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सत्संग संग द्वि-शताब्दी समारोह शुरू

आगरा: राधास्वामी मत के प्रवर्तक परम पुरुष पूरन धनी स्वामीजी महाराज की स्वामीबाग स्थित पवित्र समाध पर सत्संग शुरू हो गया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 31 Aug 2018 11:35 PM (IST)Updated: Fri, 31 Aug 2018 11:35 PM (IST)
सत्संग संग द्वि-शताब्दी समारोह शुरू
सत्संग संग द्वि-शताब्दी समारोह शुरू

आगरा: राधास्वामी मत के प्रवर्तक परम पुरुष पूरन धनी स्वामीजी महाराज की स्वामीबाग स्थित पवित्र समाध पर अखंड सत्संग संग द्वि-शताब्दी समारोह की शुरुआत शुक्रवार को हो गई। देश-विदेश से आए सत्संगियों ने पवित्र समाध के दर्शन कर मालिक के चरणों में मत्था टेक आशीर्वाद लिया। राधास्वामी धुन के साथ गुरुओं के वचन गूंजते रहे।

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राधास्वामी सत्संग, स्वामीबाग द्वारा स्वामीजी महाराज के अवतरण के 200 वर्ष पूरे होने पर सात दिवसीय द्वि-शताब्दी समारोह आयोजित किया गया है। इसकी शुरुआत शुक्रवार सुबह बाबूजी महाराज की कोठी पर सत्संग से हुई। सुबह छह बजे सत्संग शुरू हुआ, जो एक घंटे तक चला। देश-विदेश से आए सत्संगियों ने इसमें भाग लिया। इसके बाद सुबह 9:30 बजे स्वामीजी महाराज की पवित्र समाध पर सत्संग शुरू हुआ। एक घंटे तक सत्संग चला। इसके साथ ही समाध पर अखंड सत्संग की शुरुआत हो गई। यह सत्संग अब छह सितंबर की रात 12 बजे तक चलेगा। समारोह में देश-विदेश से आए सत्संगी दिनभर पवित्र समाध के दर्शन कर स्वयं को धन्य करते रहे। मालिक के चरणों में मत्था टेक आशीर्वाद उन्होंने लिया।

भक्ति सच्ची होनी चाहिए

प्रवचन में गुरुओं के वचन कहे गए। वचनों में कहा गया कि भक्ति का नमूद करना या शेखी मारना, नादानी का काम है। भक्ति सच्ची होनी चाहिए। भक्तजनों को भक्ति करते देखकर अभक्तों को परेशानी होती है। वह बाधाएं डालते हैं। यह सच्ची भक्ति की पहचान है। इस दुनिया में न कोई शत्रु है न मित्र है। मालिक की भक्ति से कोई नाराज हो तो चिंता मत करो। मालिक ही सच्चे मित्र हैं। राधास्वामी कहत सुनाई, जैसे बने करत भक्ति..। कैसे भी हो भक्ति करो।

तीन को आरती सत्संग

स्वामीजी महाराज का अवतरण 24 अगस्त 1818 को हुआ था। उस दिन जन्माष्टमी थी। इस बार जन्माष्टमी तीन सितंबर को है। तीन सितंबर को मुख्य आयोजन होगा। तीन सितंबर को स्वामीबाग स्थित पवित्र समाध पर सुबह 9:30 बजे से आरती सत्संग होगा। इस दिन शताब्दी भंडारा भी होगा।

प्रतिदिन चार सत्संग

स्वामीबाग में प्रतिदिन चार सत्संग होते हैं। प्रात:काल दो बार सत्संग होता है, जबकि शाम को और रात को दो सत्संग होते हैं। समारोह के लिए सत्संग के समय में परिवर्तन के साथ जगह तय की गई हैं। समारोह में यहां अलग-अलग समय सत्संग होगा।

25 हजार सत्संगी ले रहे भाग

द्वि-शताब्दी समारोह में देश-विदेश से आए करीब 25 हजार सत्संगी जुटे हैं। शुक्रवार तक बाहर से करीब 20 हजार सत्संगी आगरा पहुंच चुके थे। उनके आने का सिलसिला जारी है। तीन सितंबर तक उनका आना जारी रहेगा। इनके अलावा स्थानीय सत्संगी भी बड़ी संख्या में समारोह में शामिल हुए हैं।

समारोह में आज

सुबह 6:00 बजे: पवित्र समाध पर सत्संग

सुबह 9:30 बजे: बाबूजी महाराज की कोठी पर सत्संग

शाम 5:00 बजे: बाबूजी महाराज की कोठी पर सत्संग

रात 8:00 बजे: भजनघर पर सत्संग।


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