फ्लाइट नहीं आने से पर्यटन को झटका
आगरा: एयर डेक्कन द्वारा किए गए छल से ताजनगरी के पर्यटन उद्योग को झटका लगा है।
जागरण संवाददाता, आगरा: एयर डेक्कन द्वारा किए गए छल से ताजनगरी के पर्यटन उद्योग को झटका लगा है। रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम में दिल्ली-आगरा के बीच घोषणा व बुकिंग के बावजूद एयर डेक्कन द्वारा फ्लाइट का संचालन नहीं किए जाने से शहर की उम्मीद टूट गई है। कंपनी पर धोखा देने के मामले में कार्रवाई की मांग की जा रही है।
ताजनगरी देश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शुमार है। दुनियाभर से ताज निहारने यहां सैलानी आते हैं। पिछले वर्ष ही देसी-विदेशी करीब 80 लाख पर्यटक आगरा आए थे। बड़े शहरों से आगरा के लिए फ्लाइट सीधे नहीं होने से उन्हें सड़क या रेल मार्ग से आना पड़ता है। इसके चलते उनका काफी समय बर्बाद होता है। इसके चलते वर्षो से आगरा के लिए नियमित फ्लाइट की मांग उठती रही है। जनप्रतिनिधि इसके लिए वादे तो खूब करते हैं, लेकिन उसे हकीकत का जामा पहनाने को उचित कदम नहीं उठाते।
फीता काटने और श्रेय लेने तक सीमित जनप्रतिनिधि
पर्यटन उद्यमी शहर के जनप्रतिनिधियों की नीयत पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं। उनका कहना है कि जनप्रतिनिधियों ने एयरपोर्ट पर जयपुर फ्लाइट की शुरुआत और बाउंड्रीवॉल के निर्माण के शिलान्यास पर अपना चेहरा चमकाया। इसे वह अपनी उपलब्धि बताकर गुणगान कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने यह जानकारी करने की जहमत तक नहीं उठाई कि जयपुर फ्लाइट आखिर बंद क्यों हुई? वह संगठनों पर भी सवाल उठाते हैं। मंदिर का वैकल्पिक रास्ता बनाए जाने के बावजूद रास्ता बंद होने पर वह तोड़फोड़ कर सरकारी संपत्ति को क्षति पहुंचाते हैं। पर्यटकों को भयभीत करते हैं, लेकिन जनता से जुड़े मुद्दों की उन्हें कतई परवाह नहीं है। जनप्रतिनिधियों को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। उन्हें नियमित फ्लाइट की शुरुआत को दबाव बनाने की रणनीति अपनानी चाहिए। गोल्डन ट्राएंगल की बातें खूब होती हैं, लेकिन वह फ्लाइट से ही नहीं जुड़ा।
-सुनील गुप्ता, चेयरमैन आइटो नोर्दन रीजन आगरा के साथ यह धोखाधड़ी है। फ्लाइट की शुरुआत के नाम पर शहर को हमेशा ठगा जाता रहा है। सरकार को ऐसा करने वाली कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। जनप्रतिनिधियों को सही मंच पर बात उठानी चाहिए।
-संजय शर्मा, अध्यक्ष एप्रूव्ड गाइड एसोसिएशन