Move to Jagran APP

Agra District Jail: आगरा की जेल से बंदियों की रिहाई को लेकर अधिवक्ताओं ने कही ये बात, तय हो उनकी भूमिका

Agra District Jail हाई पावर कमेटी उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने कोरोना के चलते दिए हैं दिशा-निर्देश। विचाराधीन बंदियों को अंतरिम जमानत सजायाफ्ता को पेरोल पर रिहा करने की है तैयारी। आगरा की जिला जेल में निरुद्ध हैं 405 विचाराधीन 106 सजायाफ्ता बंदी।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Wed, 05 May 2021 01:19 PM (IST)Updated: Wed, 05 May 2021 01:19 PM (IST)
Agra District Jail: आगरा की जेल से बंदियों की रिहाई को लेकर अधिवक्ताओं ने कही ये बात, तय हो उनकी भूमिका
आगरा की जिला जेल में निरुद्ध हैं 405 विचाराधीन, 106 सजायाफ्ता बंदी।

आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय की हाई पावर कमेटी ने जेलों में सात वर्ष तक की सजा वाले अपराध में निरुद्ध विचाराधीन व सजायाफ्ता बंदियों को अंतरिम जमानत एवं पेरोल पर रिहा करने के निर्देश दिए हैं। इससे जिला जेल में निरुद्ध 405 विचाराधीन और 106 सजायाफ्ता बंदियों को रिहाई मिल सकती है। जेल-प्रशासन इन बंदियों की सूची तैयार करके शासन को भेजने की तैयारी कर रहा है। वहीं, बंदियों की रिहाई में अपनी भूमिका न होने से अधिवक्ताओं को एतराज है।

prime article banner

पश्चिमी उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण जनमंच ने इस मामले को लेकर बैठक की। इसमें अधिवक्ताओं ने कहाकि बंदियों की रिहाई जेल प्रशासन और हाई पावर कमेटी के द्वारा जिला स्तर पर गठित न्यायिक अधिकारियों की टीम सुनिश्चित करेगी। इसमें अधिवक्ताओं की कोई भूमिका तय नहीं है। यदि बंदी की रिहाई जेल से सुनिश्चित होती है तो इससे अधिवक्ताओं का अहित होगा।न्यायिक प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो सकेगी।

ऐसी स्थिति में जनमंच के अधिवक्ताओं ने एक राय से कहाकि या तो सिविल कोर्ट परिसर को पूरे तरीके से बंद किया जाए, या बंदी की रिहाई में अधिवक्ता की भूमिका तय हो। किसी भी कीमत पर अधिवक्ताओं के हितों से खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। बैठक में न्यायिक कार्य से विरत चल रहे अधिवक्ताओं से आग्रह किया गया कि या तो कोर्ट पूरी तरीके से बंद कराया जाए, अन्यथा न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय अधिवक्ता हित में वापस लिया जाए।

बैठक की अध्यक्षता चौधरी अजय सिंह एडवोकेट व संचालन रमेश चंद्रा ने किया। बैठक में राकेश भटनागर, राजीव सोनी, विद्याराम बघेल, छोटेलाल सागर, चंद्रशेखर तिवारी, शेर सिंह, एसके सैनी राजकुमार आदि मौजूद थे।

सात साल तक की सजा वाले बंदियों को मिलेगा लाभ

अंतरिम जमानत व पेरोल का लाभ सात वर्ष तक की सजा पाने वाले बंदियों को मिलेगा। निर्धारित अवधि के बाद बंदियों को जेल में दोबारा दाखिल होना पड़़ेगा। जिला जेल में वर्तमान में 405 विचाराधीन व 106 सजायाफ्ता बंदी हैं। इनकी सूची तैयार करके शासन को भेजी जा रही है।

अभी तक नहीं लौटे हैं 21 बंदी

जेल प्रशासन ने पिछले वर्ष दो सौ से ज्यादा विचाराधीन व सजायाफ्ता बंदियाें को अंतरिम जमातन व पेरोल पर रिहा किया था। पिछले वर्ष सितंबर में पेरोल की अवधि समाप्त होने के बावजूद 21 बंदी अभी तक जेल में नही लौटे हैं। उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों ने टीम बनाई थीं। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.