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देख नीरज को निदा ने कहा होगा, आओ पार्टनर तुम्हें गले लगा लूं

कवि कुमार विश्वास ने महाकवि नीरज को बताया साहित्यकारों का पीर। कृतित्व और व्यक्तित्व को याद कर दी श्रद्धांजलि।

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Jul 2018 11:29 AM (IST)Updated: Sat, 21 Jul 2018 12:09 PM (IST)
देख नीरज को निदा ने कहा होगा, आओ पार्टनर तुम्हें गले लगा लूं
देख नीरज को निदा ने कहा होगा, आओ पार्टनर तुम्हें गले लगा लूं

आगरा(जागरण संवाददाता): खो दिया हमने तुम्हें तो पास अपने क्या रहेगा..। एक गहरा और कभी न भरने वाला रिक्त स्थान महाकवि नीरज छोड़ गए हैं। महाकवि गोपाल दास नीरज को अंतिम विदाई देने पहुंचे कवि कुमार विश्वास ने महाकवि का जाना एक पुल का गिरना सरीखा कहा। दिवंगत कवि की पत्‍‌नी स्वर्गीय मनोरमा शर्मा के न्यू सरस्वती नगर, बल्केश्वर स्थित आवास पर अंतिम दर्शन के लिए साहित्यकार और राजनेताओं सहित समाजसेवियों की भीड़ जुट गई। कवि नीरज का दिल्ली से आगरा जब पार्थिव शरीर पहुंचा तो उसके कुछ समय बाद ही कवि कुमार विश्वास श्रद्धा सुमन अर्पित करने पहुंचे। कवि के पुत्र शशांक प्रभाकर को सांत्वना दीं। उन्होंने कहा कि नीरज जी का जाना एक पुल का गिरना है। उन्होंने हर कण्ठ पर राज किया। पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू और अटल बिहारी वाजपेयी ने उनके गीत गुनगुनाये तो अभिनेता देव आनंद, राज कपूर आदि उनके गीतों पर थिरके। दिवंगत शायर निदा फाजली ने जब स्वर्ग में गोपालदास नीरज को देखा होगा तो कहा होगा कि आओ पार्टनर तुम्हें गले लगा लूं। दोनों रचनाकार एक दूसरे के पूरक की भांति थे। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने बताया कि जब नीरज जी 82 साल की उम्र में बीमार पड़े थे तो उन्होंने कहा था कि मैंने ज्योतिषीय गणना कर ली है। 100 वर्ष तक जीवित रहूंगा। हर बार वो अपना गीत सुनाकर काल के दूत को लौटा देते थे। परसों कोई ऐसा काल का दूत आया जो संवेदनहीन था। कवि नीरज के व्यक्तित्व पर उन्होंने कहा कि गोपालदास नीरज बहुत सहज व्यक्तित्व के धनी थे। उन्होंने आध्यात्मिक गुरु ओशो रजनीश को भी अपना बना लिया था। देश में ऐसा कोई नहीं जिसने गोपालदास नीरज को अपने दिल में जगह न दी हो। अपने जाने को लेकर फकीरी उनके लफ्जों में दिखती थी। हमारे घर का अपना हमसे दूर चला गया। इसकी भरपाई कोई नहीं कर पाएगा। उन्होंने रुंधे गले से कहा कि हमारा पीर हमसे दूर चला गया।

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साहित्यकार पहुंचे अंतिम दर्शन के लिए:

वरिष्ठ कवि उदय प्रताप, अरुण जेमिनी, डॉ. सर्वेश अस्थाना, सुरेंद्र शर्मा सहित स्थानीय कवि रमेश मुस्कान, पवन आगरी, कुमार ललित सहित ताजनगरी के तमाम साहित्यकार अपने साहित्य शिरोमणि के अंतिम दर्शन को पहुंचे।


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