Gold और डॉलर की तस्करी का आरोपी 34 साल बाद बरी, तीन अभियुक्तों की हो चुकी है मौत
आगरा में, 34 साल पहले सोने के बिस्किट और डॉलर की तस्करी के एक मामले में आरोपी अशोक कुमार गुप्ता को न्यायालय ने सबूतों की कमी के कारण बरी कर दिया। इस मामले में शामिल अन्य तीन आरोपियों की मुकदमे की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो गई थी। सीमा शुल्क विभाग ने 1991 में यह मामला दर्ज किया था।

जागरण संवाददाता, आगरा। सोने के बिस्किट और डालर की तस्करी के आरोपित को न्यायालय ने 34 वर्ष बाद साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। आरोपित तीन अन्य लोगों की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो चुकी है। तीन दशक से अधिक पुराने मुकदमे में न्यायालय द्वारा कई बार अवसर प्रदान किए जाने के बाद भी हाजिर नहीं हुए।
मामले के अनुसार 23 फरवरी 1991 को न्यू अागरा थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। सीमा शुल्क एवं केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग के अधीक्षक आरबी गुप्ता टीम ने टीम के साथ शाहदरा चेक पोस्ट, टूंडला-आगरा हाईवे पर चेकिंग के दौरान एक कार को पकड़ा था।कार की तलाशी लेने पर उसमें कुछ नहीं मिला।
जिस पर उसमें सवार चारों लोगों को संजय प्लेस स्थित कार्यालय पर लाकर उनकी तलाशी ली गई। चारों के प्राइवेट पार्ट से कंडोम में रखे सोने के 27 बिस्कुट व 100-100 डालर के दस नोट बरामद हुए थे। विभाग द्वारा मामले में कचहरी घाट के रहने वाले जितेंद्र कुमार जैन, श्याम कुमार, फिरोजाबाद के थाना कोतवाली स्थित कटरा सुनरम के रहने वाले नरेंद्र कुमार व न्यू आदर्श नगर बल्केश्नर के रहने वाले अशोक कुमार गुप्ता के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था।
मुकदमे के विचारण के दौरान अशोक कुमार गुप्ता के अलावा तीनों आरोपितों की मृत्यु होने पर न्यायालय ने उनके विरुद्ध कार्यवाही समाप्त कर दी। अभियाेजन की ओर से साक्ष्य के रूप में सिर्फ अधीक्षक लालाराम को पेश किया गया।
अन्य गवाहों को पेश नहीं किया गया। बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं निर्भय गुप्ता व विक्रांत गुप्ता के तर्क पर विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट अचल प्रताप सिंह ने आरोपित अशोक कुमार गुप्ता को साक्ष्य के अभाव में बरी करने के आदेश दिए।

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