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खुश होने की है बात, 172 बैरियर पार कर दुनिया में अव्वल आगरा का जूता Agra News

ताजनगरी के जूते ने की कई निर्यातक देशों की नींद उड़ाई। अब आगरा की लैब में होगी प्रतिबंधित केमिकल की जांच।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Mon, 02 Sep 2019 02:14 PM (IST)Updated: Mon, 02 Sep 2019 02:14 PM (IST)
खुश होने की है बात, 172 बैरियर पार कर दुनिया में अव्वल आगरा का जूता Agra News
खुश होने की है बात, 172 बैरियर पार कर दुनिया में अव्वल आगरा का जूता Agra News

आगरा, संजीव जैन। आगरा के जूते की दुनिया में धमक यूं ही नहीं है। आयातक देशों ने जूता की गुणवत्ता को लेकर परीक्षण के जब-जब और जितने बैरियर लगाए, आगरा का जूता उन सबको पार करता रहा है। वर्तमान में जूता 172 तरह के प्रतिबंधित केमिकल की जांच में खरा उतर रहा है।

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भारत से हर साल करीब 20 हजार करोड़ रुपये का जूते का निर्यात होता है। इसमें चार हजार करोड़ रुपये का जूता आगरा व छह हजार करोड़ का कानपुर से होता है। आगरा के जूते के सबसे बड़े खरीददार इंग्लैंड, जर्मनी, फ्रांस, इटली, हॉलैंड, अमेरिका, आस्ट्रेलिया सहित अन्य देश हैं। आगरा फुटवियर मैन्यूफैक्चर्स एंड एक्सपोर्ट चैंबर (एफमैक) के अध्यक्ष पूरन डावर का कहना है कि वर्ष 2013 तक 73 तरीके के केमिकल पर प्रतिबंध था, जिसे वर्ष 2014 में बढ़ाकर 138 कर दिया गया है। वर्तमान 172 केमिकल की जांच करके ही जूता निर्यात किया जाता है। एक जांच में एक उद्यमी को अपने टर्न ओवर का एक प्रतिशत खर्च करना होता है। पहले यह जांच अन्य शहरों की लैब में कराई जाती थी पर अब आगरा के सींगना स्थित ट्रेड सेंटर में बनी टेस्टिंग लैब में आगामी 15 दिन में जांच शुरू हो जाएगी।

आगरा जूतानामा
- 28 फीसद है देश के कुल निर्यात में हिस्सेदारी
- 23 फीसद है देश के घरेलू कारोबार में हिस्सेदारी
- 65 हजार करोड़ रुपये का है कुल टर्न ओवर
- 20 है शहर में फुटवियर मार्केट की कुल संख्या
- 04 हजार करोड़ रुपये है विदेशों में कुल निर्यात
- 03 लाख से अधिक हैं आगरा में जूता बनाने वाले कुशल कारीगर
- मुगलकाल में सुबह-सुबह चमड़े की मशक में पानी भरकर सड़क की धुलाई करने वाले भिश्तियों ने आगरा में जूते गांठने के साथ इस उद्योग की आधारशिला रखी।
- आगरा में करीब 7.5 हजार छोटे-बड़े जूता उद्यमी हैं। इनमें से 200 निर्यातक हैं। करीब पांच लाख की आबादी इस पर प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से निर्भर करती है

कानूनी कार्रवाई का है प्रावधान
उदाहरण के तौर पर इचा लैब (जर्मनी) ने प्रतिबंधित 34 नए केमिकल की सूची जारी की है। अगर किसी जूते में यह केमिकल मिलते हैं तो यूरोपीय देश जूते की खरीद नहीं करेंगे। साथ ही निर्माण कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।

पेंटाक्लोरो फिनायल से हुई शुरुआत
करीब 28 साल पहले पेंटाक्लोरो फिनायल केमिकल पर प्रतिबंध लगाया गया था। इस केमिकल का इस्तेमाल चमड़े को फंक्शन से बचाने में किया जाता है। फिर एजो और क्रोम केमिकल पर प्रतिबंध लगाया गया।
 


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