Dowry Case: दहेज हत्या के आरोपित डॉ. सुमित को भेजा जेल, नौकरानियों के हुए बयान
Dowry Case- ताजगंज पुलिस ने रविवार को रिमांड मजिस्ट्रेट के सामने किया था पेश। पुलिस ने डॉक्टर की तीनों नौकरानियों के लिए बयान नहीं आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट।
आगरा, जागरण संवाददाता। डॉ. दीप्ति अग्रवाल की दहेज को हत्या के मामले में गिरफ्तार पति डॉ. सुमित अग्रवाल को रविवार को कोर्ट में पेश किए गए। रिमांड मजिस्ट्रेट के आदेश पर जेल भेज दिया गया। इस मामले में पुलिस ने डॉक्टर की तीनों नौकरानियों के बयान दर्ज किए। उन्होंने एक जैसे ही बयान दिए हैं।
विभव नगर स्थित विभव वैली व्यू अपार्टमेंट निवासी डा. सुमित अग्रवाल की पत्नी डा. दीप्ति अग्रवाल तीन अगस्त को फ्लैट में ही फंदे से लटकी मिली थी। फरीदाबाद के सर्वोदय अस्पताल में इलाज के दौरान डा. दीप्ति की छह अगस्त को मौत हो गई थी। डा. दीप्ति के पिता डा. नरेश मंगला ने दहेज हत्या का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। शनिवार शाम को पुलिस ने डा. सुमित अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया था। रात में उनसे पूछताछ की गई। रविवार को दोपहर ढाई बजे पुलिस कार से उन्हें कोर्ट ले गई। रिमांड मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया। कोर्ट के आदेश पर उन्हें जेल भेज दिया गया। चार दिन बाद भी अभी फरीदाबाद से पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं ले पाई है। रविवार को इसके लिए टीम फरीदाबाद गई।
पुलिस ने डा. सुमित अग्रवाल की तीनों नौकरानियों राखी, विमला और रजनी के बयान दर्ज किए हैं। तीनों ने यही कहा कि पति-पत्नी के बीच किसी तरह का विवाद नहीं था। घटना के समय विमला मौके पर थीं। उन्होंने यही कहा कि डा. दीप्ति कमरे में फांसी पर लटकी हुई थीं। डॉ. सुमित वहां पहुंचे उन्होंने दरवाजा तोड़कर उन्हें नीचे उतारा था। एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि आरोपित पति को कोर्ट के आदेश पर जेल भेज दिया गया है। केस में विवेचना की जा रही है। अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया जाएगा।
सभी धाराओं में हुआ रिमांड
मुकदमे में मारपीट, गर्भपात कराने, दहेज के लिए हत्या समेत अन्य धाराएं लगी हैं। इन सभी धाराओं में डॉ. सुमित को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया है। अभी मुकदमे में नामजद डॉ एससी अग्रवाल, सास अनीता अग्रवाल, जेठ डॉ अमित अग्रवाल, जेठानी डॉ तूलिका अग्रवाल की गिरफ्तारी शेष है। उनके संबंध में पुलिस की विवेचना जारी है।
इनाया को खतरा
डॉ. दीप्ति के पिता डॉ. नरेश मंगला ने अपनी धेवती इनाया की जान को खतरा बताया है। उनका कहना है कि इनाया को परिवार के लोग नहीं चाहते थे। ऐसे में वह नन्हीं परी वहां कैसे रहेगी? यह चिंता उन्हें सता रही है। उधर, सोशल मीडिया पर डॉ. नरेश मंगला द्वारा फेसबुक पर की गई एक पोस्ट से अब तक 1700 लोग जुड़ चुके हैं। इसमें वे दीप्ति के लिए इंसाफ मांग रहे हैं। सोशल मीडिया पर इसके लिए हस्ताक्षर अभियान भी चल रहा है।