितने कर्मचारियों की छटनी

फुटवियर एंड लेदर - 3000

फाउंड्री - 800

इंजीनिय¨रग - 600

हैंडीक्राफ्ट - 1500

ट्रांसपोर्ट - 1200

टूर्स एंड ट्रेवल्स - 400 एक्सपोर्ट इंडस्ट्री

फुटवियर एंड लेदर - 3100

टूरिज्म - 2100

फाउंड्री - 800

इंजीनिय¨रग - 400

हैंडीक्राफ्ट -1200

(वार्षिक कारोबार करोड़ में) क्लस्टर - सालाना कारोबार-कुल रोजगार

कारपेट--400 --75000

मार्बल एंड स्टोन-1200-30000

शू- 3100 -200000

जरी जरदोजी-1400 - 30000

(वार्षिक कारोबार करोड़ में)

-डॉलर की मजबूर होती स्थित उद्यमियों के लिए परेशानी का सबब बन रही है। हालात अभी नहीं संभले तो आने वाले समय में उद्यमियों को और परेशानी होगी।

बी एस गोयल, कारपेट इंडस्ट्री डीजल के दाम बढ़ने से माल की ढुलाई महंगी हो गई है। इससे माल की लागत बढ़ रही है। डॉलर की मजबूत स्थिति भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए नुकसानदायक है।

-अवनीश कौशल, इंजीनिय¨रग इंडस्ट्री माल भाड़ा बढ़ने के कारण मुनाफा लगातार कम हो रहा है। जो ऑर्डर पहले से बुक थे अब उन्हें पूरा करने में ज्यादा लागत आ रही है।

-राजेश अग्रवाल, हैंडीक्राफ्ट इंडस्ट्री डॉलर में अभी और मजबूती देखने को मिलेगी। यह 74 रुपये के पार जाएगा। इससे अर्थव्यवस्था पर काफी असर पड़ेगा। हालात 2008 और 2013 जैसे नहीं हैं। उचित कदम उठाकर हालत पर काबू किया जा सकता है।

डॉ. शरद भारद्वाज, अर्थशास्त्री


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