Mission Admission: 15 जुलाई से नौ हजार सीटों के लिए होगी मारामारी
आगरा के पांच कालेजों में स्नातक कोर्सों के लिए होंगे अॉनलाइन आवेदन। आंबेडकर विवि की वेबसाइट पर पहले कराना होगा पंजीकरण कालेज कर रहे तैयारी।
आगरा, प्रभजोत कौर। इस साल डा. भीमराव आंबेडकर विवि से संबद्ध सभी कालेजों में 15 जुलाई से प्रवेश प्रक्रिया अॉनलाइन होगी। इसके लिए पहले विवि की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा, उसके बाद ही कालेजों में आवेदन कर सकते हैं। आगरा में पांच बड़े कालेज हैं, जिनमें लगभग 8722 सीटें हैं। इसके अलावा विवि के आवासीय संस्थान में भी स्नातक में 700 सीटें हैं। जिले में करीब 250 सेल्फ फाइनेंस कॉलेज संचालित हैं। इस साल विवि की प्रवेश समिति ने कालेजों को प्रवेश परीक्षा न कराने के निर्देश भी दिए हैं। मेरिट के आधार पर ही प्रवेश होगा। पांचों कालेजों के इतिहास, कोर्सों, सुविधाओं व सीटों पर नजर डालती रिपोर्ट-
सेंट जोंस कालेज
बीकॉम - 240
बीए - 240
बीएससी मैथ्स- 180
बीएससी बायो- 60
बीकॉम स्पेशल- 360
बीबीए- 120
इतिहास- नैक द्वारा ए ग्रेडिंग प्राप्त सेंट जोंस कॉलेज 168 साल से लोगों को शिक्षित करने में अहम भूमिका निभा रहा है। वर्ष 1850 में इंग्लैंड की चर्च मिशनरी सोसायटी द्वारा इसकी स्थापना की गई थी। इसके संस्थापक थॉमस वी फ्रेंस थे। कॉलेज 1862 से 1888 तक कलकत्ता विवि से संबद्ध रहा। इसके बाद 1927 तक ये इलाहाबाद विवि से। फिर आगरा विवि बनने के बाद अब (डॉ. भीमराव आंबेडकर विवि) से संबद्ध है।1913 में कॉलेज की एमजी रोड स्थित बिल्डिंग बनी।
ये कोर्स संचालित हैं
कॉलेज में कला, विज्ञान, वाणिज्य संकाय हैं। बीए में हिंदी, अंग्रेजी, इतिहास, भूगोल, मनोविज्ञान, संस्कृत, राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, उर्दू आदि विषय पढ़ाए जाते हैं। बीकॉम में व्यावसायिक प्रशासन, लेखा एवं विधि, व्यावहारिक, व्यावसायिक अर्थशास्त्र विषय हैं। बीएससी में एक वर्ग में भौतिक, रसायन, गणित, कंप्यूटर साइंस, सांख्यिकी, औद्योगिक रसायन, अर्थशास्त्र और दूसरे वर्ग में जंतु विज्ञान, वनस्पति विज्ञान और रसायन विभाग हैं। परास्नातक में कला वर्ग में राजनीति शास्त्र, हिंदी, इतिहास, भूगोल, अंग्रेजी, अर्थशास्त्र हैं। विज्ञान वर्ग, वाणिज्य वर्ग हैं उर्दू स्ववित्त पोषित है।
वोकेशनल कोर्स की भी सुविधा
वाणिज्य में वोकेशनल कोर्स भी हैं। सभी स्ववित्त पोषित हैं। इसमें सेल्स प्रमोशन, फॉरेन ट्रेड और इंश्योरेंस शामिल है। मनोविज्ञान में परास्नातक डिप्लोमा है। बीएड का संचालन भी सेल्फ फाइनेंस है। इसके साथ ही यहां पर इग्नू और भारतीय भाषा केंद्र हैं।
ये हैं सुविधाएं
कॉलेज में छात्र-छात्राओं के लिए खेल के दो मैदान हैं। यहां फुटबाल, क्रिकेट, बास्केटबाल आदि की सुविधाएं हैं। पूरा कैंपस सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में है। छात्राओं के बैठने के लिए कॉमन रूम हैं। अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं हैं। पढ़ाई के लिए थियेटर रूम हैं। कांफ्रेंस रूम, सभागार, कैंटीन की भी सुविधा है। इसके अलावा लाइब्रेरी है। इसमें 90 हजार से ज्यादा किताबें हैं। काउंसलर की भी सुविधा है। एनसीसी, एनएसएस भी है।
हॉस्टल की सुविधा- कॉलेज में पढ़ने वाली छात्राओं के लिए हॉस्टल की भी सुविधा है। इसमें 30 से ज्यादा कमरे हैं, जिसमें 60 से ज्यादा छात्राएं रह सकती हैं। यहां पर खाने के लिए कॉमन रूम की सुविधा है। हॉस्टल से कॉलेज बिल्कुल पास ही है।
आगरा कॉलेज
बीकॉम - 560
बीए - 1258
बीएससी - 1160 (मैथ्य व बायो)
बीएससी बायोटेक - 60
बीकॉम- 480
बीए एलएलबी - 300
बीबीए- 60
बीसीए- 60
इतिहास- संस्था की शुरुआत 1823 में संस्कृत पाठशाला के रूप में हुई थी।बाद में कालेज का रूप दिया गया।कालेज में आर्ट्स, फाइन आर्ट, साइंस, लॉ, बायोटेक्नोलॉजी, कॉमर्स, एजुकेशन, जर्नलिज्म, इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, फिजीकल एजुकेशन संकाय संचालित है। 2019 तक नैक की तरफ से ए ग्रेड कालेज को मिला था।
सात छात्रावास हैं
आगरा कालेज के सात छात्रावास हैं, इसमें सप्रू, केडी, बीएन,थॉमसन, चंद्रशेखर और शहीद भगत सिंह छात्रावास है। छात्राओं के लिए रानी लक्ष्मी बाई छात्रावास है।एनसीसी की आर्मी, गर्ल्स और एयर विंग है। एनएसएस व रोवर्स एंड रेंजर्स की इकाइयां हैं। खेलकूद के मैदान भी हैं।सेमिनार हॉल, स्मार्ट क्लासेज भी हैं।
राजा बलवंत सिंह कालेज
बीकॉम - 334
बीए- 720
बीएससी- 480(मैथ व बायो)
बीएससी कृषि - 160
बीबीए - 90
बीसीए - 60
यह हैं संकाय
कॉलेज में नौ संकाय हैं। इनमें कला, वाणिज्य, शिक्षा, विज्ञान, कृषि, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी, फार्मेसी, वास्तुकला व टाउन योजना, प्रबंधन और कंप्यूटर अनुप्रयोग आदि हैं।कॉलेज की स्थापना 1885 में अवागढ़ के राजा बलवंत सिंह ने की थी। 132 साल से कॉलेज शिक्षा प्रदान कर रहा है। 1940 में कॉलेज को बीएससी एग्रीकल्चर की मान्यता मिली। 2014 में बायोटेक में एमएससी का पाठ्यक्रम शुरू हुआ।
ये हैं सुविधाएं
छात्र-छात्राओं के लिए स्मार्ट क्लास की शुरुआत की गई है। अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं और कंप्यूटर लैब हैं। हॉकी, क्रिकेट, वालीबाल का मैदान है। कॉलेज में हर विभाग की पांच लाइब्रेरी हैं। इसमें हजारों किताब हैं। जवाहर लाइब्रेरी का उद्घाटन डॉ. संपूर्णानंद ने किया था। कॉलेज में वाई-फाई की सुविधा भी उपलब्ध है। छात्र-छात्राओं के लिए दो-दो हॉस्टल हैं। इसमें करीब 500 छात्र रह सकते हैं।
बैकुंठी देवी कन्या महाविद्यालय
बीएससी- 90
बीकॉम- 160
बीबीए- 60
बीएड- 50
बीए- 640
इतिहास- 1967 में कालेज की स्थापना हुई थी।इस कालेज को इस साल इंदिरा गांधी ओपन विवि का केंद्र बनाने का भी प्रस्ताव है। कालेज में 50 हजार से ज्यादा किताबों वाली लाइब्रेरी है। इसी साल ई लाइब्रेरी की भी शुरुआत कर रहे हैं.
बीडी जैन कन्या महाविद्यालय
बीकॉम - 180
बीए- 560
छात्राओं के लिए छात्रावास भी- दूसरे शहरों से आने वाली छात्राओं के लिए छात्रावास की सुविधा है।एनएसएस, एनसीसी, रोवर्स एंड रेंजर्स की सुविधा है। छात्राओं के लिए लाइब्रेरी की भी सुविधा है।
एडेड कॉलेजों में सीट
आगरा कॉलेज - 3500
आरबीएस कॉलेज - 1550
सेंट जोंस कॉलेज - 1060
बैकुंठी देवी कन्या महाविद्यालय - 970
बीडी जैन महाविद्यालय - 740
विवि के आवासीय संस्थानों में स्नातक सीट - करीब 700 स्नातक में प्रवेश लेने वाले छात्र
हम पूरी तरह से तैयार हैं। कोरोना के कारण अॉनलाइन क्लासेज लगाने के लिए भी हम तैयार हैं। अॉनलाइन पोर्टल पर लेक्चर अपलोड करेंगे। वॉट्सएप ग्रुप भी बनाए जाएंगे। हर काम अब अॉनलाइन होगा।
- डा. नीता गुप्ता, प्राचार्य, बैकुंठी देवी कन्या महाविद्यालय
छात्राओं के लिए कालेज काफी सुरक्षित हैं। हम लगातार समय के अनुसार कालेज को अपडेट करते हुए छात्राओं के हित में संसाधन जुटा रहे हैं।खेलकूद से लेकर एनसीसी तक हमारे कालेज में है।
- डा. मीरा अग्रवाल, प्राचार्य, बीडी जैन कन्या महाविद्यालय
इस साल सारी प्रक्रिया अॉनलाइन है। पहले विवि की वेबसाइट पर पंजीकरण कराना होगा, इसके बाद आवेदन कर सकते हैं। आगरा कालेज नए अपडेट के साथ नए विद्यार्थियों के लिए तैयार है।
- डा. विनोद माहेश्वरी, प्राचार्य, आगरा कालेज
हम अपने कालेज में विद्यार्थियों को पर्यावरण से जोड़ते हैं। इससे संबंधित कई तरह की गतिविधियां भी चलाते हैं। हमारे कालेज में नए कोर्सों को विद्या समिति की हरी झंडी भी मिल गई है।
- डा. वाईवीएस चौहान, प्राचार्य, आरबीएस कालेज
हम अपने कालेज में विद्यार्थियों के व्यकि्तत्व विकास के लिए पूरे साल गतिविधियां करते हैं। हम इस साल कोरोना के कारण नए फॉर्मेट पर पढ़ाई और अन्य गतिविधियां कराने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
- डा. शैलेंद्र प्रताप सिंह, प्राचार्य, सेंट जोंस कालेज