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गंगा-यमुना के रौद्र रूप को लेकर प्रशासन हुआ अलर्ट, बांधों की कराई जा रही मरम्‍मत Agra News

कासगंज में बुधवार सुबह 163.65 मीटर तक बढ़ा जलस्‍तर। शाम तक और पानी बढ़ने की संभावना।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Wed, 21 Aug 2019 02:52 PM (IST)Updated: Wed, 21 Aug 2019 08:34 PM (IST)
गंगा-यमुना के रौद्र रूप को लेकर प्रशासन हुआ अलर्ट, बांधों की कराई जा रही मरम्‍मत Agra News
गंगा-यमुना के रौद्र रूप को लेकर प्रशासन हुआ अलर्ट, बांधों की कराई जा रही मरम्‍मत Agra News

आगरा, जेएनएन। जीवनदायिनी गंगा अपने रौद्र रूप से डराने लगी हैं। गंगा के तटवर्ती क्षेत्रों में पानी पहुंच चुका है। बुधवार सुबह गंगा का जल स्तर बढ़कर 163.65 मीटर पर पहुंच गया। दोपहर बाद जलस्‍तर में और बढ़ोत्‍तरी होने की संभावना देखी जा रही है। जलस्‍तर को देखते हुए प्रशासन सतर्कता बरत रहा है। पानी बढ़ने के कारण कमजोर हुए गांंव के इर्द गिर्द के बांधो की मरम्मत भी कराई जा रही है। दोपहर तक जल स्तर में और इजाफे की संभावना है। जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह ने जलस्‍तर से बन रही परिस्‍थतियों पर लगातार निगाह रखे हुए हैं। बुधवार सुबह ही गंगा के तट पर पहुंचकर व्‍यवस्‍थाओं का निरीक्षण किया।

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बता दें कि बिजनौर बैराज से बड़ी मात्र में पानी छोड़ने की जानकारी मिलने पर मंगलवार देर शाम प्रशासनिक महकमे ने भी अलर्ट जारी कर दिया था। शाम पांच बजे बाद बाढ़ चौकियों पर तैनात कर्मियों को भी चौकी न छोड़ने के आदेश दिए हैं।

पहाड़ों पर हो रही बारिश और बैराजों से छोड़े जा रहे पानी से पतित पावनी माता गंगा कभी भी रौद्र रूप ले सकती है। यूं तो गंगा का जल स्तर घट-बढ़ रहा है, लेकिन बिजनौर से छोड़े गए 336030 क्यूसेक पानी छोड़ने के बाद में प्रशासन की चिंताएं भी बढ़ गई हैं। यह पानी बुधवार शाम तक जिले में पहुंचेगा तथा यहां आते-आते अगर पानी की मात्र कम नहीं हुई तो गंगा अपनी सीमाएं लांघ कर आबादी की तरफ बढ़ सकती है। तटवर्ती गांवों में रहने वाले ग्रामीणों को भी सचेत किया है, ताकि किसी भी विपरीत परिस्थिति में स्थिति नियंत्रण में रहे। बताते चलें कछला घाट पर खतरे का निशान 165 मीटर पर है, ऐसे में अगर बुधवार शाम को पानी बढ़ता है तो खतरे के निशान तक पहुंच सकता है।

लेखपाल रुकेंगे गांव में, प्रशासन बरत रहा सतर्कता

जिलाधिकारी ने निरीक्षण के साथ ही ग्रामीणों को जागरूक किया। वहीं लेखपालों की ड्यूटी लगाते हुए गांव में ही कैंप करने के आदेश दिए हैं, ताकि गंगा के हर उफान पर प्रशासन की सीधी नजर रहे। सिंचाई विभाग के अधिशाषी अभियंता को डीएम ने निर्देश दिए हैं कि वह टीम के साथ गंगा और तटतर्वी गांवों का निरीक्षण करें और सतर्कता बरती जाए।

क्‍या कहते हैं अधिकारी

बैराजों से छोड़े गए पानी से गंगा में पानी बढ़ेगा। हर परिस्थिति को लेकर प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है। बाढ़ की स्थिति में अगर पशुओं के लिए चारे की समस्या होती है या फिर आबादी में पानी घुसता है तो ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए भी तैयारियां पूरी है। फ्लड यूनिट को भी बुलाया है तथा इसकी तैनाती की जा रही है।

चंद्र प्रकाश सिंह, जिलाधिकारी

आगरा में रौद्र रूप दिखाने लगी यमुना

बढ़ता जलस्तर जहां सूखी यमुना के लिए राहत भरा है। वहीं किनारे पर रहने वालों को यमुना का रौद्र रूप डराने लगा है। 481 फीट से जलस्तर 490.4 फीट पर पहुंच चुका है, जिसके 498 फीट तक पहुंचने की सिंचाई विभाग ने आशंका जताई है। वहीं यमुना का लो फ्लड लेवल 495 फीट और फ्लड लेवल 499 फीट है।

यमुना का जलस्तर खतरे के निशान की ओर बढ़ रहा है। इसको लेकर प्रशासन सतर्क हो गया है, वहीं किनारे के पास रहने वाले दिन में दो से तीन बार जलस्तर देखने पहुंच रहे हैं।

बारिश और बैराजों से छोड़े जाने वाले पानी के कारण जलस्तर निरंतर बढ़ रहा है। रविवार को ताजेवाला से आठ लाख और दोबारा में सात लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इस पानी का आगरा पहुंचने का इंतजार हो रहा है। जलस्तर बढ़ने से होने वाली मुश्किलों की ओर ध्यान दिया जा रहा है। सोमवार और मंगलवार को भी ताजेवाला से 30 से 50 हजार क्यूसेक पानी दिन में दो से तीन बार छोड़ा गया है। गोकुल बैराज से भी मंगलवार को दिन में तीन से चार बार 10 से 30 हजार क्यूसेक तक पानी छोड़ा गया, जो एक दिन से कम में आगरा आ जाता है। ताजेवाला से छोड़ा गया पानी चार दिन के सफर के बाद गुरुवार से यमुना में अपना असर दिखाएगा। इससे जलस्तर 498 फीट पहुंचने की आशंका सिंचाई विभाग जता चुका है। यमुना में बढ़ने वाले जलस्तर से मनोहरपुर, दयालबाग के साथ ही फतेहाबाद क्षेत्र के दर्जनभर से अधिक गांवों के प्रभावित होने की आशंका है।

रेनिंग टीम कर रही है जागरूक

शासन की ओर से रेनिंग टीम आगरा आई हुई है। ये तहसील सदर के गांवों में लोगों को जागरूक कर रही है। इसके साथ ही मंगलवार को एसडीएम सदर ने अधिकारियों की टीम के साथ कैलाश गांव, स्वामी बाग, तनौरा, नूरपुर आदि का निरीक्षण किया। इसके साथ ही बाढ़ चौकियों और राहत केंद्रों को सभी आवश्यक सामान उपलब्ध रखने के निर्देश दिए।


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