Move to Jagran APP

Sikri Live:18 साल से फाइलों में सिसक रही सीकरी महायोजना

संरक्षण के लिए भटक रही 14 साल में बनी नियोजित राजधानी। महायोजना लागू हो तो लपकागीरी और अवैध निर्माण पर लगे अंकुश।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sun, 05 May 2019 02:20 PM (IST)Updated: Sun, 05 May 2019 02:20 PM (IST)
Sikri Live:18 साल से फाइलों में सिसक रही सीकरी महायोजना
Sikri Live:18 साल से फाइलों में सिसक रही सीकरी महायोजना

आगरा, अजय शुक्‍ला। बादशाह अकबर ने आगरा-जयपुर हाइवे के समीप अरावली पर्वत पर जब फतेहपुर सीकरी को अपनी राजधानी बनाने के लिए चुना तो उस समय तक इस छोटी पहाड़ी के निकट केवल सिकरवारी गांव आबाद था। पहाड़ी के एक हिस्से में शेख सलीम चिश्ती रहते थे। यह स्थान न केवल अपनी जलवायु की वजह से विशिष्ट था बल्कि रणनीतिक रूप से भी काफी अहम रहा।

loksabha election banner

समीप ही कस्बा कुरावली है, जिसे अब किरावली कहते हैं। मध्यकाल में यह उत्तर-पूर्व और दक्षिण-पश्चिमी भारत को जोड़ने वाला अहम रणनीतिक क्षेत्र था। सीकरी इसी रणनीतिक क्षेत्र का हिस्सा रहा। अकबर ने जब अहमदनगर की जीत के साथ दक्षिणी- पश्चिमी भारत की ओर कदम बढ़ाये तो इस खुशी में शेख सलीम चिश्ती के दर पर ‘बुलंद दरवाजे’ की तामीर कराई। अकबर को यह जगह इतनी पसंद आयी कि उसने यहां नियोजित राजधानी बनवाई। नौ किलोमीटर परिक्षेत्र में सुंदर किले का निर्माण कराया। साथ ही आसपास के क्षेत्रों में वजीरों और सिपहसालारों को आबाद कराया। पूरे काम में करीब 14 साल लगे। इस अवधि में विश्व की नायाब धरोहर तामीर हो गई, लेकिन दुर्भाग्य है कि इससे दोगुना समय इस धरोहर का महत्व समझने और इसे संरक्षित करने के उपाय लागू करने की सोच विकसित करने में ही लग गए। धरातल पर अब भी कुछ नजर नहीं आता।

परिणाम, यह कि फतेहपुर सीकरी का हुलिया बिगड़ता जा रहा है। अनियोजित और अवैध निर्माण लगातार जारी हैं, जो सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित 300 मीटर के दायरे का उल्लंघन कर किये जा रहे हैं। स्थानीय गाइड, इतिहासकार और जानकार बताते हैं कि जब विदेशी पर्यटकों और इतिहासकारों ने फतेहपुरी सीकरी की दुर्दशा देखी तो कई लेख लिखे। इसी के बाद 1985 में 17 से 19 नवंबर तक अमेरिका के हार्वर्ड विश्वविद्यालय में फतेहपुर सीकरी पर एक अंतरराष्ट्रीय सिम्पोजियम का आयोजन किया गया। धरोहर बचाने का यह पहला गंभीर प्रयास था। परिणाम यह रहा कि 1986 में फतेहपुर सीकरी के वास्तुकला व शिल्पकला से परिपूर्ण स्मारकों के समूह को यूनेस्को द्वारा ‘विश्व धरोहर स्मारक समूह’ के रूप में मान्य घोषित कर दिया।

इसके पहले प्रदेश स्तर पर 22 मई, 1979 को सरकार ने फतेहपुर सीकरी नगर पालिका परिषद क्षेत्र और छह ग्राम पंचायतों को मिलाकर फतेहपुरी सीकरी विनियमित क्षेत्र घोषित किया जा चुका था। वर्ष 1994 में इतिहासकार वसीम अहमद द्वारा सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (653/94) दायर कर स्मारक समूह को अतिक्रमण और इसके नजदीक जारी अवैध निर्माणों से संरक्षित करने की गुहार लगाई। इस पर उच्चतम न्यायालय ने 6 अगस्त 1996 को स्मारक समूह के 300 मीटर के भीतर सभी प्रकार के निर्माणों पर रोक लगाते हुए स्थानीय लोगों के लिए नागरिक सुविधाएं विकसित करने के मकसद से महायोजना बनाने के निर्देश दिये।

सुप्रीम कोर्ट के इन्हीं आदेशों के अनुपालन में 1998 में सम्पूर्ण विनियमित क्षेत्र को आगरा विकास क्षेत्र (प्राधिकरण) में शामिल कर दिया गया। इसके बाद 2001-02 में चार अलग-अलग तिथियों में सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान फतेहपुर सीकरी महायोजना 2021 को लागू करने के लिए आदेशित किया गया। मकसद यह था कि स्मारकों का संरक्षण हो, साथ ही स्थानीय लोगों को रहने के लिए आवास सीवेज, ड्रेनेज, पेयजल, सड़क सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं व्यवस्थित रूप से मिल सकें।

23 अगस्त, 2002 को यह महायोजना लागू कर दी गई लेकिन तब से लगभग 17 वर्ष पूरे होने को हैं, लेकिन महायोजना के किसी भी हिस्से को पूरी तरह लागू करने के प्रयास नहीं हुए। कहते हैं, बादशाह अकबर के दरबार में उनके निजी ज्योतिषी देवी और पुरुषोत्तम थे। खुद को उनका वंशज बताने वाले फतेहपुरी सीकरी की काजी गली निवासी डॉ अमरनाथ पाराशर बताते हैं कि वह स्वयं और अन्य नागरिक समय-समय पर आगरा विकास प्राधिकरण व प्रशासनिक अफसरों से महायोजना लागू करने के बाबत जानकारी करते रहे। कई प्रार्थनापत्र दिये लेकिन महायोजना पर काम एक इंच भी नहीं बढ़ा। अभी चार महीने पहले डॉ पाराशर ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर महायोजना लागू करने के संबंध में पुन: पत्र लिखा था, लेकिन अब तक उसका कोई जवाब नहीं मिला।

बीएन इंटर कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य और एप्रूव्ड गाइड के बतौर काम कर चुके डॉ अमरनाथ पाराशर ने ‘फतेहपुर सीकरी अंडर द मुगल्स’ विषय पर पीएचडी की है। फतेहपुरी सीकरी में अतिक्रमण और लपकागीरी की मौजूदा समस्या का समाधान महायोजना में तलाशने वाले डॉ पाराशर अब प्रशासनिक उदासीनता से स्वयं भी निराश होने लगे हैं। हालांकि, आगरा विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष शुभ्रा सक्सेना कहती हैं कि महायोजना-2021 में फतेहपुर सीकरी में प्रस्तावित योजनाओं पर अमल किया गया है। बचा हुआ कार्य लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद कराने का प्रयास होगा।

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.