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आठ माह में डलावघर मुक्त होगा शहर

नगर निगम के सौ वार्डों में 300 हैं डलावघर तीन साल में 40 डलावघर हुए हैं बंद डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन को बेहतर तरीके से किया जाएगा लागू

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Jul 2021 08:06 PM (IST)Updated: Wed, 21 Jul 2021 08:06 PM (IST)
आठ माह में डलावघर मुक्त होगा शहर
आठ माह में डलावघर मुक्त होगा शहर

आगरा, जागरण संवाददाता। आठ माह में शहर को डलावघर मुक्त किया जाएगा। इसकी अंतिम तारीख 31 मार्च 2022 तय की गई है। शहर में 300 डलावघर हैं। तीन साल के भीतर 40 डलावघर बंद हुए हैं, जबकि आठ माह के भीतर 260 डलावघर को बंद करना होगा। इसके लिए डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन को बेहतर तरीके से लागू किया जाएगा। अभी तक छह वार्डों में सौ फीसद कूड़ा कलेक्शन शुरू हो गया है।

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दैनिक जागरण ने बुधवार को अंक में ताजनगरी के दामन पर गंदगी के दाग शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। ठीक तरीके से कूड़ा कलेक्शन न होने और कूड़ा न उठाने की समस्या को उठाया था। इस पर मेयर नवीन जैन ने कैंप कार्यालय में नगर आयुक्त निखिल टीकाराम सहित अन्य अफसरों के साथ बैठक की। 30 अक्टूबर तक की कार्य योजना तैयार की गई है। डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन पर फोकस किया जाएगा। इससे लोग अब गली या फिर सड़कों पर कूड़ा नहीं फेंक सकेंगे, और डलावघर को खत्म करने में मदद मिलेगी। नगर आयुक्त ने बताया कि शहर से प्रतिदिन निकलने वाले कूड़े में लगभग 53 फीसद कूड़ा घरों से आता है, जिसमें 24 फीसद किचन वेस्ट होता है जबकि अन्य में रद्दी, कांच, रबर, प्लास्टिक, टेक्सटाइल सहित कचरा होता है। 23 फीसद कूड़ा प्रतिष्ठानों व रेस्टोरेंट और 15 फीसद कूड़ा खुले स्थानों व औद्योगिक क्षेत्रों, नौ फीसद कूड़ा गलियों की सफाई या नाली के सिल्ट के रूप में होता है।

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आसान नहीं होगा सभी डलावघर को हटाना :

नगर निगम कार्यालय में सप्ताह में तीन से चार शिकायतें डलावघर को बंद करने को लेकर पहुंचती हैं। इन शिकायतों की जांच के आदेश दिए जाते हैं लेकिन ठोस रणनीति न होने के कारण अमल नहीं किया जाता है। जनता के सहयोग से डलावघर को हटाया जाएगा, लेकिन पुराने शहर में डलावघर को हटाना आसान नहीं होगा। क्योंकि डलावघर को हटाकर कंटनेर रखा जाएगा। तंग गलियों में गाड़ी नहीं पहुंच सकेगी।

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ताजमहल के दो किमी में बेहतर तरीके से कार्य :

ताजमहल के दो किमी के क्षेत्र में लायंस सर्विसेज कंपनी को सफाई का ठेका मिला है। कूड़ा कलेक्शन के साथ ही झाड़ू और नालियों की सफाई भी करनी है। ताजगंज के छह वार्डों में यह कार्य शुरू हो गया है। एकत्रित कूड़े का 70 फीसद सेग्रिगेशन भी किया जा रहा है। इसी तरह से सूखे और गीले कूड़े को अलग-अलग निस्तारित किया जाएगा।

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यहां तो बदहाल पड़े हैं अंडरग्राउंड डलावघर :

तीन साल पूर्व नगर निगम प्रशासन ने खंदारी, भगवान टाकीज सहित अन्य क्षेत्रों में आठ अंडरग्राउंड डलावघर का निर्माण किया था। यहां ठीक तरीके से कूड़े का उठान नहीं किया जा रहा है। अंडरग्राउंड डलावघर बदहाल पड़े हुए हैं।

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सड़कों पर न फेंके कूड़ा :

मेयर नवीन जैन ने लोगों से गलियों या फिर सड़कों पर कूड़ा न फेंकने की अपील की है। कहा कि कूड़ा कंटेनर में ही फेंके। जल्द ही 100 से अधिक कंटेनर रखे जाएंगे।

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लगाए गए हैं हैंगिग डस्टबिन :

एक साल पूर्व नगर निगम प्रशासन द्वारा शहर भर में 1200 हैंगिग डस्टबिन लगाए गए थे। 40 फीसद डस्टबिन से ठीक तरीके से कूड़े का उठान नहीं हो रहा है।

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