मोहब्बत की नगरी में तलाक के खिलाफ आवाज सबसे ज्यादा मुखर, हैरान कर देगी ये खबर Agra News
कानून बनने के बाद जोन में आगरा में दर्ज हुए आठ मुकदमे सात आरोपित भेजे जेल। मथुरा और अलीगढ़ में दो-दो फीरोजाबाद और एटा में एक-एक मामला आया सामने।
आगरा, जागरण संवाददाता। तीन तलाक पर कानून बनने के बाद इसका सहारा लेने वालों में आगरा की मुस्लिम महिलाएं सर्वाधिक मुखर हैं। पूरे जोन में सबसे अधिक आठ मुकदमे यहीं दर्ज हुए हैं। सात आरोपितों को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भी भेज चुकी है। जोन के मथुरा, फीरोजाबाद, अलीगढ़ और एटा जिले में भी मुकदमे दर्ज हुए हैं।
31 जुलाई को मुस्लिम महिलाओं के विवाह का संरक्षण अधिनियम बनने के बाद महिलाओं ने उत्पीडऩ के खिलाफ आवाज उठाना शुरू कर दिया है। जोन में सबसे पहला मामला मथुरा में दर्ज हुआ। एक अगस्त को कोसी थाने के बाहर ही पति ने तलाक-तलाक-तलाक बोल दिया। इस मामले में दहेज उत्पीडऩ और मारपीट के साथ नए कानून के तहत मुकदमा दर्ज हुआ। मगर, आरोपित की गिरफ्तारी नहीं हो सकी। तब से 22 अगस्त तक आगरा जोन में नए कानून के तहत 14 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। इनमें से आगरा जिले में आठ मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। लोहामंडी थाने में दर्ज मुकदमे में शौहर और मलपुरा में लिखे गए मुकदमे में पति के साथ दो देवर, ससुर और ननद को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जगदीशपुरा में तीन तलाक की दो पीडि़ताओं ने मुकदमे लिखाए, इनमें से एक में आरोपित पति जेल चला गया। न्यू आगरा, ताजगंज, कोतवाली और हरीपर्वत थाने में दर्ज हुए मुकदमे में आरोपित अभी फरार हैं।
मथुरा और अलीगढ़ में कुल दो-दो मुकदमे दर्ज हो गए। जबकि एटा और फीरोजाबाद में एक-एक मुकदमे दर्ज हुए हैं। इनमें से किसी मामले में आरोपित की गिरफ्तारी नहीं हुई है। जोन के अन्य जिलों में अभी तक तीन तलाक का कोई मामला सामने नहीं आया है।
लखनऊ से हो रही मॉनीटरिंग
तीन तलाक के मामलों में लखनऊ से सीधे मॉनीटरिंग हो रही है। जोन में एडीजी अजय आनंद लगातार मॉनीटरिंग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जोन के सभी जिलों से अब तक दर्ज मामलों और उनमें की गई कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी थी। यह रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी गई है।
अधिकतर में दहेज उत्पीडऩ के मामले भी
अब तक दर्ज हुए तीन तलाक के मामलों में दहेज उत्पीडऩ, मारपीट, जान से मारने की धमकी के आरोप भी लगाए गए। इसलिए अधिकतर मुकदमों में इनकी धाराएं भी हैं। कुछ मामले ऐसे हैं, जिनमें पहले से दहेज उत्पीडऩ के केस कोर्ट में चल रहे थे। तीन तलाक के नए आरोप सामने आने पर मुकदमे दर्ज हुए।