स्मार्ट सिटी में सौ करोड़ के फर्जी काम की तैयारी, बैठी जांच
सांसद व एससी आयोग के अध्यक्ष राम शंकर कठेरिया ने लगाया सवालिया निशान काम को तुरंत रोकने की मांग पैसे का रोका जाए दुरुपयोग मंडलायुक्त ने बैठाई जांच दस्तावेज तलब
By Edited By: Published: Tue, 19 Mar 2019 07:00 AM (IST)Updated: Tue, 19 Mar 2019 07:00 AM (IST)
आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा स्मार्ट सिटी के कार्यो में रार शुरू हो गई है। भाजपा सांसद व एससी आयोग के अध्यक्ष डॉ. राम शंकर कठेरिया ने सौ करोड़ रुपये के कार्यो को फर्जी बताया है। कार्यो को तुरंत रोकने की मांग की है। पैसे के दुरुपयोग को रोकने के लिए कहा है। जिस पर मंडलायुक्त अनिल कुमार ने जांच के आदेश दिए हैं। आगरा को एक हजार करोड़ रुपये स्मार्ट सिटी बनाया जा रहा है। यह कार्य पांच साल में पूरा होगा। छह मार्च को सांसद डॉ. राम शंकर कठेरिया ने मंडलायुक्त अनिल कुमार को पत्र लिखा, जिसमें कहा गया है कि स्मार्ट सिटी के तहत किसी भी तरीके के टेंडर जारी करने से पूर्व इसकी जानकारी सभी जनप्रतिनिधियों को दी जानी चाहिए। पैसे का दुरुपयोग न हो। यह हम सब की जिम्मेदारी है। दो साल पूर्व यमुना नदी के किनारे सड़क व नाले का निर्माण किया गया था। अब सौ करोड़ रुपये से फर्जी काम की तैयारी चल रही है। सांसद की शिकायत पर मंडलायुक्त अनिल कुमार ने अपर आयुक्त प्रशासन साहब सिंह को जांच के आदेश दिए हैं। अपर आयुक्त ने नगरायुक्त अरुण प्रकाश से दस्तावेज तलब किए हैं। रद हो चुके हैं टेंडर आगरा स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने सात माह पूर्व सौ करोड़ रुपये के टेंडर निकाले थे। छह कंपनियों ने भाग लिया था। टेक्नीकल बिड में तीन कंपनियां बाहर हो गई थीं। लगातार मिल रही शिकायतों पर टेंडर को रद कर दिया गया था। हाल ही में दोबारा टेंडर निकाला गया। सौ करोड़ से यह हो रहे हैं कार्य स्मार्ट सिटी के तहत शहर की 12 रोड को स्मार्ट तरीके से विकसित किया जाएगा। इन रोड पर डक्ट, सीवर लाइन, ड्रेनेज, फुटपाथ सहित अन्य का निर्माण कराया जाएगा। प्रमुख रोड में टीडीआइ के पास की चार रोड, ट्राइडेंट से फतेहाबाद रोड सहित अन्य शामिल हैं। मंडलायुक्त अनिल कुमार लोक निर्माण विभाग के अफसरों के साथ सड़कों का सत्यापन कर चुके हैं। फिलहाल रोक दिए गए हैं कार्य सांसद द्वारा स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पर सवालिया निशान लगाने के बाद संबंधित कार्यो को रोक दिया गया है। अब तक 304 करोड़ हुए आवंटित आगरा स्मार्ट प्राइवेट लि. के नोडल अधिकारी आरके सिंह ने बताया कि शासन ने अब तक 304 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जिसमें से 41 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। ये हैं स्मार्ट सिटी की रैंक - शहरी विकास मंत्रालय ने एक माह पूर्व स्मार्ट सिटी की रैंक घोषित की थी। देश में आगरा 15वें नंबर (155.69 अंक) पर था। - पहले स्थान पर झांसी, दूसरे पर कानपुर, तीसरे पर वाराणसी रहा। - देश में उप्र 9वें स्थान पर रहा। यहां का स्कोर 85.14 रहा। - पिछले साल घोषित रैंक में देश में आगरा 18वें स्थान पर था। स्मार्ट सिटी एक नजर में - केंद्र सरकार ने दूसरे चरण में आगरा का चयन स्मार्ट सिटी के लिए किया था। - नौ जनवरी 2017 को आगरा स्मार्ट सिटी प्रा. लि. का गठन किया गया - दाराशॉ कंपनी का प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसलटेंट के लिए चयन हुआ - 14 सितंबर, 2017 से कंपनी ने कार्य शुरू किया - आधा दर्जन से अधिक योजनाओं की 393 करोड़ रुपये की डीपीआर तैयार हो गई हैं। ये हैं प्रमुख कार्य - 52.30 करोड़ रुपये से होना है फतेहाबाद रोड का सुंदरीकरण व स्कैपिंग का काम - 3.81 करोड़ रुपये से बनेगा स्ट्रीट वेंडिंग जोन - 3.17 करोड़ रुपये से होना है हेरिटेज वाक का विकास - 2.85 करोड़ से ताजमहल के दो किमी के क्षेत्र में होंगे विकास कार्य -5.52 करोड़ से होना है ताजमहल के दो किमी के दायरे में पौधरोपण के काम - सौ करोड़ रुपये से 12 रोड, फुटपाथ, डक्ट, ड्रेनेज सहित अन्य का निर्माण कराया जा रहा है, जो भी कार्य कराए जा रहे हैं, उनका निर्णय बैठक में लिया गया था। अरुण प्रकाश, सीईओ आगरा स्मार्ट सिटी लि. - नगरायुक्त से सौ करोड़ के जो कार्य कराए जा रहे हैं, उनकी रिपोर्ट मांगी गई है। जल्द जांच कर रिपोर्ट मंडलायुक्त को भेज दी जाएगी। साहब सिंह, अपर आयुक्त प्रशासन - सांसद राम शंकर कठेरिया ने स्मार्ट सिटी के कार्य को लेकर शिकायत की थी। मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं। अनिल कुमार, मंडलायुक्त व चेयरमैन आगरा स्मार्ट सिटी लि. - शहर को स्मार्ट तरीके से विकसित करने के लिए जो सौ करोड़ रुपये आया है। उसे सिर्फ खर्च नहीं किया गया जाए। बल्कि जनप्रतिनिधियों और जनता से राय लेकर बेहतर कार्य कराए जाएं। कार्य के नाम रस्म अदायगी नहीं होनी चाहिए। डॉ. राम शंकर कठेरिया, सांसद व एससी आयोग अध्यक्ष
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