Move to Jagran APP

ड्रोन के पर कतरने को ताज को शामिल होना होगा इस जोन में, जानिए कहांं हो रही है देरी Agra News

डीजीसीए के क्‍लीयरेेंस में अटका है ताज की सुरक्षा का ये मामला।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sat, 23 Nov 2019 04:03 PM (IST)Updated: Sat, 23 Nov 2019 04:03 PM (IST)
ड्रोन के पर कतरने को ताज को शामिल होना होगा इस जोन में, जानिए कहांं हो रही है देरी Agra News
ड्रोन के पर कतरने को ताज को शामिल होना होगा इस जोन में, जानिए कहांं हो रही है देरी Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। ताज पर प्रतिबंध के बावजूद ड्रोन की उड़ान पर लगाम नहीं लग पा रही। चार दिन में दो बार ड्रोन उड़ान भर चुका है। पुलिस की भेदभावपूर्ण कार्रवाई पर पर्यटन उद्यमी सवाल उठा रहे हैं। वहीं, ताज के नो फ्लाइंग जोन का मामला डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) में अटका हुआ है।

loksabha election banner

ताज के प्रतिबंधित दायरे में ड्रोन ने उड़ान भरी थी। ड्रोन उड़ाने वाले का पता लगाने में नाकाम पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। बुधवार को ग्यारह सीढ़ी मैदान के पास से ड्रोन उड़ाने वाले पांच रूसी पर्यटकों को पुलिस ने पकड़ा था। उन्हें माफीनामा लिखवाकर छोड़ दिया गया था। इस पर पुलिस की कार्य प्रणाली पर पर्यटन उद्यमियों ने सवाल उठाया था। हालांकि, ताज के प्रतिबंधित क्षेत्र में ड्रोन की उड़ान पर पाबंदी तो है, लेकिन वो नो फ्लाइंग जोन नहीं है। ताज की सुरक्षा व्यवस्था की स्थाई समिति में यह मामला लंबे समय से उठ रहा है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) के आगरा सर्किल ने इस मामले में 23 मार्च, 2018 के बाद इस वर्ष 22 अप्रैल और दो जुलाई को महानिदेशक एएसआइ को पत्र भेजकर नो फ्लाइंग जोन घोषित करने का अनुरोध किया था।

अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि नो फ्लाइंग जोन की घोषणा डीजीसीए के स्तर से होनी है। मुख्यालय स्तर से प्रस्ताव पूर्व में ही भेजा जा चुका है।

डीएम के आदेश पर है प्रतिबंध

ताज व उसके आसपास ड्रोन की उड़ान को डीएम के आदेश पर प्रतिबंधित किया गया है। डीएम ने 20 फरवरी, 2017 को इस संबंध में आदेश किया था।

जैमर खरीद का मामला भी लंबित

ड्रोन की उड़ान रोकने को आरएफ जैमर की खरीद का मामला भी एएसआइ के दिल्ली मुख्यालय और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) के हेडक्वार्टर के स्तर पर लंबित है। ताज की सुरक्षा व्यवस्था की स्थाई समिति की बैठक के निर्देशों पर 23 मार्च, 2018 के बाद 22 अप्रैल और दो जुलाई को महानिदेशक को पत्र भेजे गए थे। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.