जरूरी सूचना! नदी में तब्दील हो गया है यूपी को दिल्ली से जोड़ने वाला एक हाईवे, 12-12 घंटे का लग रहा जाम
आगरा-दिल्ली हाईवे पर गुरुवार को भारी बारिश के कारण जलभराव हो गया जिससे करीब 12 घंटे तक जाम लगा रहा। अरतौनी फ्लाईओवर के पास हाईवे और सर्विस रोड पर छह फीट तक पानी भर गया जिससे 200 से अधिक दोपहिया तीन पहिया और चार पहिया वाहन बंद हो गए। डीएम भानु चंद्र गोस्वामी ने हाईवे का निरीक्षण किया और एनएचएआइ अधिकारियों पर नाराजगी जताई।
जागरण संवाददाता, आगरा। झमाझम बरसात से नेशनल हाईवे-19 गुरुवार सुबह से लेकर शाम तक नदी में तब्दील हो गया। आगरा-दिल्ली लेन पर 12 घंटे तक करीब छह किमी लंबा जाम लगा रहा। सैकड़ों यात्रियों और वाहन चालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। अरतौनी फ्लाईओवर, रुनकता के पास हाईवे और सर्विस रोड पर छह फीट तक पानी भर गया।
200 से अधिक दोपहिया, तीन पहिया और चार पहिया वाहन बंद हुए। पानी में फंसे तीन और चार पहिया वाहनों को बाहर निकालने के लिए दो से ढाई हजार रुपये की वसूली की गई। दोपहर तीन बजे डीएम भानु चंद्र गोस्वामी ने हाईवे का निरीक्षण किया। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के अधिकारियों पर नाराजगी जताई। इसके बाद पंप सेट और टैंकरों की संख्या ब़ढ़ाई गई।
एनएचएआइ के अधिकारियों ने दो और चार सितंबर को हुए हाईवे पर जलभराव से सीख नहीं ली। 28 करोड़ रुपये से बने नाला सफाई के नाम पर रस्म अदायगी की गई। बुधवार रात झमाझम बरसात होने का असर गुरुवार सुबह चार बजे से पड़ना शुरू हो गया। नाला ओवरफ्लो होने लगा। अरतौनी फ्लाईओवर के पास आगरा से मथुरा की तरफ की लेन और सर्विस रोड पर पानी भरना शुरू हो गया।
जल निकासी का इंतजाम न होने से एक के बाद एक वाहन फंसने लगे और जाम लगना शुरू हो गया। सुबह आठ बजे एनएचएआइ अधिकारी पहुंचे और ट्रैक्टर में पंपसेट लगाकर जल निकासी शुरू की। 40 मिनट के बाद यह खराब हो गया। सुबह नौ बजे जेट सीवर सकिंग मशीनें लगाई गईं। कुछ घंटे में यह हांफ गईं। इस बीच अरतौनी से लेकर सिकंदरा सब्जीमंडी से आगे तक छह किमी लंबा जाम लग गया।
80 ट्रक, 100 कार, दो सरकारी और छह अनुबंधित बसें, 50 आटो सहित अन्य वाहन बंद हो गए। एक क्रेन और एक हाइड्रा पानी में फंसे वाहनों को बाहर निकालने के लिए पहुंची। हाइड्रा संचालक ने दो हजार से लेकर ढाई हजार रुपये की वसूली शुरू कर दी। कई चालकों ने इसका विरोध किया क्योंकि यह सुविधा मुफ्त में मिलनी चाहिए थी।
प्रशासनिक अधिकारियों से इसकी शिकायतें की गईं। दोपहर तीन बजे डीएम भानु चंद्र गोस्वामी, नगरायुक्त अंकित खंडेलवाल ने हाईवे का निरीक्षण किया। अरतौनी फ्लाईओवर के पास जल निकासी के ठीक तरीके से इंतजाम करने पर जोर दिया। सहायक प्रबंधक और इंजीनियरों को तलब कर लिया।
डीएम ने निर्देश पर दस पंपसेट और इतने ही टैंकर लगाकर जल निकासी शुरू हुई। शाम 4.10 बजे जाम खुलना चालू हुआ। शाम पांच बजे फिर से जाम लगना शुरू हो गया। हालांकि जाम की लंबाई एक किमी रही। उधर, अरतौनी से लेकर वाटरवर्क्स तक जगह-जगह हाईवे पर पानी भरा रहा। नगरायुक्त आवास के सामने दोनों तरफ दो-दो पंप सेट लगाए गए।
किस बात का टोल टैक्स
एनएचएआइ मथुरा खंड को हर दिन 50 लाख रुपये का टोल टैक्स मिलता है। टोल रोड पर हर इंतजाम होने चाहिए लेकिन अधिकारियों द्वारा नहीं किया जा रहा है। वाहन चालक वीरेंद्र भारती ने बताया कि आखिर किस बात का टोल टैक्स लिया जा रहा है। जब हाईवे पर छह फीट तक पानी भर गया है। वाहन चालक सोनश्री का कहना है कि हाईवे और सर्विस रोड पर जलभराव से परेशानी हुई। जाम में दस घंटे तक फंसे रहे। किसी तरीके से वाहन बाहर निकला।
यह हैं जिम्मेदार
एनएचएआइ मथुरा खंड के परियोजना निदेशक वीके जोशी, प्रबंधक मनन खान, मरम्मत प्रबंधक अभिषेक पराशर।
मैकेनिक ने काटी चांदी
अरतौनी फ्लाईओवर के आसपास दर्जनभर मोटरसाइकिल मरम्मत की दुकानें हैं। गुरुवार को मैकेनिकों ने मनमाने रुपये लिए। 200 से लेकर एक हजार रुपये लिए। कई वाहन चालकों का इसे लेकर विवाद भी हुआ।
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