Adulteration on Deepawali: मिलावटी जहर कहीं कर न दे त्योहार की मिठास फीकी, अफसरों को नहीं फुर्सत
Adulteration on Deepawali शहरवासियों की सेहत पर भारी पड़ेगा अफसरों के आदेश का इंतजार। दीपावली पर बिकने के लिए तैयार हो रही मिठाई एफएसडीए ने निरीक्षण भी नहीं किया। पिछले वर्ष दीपावली पर 21 रक्षाबंधन पर 39 और होली पर 24 नमूने जांच को भेजे थे।
आगरा, जागरण संवाददाता। दीपावली के कुछ ही दिन बाकी हैं। ग्राहकों से बाजार गुलजार है। मिठाई विक्रेताओं ने मिठाई बनानी शुरू कर दी है, लेकिन खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) अभियान के लिए लखनऊ से मिलने वाले आदेश के इंतजार में हाथ पर हाथ रखकर बैठा है। जबकि पांच दिन बाद मिठाई की खपत शुरू हो जाएगी। पिछले वर्ष त्योहारों पर लिए गए नमूनों का आंकड़ा भी अफसरों की उदासीनता की पोल खोलता है।
जनपद में दूध और खोवा शहर वासियों की सेहत पर भारी पड़ रहा है। हर बार जांच रिपोर्ट में दूध असुरक्षित और खोवा अधोमानक पाया जाता है।
एफएसडीए की ओर वित्तीय वर्ष 2019-20 में 5322 निरीक्षण किए गए थे। इस दौरान सिर्फ 862 खाद्य सामग्री के नमूने ही जांच के लिए भेजे गए थे। पिछली दीपावली पर महज 21 नमूने जांच के लिए भेजे थे। मार्च, 2019 में होली से पहले चले अभियान में 24, अगस्त में रक्षाबंधन पर 39 खाद्य सामग्रियों के नमूने जांच के लिए भेजे थे। जबकि त्योहार के समय में सबसे ज्यादा मिलावटी खाद्य सामग्री की खपत होती है।
ये हुए सैंपल फेल
फतेहपुर सीकरी के चंदा मोहम्मद, कलाल खेरिया के योगेश, पश्चिमपुरी के भगवती प्रसाद, फतेहाबाद रोड पर लिया गया गुजरात के अहमद नगर निवासी ओझा अनिल, कलाल खेरिया पर फीरोजाबाद के विक्रेता छत्रपाल के दूध के नमूने जांच रिपोर्ट में असुरक्षित पाए गए थे। नगला ढाकरान निवासी मुन्नालाल, चार बाद शाहगंज निवासी रमेशचंद, एमपीपुरा ताजगंज निवासी हुकुम सिंह, मदिया कटरा निवासी रामभान सिंह का मिश्रित दूध और शमसाबाद निवासी पप्पू सिंह का खोवा, देवखेड़ा निवासी अचल सिंह का खोवा, ऊचा गांव निवासी लवकुश का पनीर का नमूना भी फेल हुए था।
मिलावटी खाद्य सामग्री के सेवन से लीवर और किडनी सर्वाधिक प्रभावित होती है। जिससे कई प्रकार की बीमारी इंसान को घेर लेती हैं। इसलिए दूध भले ही महंगा हो, पर शुद्ध दूध पीने की कोशिश करें।
डॉ. शुभम गुप्ता, पेट रोग विशेषज्ञ