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गुरु बिन नहीं हो सकती ज्ञान की परिकल्पना

आगरा: गुरु बिना ज्ञान की परिकल्पना भी नहीं की जा सकती। वे हमें सच्चाई के मार्ग पर चलने का बोध कराएंगे।

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Sep 2018 10:00 AM (IST)Updated: Sat, 15 Sep 2018 10:00 AM (IST)
गुरु बिन नहीं हो सकती ज्ञान की परिकल्पना
गुरु बिन नहीं हो सकती ज्ञान की परिकल्पना

आगरा: गुरु बिना ज्ञान की परिकल्पना भी नहीं की जा सकती। वे हमें सच्चाई के मार्ग पर चलने का बोध कराते हैं। उनके दिशा-निर्देशन में ही हम उन्नति का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं। शुक्रवार को दैनिक जागरण की जागरण संस्कारशाला के तहत छलेसर स्थित आगरा वनस्थली विद्यालय में कार्यक्रम हुआ।

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शिक्षक का महत्व विषय पर हुए कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं को कहानी के माध्यम से शिक्षकों व बड़ों के सम्मान की सीख दी गई। बताया कि बच्चे जो अपने परिजनों से सीखते हैं उसे ही आत्मसात करते हैं। इसलिए बच्चों के सामने हमेशा अच्छा व्यवहार करें। कहानी सुनाने के बाद बच्चों से प्रश्न भी पूछे गए। स्कूल प्रबंधक मनीष कुमार मित्तल ने कहा कि शिक्षक समाज का वह अंग है, जो देश के भविष्य की नींव रखता है। प्रबंधक वीके शर्मा, नीरजा शर्मा, कुसुम अग्रवाल, दिनेश शर्मा, प्रशांत शर्मा आदि मौजूद रहे। - इस कार्यक्रम में गुरु व बड़ों का सम्मान करने की सीख दी गई। गुरू ही हमें सही रास्ता दिखाकर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं।

ऋषि पचौरी, कक्षा दस

- गुरू ही हमें सही-गलत का अंतर बताते हैं। इससे प्रेरणा लेनी चाहिए। दैनिक जागरण के इस कार्यक्रम से हमें अच्छी सीख मिली।

रश्मि बघेल, कक्षा सात

- शिक्षकों का सम्मान सर्वोपरि है। कई बार वे सख्ती से पेश आते हैं तो हमें अच्छा नहीं लगता। हमें उनकी बातों को गहराई से समझना चाहिए।

कंचन सिंह, कक्षा छह

- छोटों के साथ अच्छा व्यवहार की सीख हमें शिक्षक ही देते हैं। उनकी बातों पर अमल किया तो हमें आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता।

शालू जादौन, कक्षा दस दैनिक जागरण के कार्यक्रम से हमें बड़ों का सम्मान करने की सीख मिली। उनकी बातें माननी चाहिए। वह हमेशा हमारा भला चाहते हैं।

अर्पित गौतम, कक्षा तीन

----------------------- शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका आगरा: सेंट एंड्रूज पब्लिक स्कूल कर्मयोगी एंक्लेव के छात्रों ने शिक्षकों के प्रति अपनी भावना कुछ इस तरह व्यक्त की।

- शिक्षकों की हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। वही हमें सही और गलत का बोध कराते हैं। हमें हमेशा उनका सम्मान करना चाहिए।

अभय तोमर, कक्षा छह - हमें शिक्षक की सभी बातों का अनुसरण करना चाहिए। जीवन के पथ पर आगे बढ़ने के लिए शिक्षकों की अहम भूमिका होती है।

आकाश जादौन, कक्षा नौ - हमारी गलती पर शिक्षक सख्ती दिखाएं तो उनकी बातों का बुरा नहीं मानना चाहिए। वे हमारे भले के लिए ही तो सख्ती से पेश आते हैं।

अतिका शर्मा, कक्षा छह - शिक्षा बिना जीवन व्यर्थ है। ऐसे ही शिक्षक के बिना भी ज्ञान नहीं मिल सकता। वे हमें हमेशा सच्चाई के रास्ते पर चलने की सीख देते हैं।

हेमंत सिंह, कक्षा सात - शिक्षक हमारी गलतियों को सुधार कर सही मार्ग पर बढ़ने की सीख देते हैं। मैं कभी भी उनकी बातों को अनसुना नहीं करूंगी।

कविता तोमर, कक्षा आठ - ज्ञान की रोशनी को हर ओर पहुंचाने का काम शिक्षक ही करते हैं। इसलिए हमें हमेशा उनका उपकार मानते हुए सम्मान करना चाहिए।

प्रियांशू यादव, कक्षा नौ - शिक्षकों की डांट पर हम बुरा मान जाते हैं लेकिन वह हमेशा हमारी अच्छाई के लिए ही डांटते हैं। हमें उनका सम्मान करना चाहिए।

रोहन सिंह, कक्षा छह - माता पिता हमारे पहले गुरु होते हैं। वही हमें शिक्षा के मंदिर में ले जाते हैं। जहां हमें गुरु का सानिध्य मिलता हे। उनका योगदान काफी महत्व रखता है।

समीक्षा जैन, कक्षा दस - हमें अपनों से बड़ों की बातों को हमेशा धैर्यपूर्वक सुनना चाहिए। वह सही रास्ते पर चलते की सीख देते हैं। उनकी बातों का अनुसरण करना चाहिए।

सानिया यादव, कक्षा सात - कभी-कभी हमसे छोटे भी हमें सीख देते हैं। उनकी बातों को अनदेखा नहीं करना चाहिए। ज्ञान जहां से भी प्राप्त हो, हमें ले लेना चाहिए।

सोनम खान, कक्षा आठ - शिक्षक हमेशा छात्रों के बेहतर भविष्य के लिए प्रयास करते हैं। उनकी बातों को अनसुना नहीं करना चाहिए। उनकी सभी बातों को मानना चाहिए।

यशराज यादव, कक्षा दस


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