Dr Yogita Murder Case: ADG के निर्देश के बाद शिनाख्त में लापरवाही पर गिरी SSI पर गाज
Dr Yogita Murder Case एमएम गेट थाना पुलिस की शिनाख्त में लापरवाही आई है सामने। एडीजी ने एसएसपी को जांच कर कार्रवाई करने के दिए निर्देश।
आगरा, जागरण संवाददाता। एसएन मेडिकल कॉलेज की जूनियर डॉक्टर योगिता गौतम की हत्या के बाद शिनाख्त में पुलिस की लापरवाही सामने आई है। पोस्टमार्टम हाउस एसएन मेडिकल कॉलेज में ही है। इसी में योगिता का शव रखा था। थाने में स्वजन बैठे रहे। मगर, पुलिस ने सौ मीटर दूर चलकर पाेस्टमार्टम हाउस जाकर पता करने की जहमत नहीं उठाई। जबकि डौकी में शव मिलने के बाद पुलिस के ग्रुप पर उसका फोटो भी पड़ा था।
एडीजी अजय आनंद ने इस मामले में एसएसपी बबलू कुमार को जांच करके कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। मंगलवार रात से डॉ. योगिता लापता थीं। पुलिस के मुताबिक योगिता के भाई मोहिंदर गौतम ने एमएम गेट थाने जाकर बुधवार दोपहर 12 बजे अपहरण की तहरीर दे दी थी। इसके बाद भी एमएम गेट पुलिस सक्रिय नहीं हुई। उधर, डौकी पुलिस शव मिलने के बाद ही शिनाख्त के प्रयास कर रही थी। सीओ फतेहाबाद विकास जायसवाल ने डीसीआरबी से सात दिन में लापता युवतियों का रिकार्ड निकलवाया। इसमें उस हुलिया की कोई युवती लापता नहीं मिली। स्मार्ट सिटी के साथ-साथ रूट के सभी सीसीटीवी कैमरे चेक कराए जा रहे थे। टाटा कंपनी से नेक्सोन गाड़ी की खरीद का रिकार्ड मांगा। इसके साथ ही करीब 40 वाट्सएप ग्रुपों पर शिनाख्त को शव का फोटो पोस्ट किया गया। पुलिस के ऑफिसियल ग्रुप पर भी यह फोटो पेास्ट था। इस पर सभी थानेदार जुड़े हैं। एमएम गेट थाने के इंचार्ज छुट्टी पर थे। चार्ज देख रहे सब इंस्पेक्ट गंगा प्रसाद ने योगिता के स्वजनों को टरकाने और बैठाने के अलावा कुछ नहीं किया। अब जांच के बाद उन पर गाज गिरी है। उनका यहां से स्थानांनतरण कर दिया गया है।
मुझे कानून पर भरोसा है, बेटी को न्याय जरूर मिलेगा
डॉ. योगिता के पिता अंबेश गौतम अभी दिल्ली नहीं गए हैं। उन्होंने बताया कि वे फीरोजाबाद और आगरा में अपने रिश्तेदारों के यहां रुके हुए हैं। उनका कहना है कि कानून पर मुझे पूरा भरोसा है। बेटी को न्याय जरूर मिलेगा। पुलिस जल्द ही सारे साक्ष्यों को संकलित करे। आरोपित के खून से सने कपड़े, रिवॉल्वर और बेटी का मोबाइल अभी तक नहीं मिला है। पुलिस इन्हें जल्द बरामद कर ले। आरोपित के खिलाफ इतने मजबूत साक्ष्य जुटाए जाएं, जिससे उसे सजा हो सके।
उरई से कानपुर तक गई पुलिस
हत्यारोपित डॉ. विवेक तिवारी ने पुलिस को बताया था कि उसने हत्या के बाद पिता की रिवॉल्वर फतेहाबाद टोल प्लाजा के फेंक दी। यहां आसपास के गांवों में भी पुलिस ने प्रधानों से संपर्क कर पुलिस ने मदद मांगी है। आरोपित ने बताया था कि उसने खून से सने कपड़े उरई से कानपुर के रास्ते में फेंके थे। जबकि योगिता के मोबाइल के बारे में उसने कुछ नहीं बताया। पुलिस की टीम शनिवार को इनकी तलाश में उरई पहुंची। इसके बाद वहां से कानपुर के रूट पर जाकर खून से सने कपड़ों की तलाश की। मगर, पुलिस को कुछ नहीं मिला। अब कोर्ट से आरोपित का पीसीआर स्वीकृत हो जाने पर उसे लेकर पुलिस उरई और कानपुर जाएगी। आरोपित के पिता की रिवॉल्वर का लाइसेंस भी उरई में उसके आवास में रखा है। इसको भी पुलिस कब्जे में लेगी।