बढ़ जाएगा ऑडिट का काम और खर्च
आगरा: टैक्स ऑडिट पर ज्यादा बोझ डालने से ऑडिटर और करदाता का कार्यभार भी बढ़ जाएगा।
जागरण संवाददाता, आगरा: टैक्स ऑडिट पर ज्यादा बोझ डालने से ऑडिटर और करदाता का कार्यभार बढ़ गया है। अब करदाता को बहुत सारे विवरण तैयार कराने होंगे। इसकी वजह से ऑडिट का काम और खर्चा भी बढ़ जाएगा। यह चर्चा शनिवार को द इंस्टीट्यूट ऑफ एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया की संजय प्लेस स्थित शाखा कार्यालय पर हुई वर्कशॉप में हुई।
इंप्लीकेशन ऑफ ऑडिटिंग स्टेंडर्ड ऑन टैक्स ऑडिट एंड डिस्कशन ऑन सेक्शन 44 एडी अंडर इनकम टैक्स एक्ट विषय पर हुई चर्चा में सीए शशि कुमार अग्रवाल ने बताया कि सीबीडीटी ने नए नोटिफिकेशन में टैक्स ऑडिटर पर काफी बोझ डाल दिया है। 20 अगस्त 2018 के बाद की टैक्स ऑडिट रिपोर्ट में टैक्स ऑडिटर को किसी भी संपत्ति जैसे शेयर, अचल संपत्ति आदि के विक्रय मूल्य एवं स्टाम्प वैल्यू के अंतर को रिपोर्ट करना होगा। किसी भी व्यक्ति, फर्म व कंपनी द्वारा पूंजीगत संपत्तियों में यदि किसी राशि को जब्त कर लेता है, तो इसे भी टैक्स ऑडिट में देना होगा। साथ ही वक्ता ने बताया दो लाख रुपये ज्यादा के लेनदेन विवरण को भी वर्णनात्मक टैक्स ऑडिट में देना होगा। अंतरराष्ट्रीय लेनदेन का विवरण भी इसमें देना होगा। रिपोर्ट में यह भी बताना होगा कि कोई राशि प्राप्त हुई है या भुगतान हुआ है तो क्या वह एकाउंट पेई चैक या ईसीएस, आरटीजीएस आदि से हुआ या नॉन एकाउंट पेई चैक से। वक्ता सीएम मनोज खुराना ने बताया कि नए रिटर्न से प्रक्रिया सरल और सहज न होकर कठिन और लंबी हो गई है। सीए विवेक गोयल ने टैक्स रिपोर्ट में टीसीएस की जानकारी दी। सीए गौरव मल्होत्रा ने आयकर अधिनियम धारा 44 एडी व एडीए पर विचार व्यक्त किए। इस दौरान शाखा अध्यक्ष सीए मोहनलाल कुकरेजा, सीए सुदीप जैन, सीए शरद पालीवाल, सिकासा अध्यक्ष सीए रोहित दुआ, सीए दीपिका मित्तल आदि मौजूद रहीं।