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Attack on Bull: छह गांव के लोग और आठ घंटे रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन, तब बची सांड़ की जान

शरीर में कुल्‍हाड़ी धंसने के बाद भागता रहा सांड़। ग्रामीण बड़ी मुश्‍किल से पा सके काबू। खेत मालिक के खिलाफ मुकदमा।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Sun, 21 Jun 2020 05:53 PM (IST)Updated: Mon, 22 Jun 2020 09:35 AM (IST)
Attack on Bull: छह गांव के लोग और आठ घंटे रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन, तब बची सांड़ की जान
Attack on Bull: छह गांव के लोग और आठ घंटे रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन, तब बची सांड़ की जान

आगरा, जेएनएन। वो भूखा था। पेट भरने को इधर-उधर विचरते-विचरते एक खेत में घुस गया। हरे चारे की कुछ पत्तियां ही खाईं होगीं कि खेत मालिक आ गया। फेंक कर कुल्हाड़ी ऐसे मारी कि उसके शरीर में धंस गई। बेजुबां था, जख्म से चीख नहीं पा रहा था मगर खून की बहती धार उस पर हुए जुल्म की गवाही दे रहे थे। सांड़ बेहाल था। सांड़ का ये दर्द देख गांव वाले व्यथित हो गए। कुल्हाड़ी निकालने आगे बढ़े तो दहशतजदा सांड़ ने दौड़ लगा दी। गांव वालों ने भी कोशिश नहीं छोड़ी और तकरीबन आठ घंटे की मशक्कत के बाद आखिर किसी तरह से सांड़ के शरीर से कुल्हाड़ी निकाल उसे दर्द से राहत दी।

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बेजुुबान पर ये क्रूरता फीरोजाबाद जिले के टूंडला क्षेत्र में पचोखरा के गांव बुर्ज नत्थू में हुई। शुक्रवार सुबह गांव वालों ने देखा कि एक सांड़ के शरीर में कुल्हाड़ी धंसी है। सांड़ बेहाल है। पता चला कि सांड़ को ये सजा गुरुवार शाम को गांव के ही एक खेत मालिक ने दी है। कसूर इतना था कि सांड़ उसके खेत में हरा चारा खा रहा था। खैर, गांव वालों ने सांड़ के शरीर के कुल्हाड़ी निकालने की कोशिश शुरू कर दी। सांड़ के पास जाने की प्रयास किया तो उसने दौड़ लगा दी। शायद उसे फिर किसी खतरे का अंदेशा था। गांव वाले उसके पीछे-पीछे दौडऩे लगे। देखते ही देखते आसपास के आधा दर्जन गांवों के लोग भी रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल हो गए। कोई पैदल भाग रहा था तो कोई बाइक पर। कभी खेत तो कभी पगडंडी पर सांड़ के दौडऩे पर कुछ उत्साही युवा घोडिय़ों पर पीछा करने लगे। पूरी दोपहरी बचाव ऑपरेशन में गुजर गई मगर लोग सांड़ के आसपास तक नहीं पहुंच पा रहे थे। आखिर, शाम करीब छह बजे करीब 20 किमी दूर एटा जिला बॉर्डर पर एक गांव के पास पगडंडी पर बाइक सवारों ने मौका मिलते ही सांड़ के शरीर से कुल्हाड़ी निकाल फेंकी।

आठ घंटे तक घेराबंदी

ग्रामीण बताते हैं कि सांड़ का दर्द हम लोगों से देखा नहीं जा रहा था। उसके शरीर से किसी तरह से कुल्हाड़ी निकालने के लिए कोशिश कर रहे थे। सांड़ की घेराबंदी के लिए आसपास के ग्र्रामीणों ने मोर्चाबंदी कर ली थी। मगर सांड़ के हमलेे का डर भी लगा रहता था सो खुुद की सुरक्षा करते हुए उसके पास पहुंचने का प्रयास करते रहे। इसमें पूरा दिन ही लग गया।

नहीं मिल पाई वन विभाग को परमीशन

सांड़ के शरीर से कुल्हाड़ी का एक और तरीका था। जानकारी होने पर स्थानीय रेंजर भी ग्रामीणों के साथ आ गए थे। उन्होंने बताया था कि वन विभाग ने गन से गोली दाग सांड़ को बेहोश कर देता और तब कुल्हाड़ी निकल जाती। मगर इसके लिए प्रशासन की परमीशन जरूरी थी। ये अलग बात है कि इसके लिए आवेदन प्रक्रिया नहीं हो पाई। हालांंिक एसडीएम ने आवेदन पर परमीशन देने का आश्वासन दे दिया था।

कुल्हाड़ी मारने वाला गिरफ्तार

टूंडला थाना प्रभारी संजय सिंह ने बताया कि गांव बुर्ज नत्थू के नवीन कुमार ने तहरीर में गांव के ही सुशील कुमार पर सांड़ को कुल्हाड़ी मारने का आरोप लगाया है। इसके आधार पर मुकदमा कायम करते हुए सुशील कुमार को गिरफ्तार कर लिया। 


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