भरतपुर के पत्थरों से अब आगरा किला की दीवार की लौटेगी रंगत Agra News
अमर सिंह द्वार से बंगाली बुर्ज तक किया जाएगा संरक्षण। ड्रेन कवर समेत निकले पत्थर लगेंगे खराब पत्थर भी बदलेंगे।
आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा किले की दीवार की रंगत एक बार फिर लौटेगी। अमर सिंह द्वार से लेकर बंगाली बुर्ज तक दीवार से निकले पत्थरों की जगह नए पत्थर लगाए जाएंगे। खराब पत्थरों को बदला जाएगा। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने इसके लिए टेंडर किया है। इस काम पर करीब 45 लाख रुपये का व्यय होगा।
आगरा किले की दीवार से कई जगह पत्थर निकल गए हैं। एएसआइ द्वारा इसका चरणबद्ध संरक्षण कराया जा रहा है। पूर्व में अमर सिंह द्वार से दिल्ली दरवाजे तक संरक्षण कराया जा चुका है। अब एएसआइ ने अमर सिंह द्वार से बंगाली बुर्ज तक किले की बाहरी दीवार के संरक्षण को 11.42 लाख रुपये की निर्माण सामग्री की खरीद को टेंडर किया है। बंगाली बुर्ज अकबरी महल के किनारे पर स्थित है। यहां दीवार से निकले पत्थरों को लगाया जाएगा। अत्यधिक खराब हो चुके पत्थरों की जगह दूसरे पत्थर लगाए जाएंगे। दीवार के डिजाइन वाले, गोलाई वाले, कंगूरे के डिजाइन वाले पत्थर दोबारा लगेंगे। रेड सैंड स्टोन के चिमनी के डिजाइन वाले खराब हो चुके ड्रेन कवर दोबारा लगाए जाएंगे। इसके लिए यहां 50 फुट ऊंची पाड़ बांधी जाएगी। बारीक काम होने की वजह से संरक्षण कार्य करीब आठ माह में पूरा हो सकेगा।
अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि आगरा किला में विभिन्न चरणों में संरक्षण कार्य किया जा रहा है। अमर सिंह द्वार से बंगाली बुर्ज तक बाहरी दीवार का संरक्षण शीघ्र शुरू किया जाएगा।
बंशी पहाड़पुर से आएगा पत्थर
आगरा किला में मुगल काल में तांतपुर का रेड सैंड स्टोन लगाया गया था। तांतपुर में पहाड़ी खत्म होने से अब भरतपुर के बंशी पहाड़पुर से मंगाया गया रेड सैंड स्टोन संरक्षण में इस्तेमाल किया जाएगा।