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तीन इकाइयों ने किए साढ़े तीन करोड़ सरेंडर

जागरण संवाददाता, आगरा: आयकर विभाग का तीन इकाइयों पर शुरू हुआ सर्वे गुरुवार रात करीब 30 घंटे बाद खत्म

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Jun 2018 10:24 PM (IST)Updated: Thu, 21 Jun 2018 10:24 PM (IST)
तीन इकाइयों ने किए साढ़े तीन करोड़ सरेंडर
तीन इकाइयों ने किए साढ़े तीन करोड़ सरेंडर

जागरण संवाददाता, आगरा: आयकर विभाग का तीन इकाइयों पर शुरू हुआ सर्वे गुरुवार रात करीब 30 घंटे बाद खत्म हुआ। विभाग की रेंज फोर ने कार्रवाई के बाद सोल, दवा और डेयरी कारोबारी के प्रतिष्ठानों से करीब साढ़े तीन करोड़ की अघोषित आय को सरेंडर कराया है।

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आयकर विभाग की रेंज-फोर के 30 से ज्यादा अधिकारियों ने 30 घटे तक सर्वे कार्रवाई को अंजाम दिया। सिकंदरा यूपीएसआइडीसी स्थित डीएसएम सोल प्रोडक्ट्स, फव्वारा स्थित एचएमजी ड्रग हाउस और फतेहाबाद रोड स्थित आदर्श डेयरी पर गुरुवार रात तक चली कार्रवाई के बाद विभागीय टीमों ने कुल साढ़े तीन करोड़ रुपये की अघोषित आय सरेंडर कराई। आदर्श डेयरी पर देर तक चली कार्रवाई

सबसे ज्यादा देर आदर्श डेयरी पर हुई। यहां सर्वे की कार्रवाई देर शाम तक चलती रही। सर्वे कार्रवाई में शामिल अधिकारियों ने बताया कि तीनों इकाइयों का टर्न ओवर और टैक्स जमा करने के आंकड़ों में काफी अंतर था। लेनदेन संदिग्ध थे। नोटबंदी के दौरान अघोषित नकदी जमा करना भी इस कार्रवाई का प्रमुख आधार माना जा रहा है। यह रहे कार्रवाई में शामिल

कार्रवाई में प्रधान आयकर आयुक्त सीमा राज, अपर आयुक्त बेलू सिन्हा, डिप्टी कमिश्नर बीनू, आयकर अधिकारी अजय कुमार दुबे, हरिओम सिंह, सर्वेश गुप्ता, राकेश बाबू, आयकर निरीक्षक अजय श्रीवास्तव, योगेंद्र सिंह, राकेश मोहन, बाला प्रसाद आदि शामिल थे। बाजार में दिखा कार्रवाई का खौफ

बुधवार को शुरु हुई आयकर विभाग की इस सर्वे कार्रवाई का खौफ गुरुवार को भी नजर आया। तीनों प्रतिष्ठानों से व्यापार करने वाले अधिकतर व्यापारियों ने गुरुवार को कार्रवाई के डर से प्रतिष्ठंान खोले नहीं। फोन पर एक दूसरे से हालातों की जानकारी लेते रहे। आने वाले दिनों में होंगी और कार्रवाई

आयकर विभाग के सूत्रों की माने विभाग की यह कार्रवाई अब आने वाले दिनों में और रफ्तार पकड़ सकती है। विभाग के रडार पर अब भी करीब दो दर्जन व्यापारी हैं। वहीं नोटबंदी के दौरान ज्यादा कैश जमा कराने वालों पर भी विभाग की नजरें टेढ़ी हैं। उनके नोटिस का जवाब मिलने और जीएसटी रिकार्ड खंगाला जा रहा है। वहीं मुखौटा कंपनियों के खातों में जमा कराई ज्यादा नकदी के मामलों में भी विभाग शिकंजा कसने की तैयारी में है।


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