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Dr. Deepti Agarwal Suicide Case: अस्थाई जेल में मुश्किल से कटी डॉ. सुमित की रात

Dr. Deepti Agarwal Suicide Case कमरा नंबर एक में दस बंदियों के साथ रखा गया है उन्हें। कोविड टेस्ट होने के बाद जेल में शिफ्ट किए जाएंगे।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Tue, 11 Aug 2020 12:22 PM (IST)Updated: Tue, 11 Aug 2020 12:22 PM (IST)
Dr. Deepti Agarwal Suicide Case: अस्थाई जेल में मुश्किल से कटी डॉ. सुमित की रात
Dr. Deepti Agarwal Suicide Case: अस्थाई जेल में मुश्किल से कटी डॉ. सुमित की रात

आगरा, जागरण संवाददाता। पत्नी की दहेज हत्या के मामले में गिरफ्तार डॉ. सुमित अग्रवाल को अस्थाई जेल में रखा गया है। पहली रात बहुत मुश्किल से कटी। कमरा नंबर एक में दस बंदियों के साथ उन्हें रात में फर्श पर ही सोना पड़ा। उधर डा. दीप्ति अग्रवाल के पिता डिप्‍टी सीएम डा. दिनेश शर्मा से भी मिले।

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विभव नगर के विभव वैली व्यू अपार्टमेंट निवासी डॉ दीप्ति की दहेज हत्या में डॉ सुमित अग्रवाल को पुलिस ने गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। यहां से उन्हें क्वीन विक्टोरिया गर्ल्स इंटर कॉलेज में बनी अस्थाई जेल में भेज दिया। इसकी उन्हें उम्मीद भी नहीं थी। डॉ. दीप्ति के सुसाइड नोट के आधार पर वे बचने की उम्मीद में थे। उनका मानना था कि पुलिस उनके बयान दर्ज करने के बाद जाने देगी। मगर, थाने पहुंचने पर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। सूत्रों का कहना है कि अब मुकदमे में नामजद ससुरालीजन गिरफ्तारी पर रोक का स्टे लेने के प्रयास में जुट गए हैं। उन्हें अब यह भय सता रहा है कि पुलिस दूसरे अभियुक्तों को भी किसी भी समय पकड़ सकती है। उधर, डॉ. सुमित को अभी कई दिन अस्थाई जेल में रहना पड़ सकता है। कोरोना संक्रमण के कारण नए अभियुक्तों को पहले कुछ दिन अस्थाई जेल में रखा जाता है। बाद में वहां से जिला जेल शिफ्ट किया जाता है। पहली रात उनके लिए बहुत कष्टकारी रही। जेल सूत्रों के अनुसार वह गुमसुम रहे। किसी से बात नहीं की। कोरोना संक्रमण के चलते वैसे भी बंदी एक दूसरे से दूरी बनाकर रह रहे हैं।

पोस्टमार्टम में मृत्यु का कारण फांसी लगना

फरीदाबाद से पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट ले आई। इसमें मृत्यु का कारण फांसी लगना बताया है। उन्होंने खुद फांसी लगाई या किसी और न लगाई। पुलिस को यह जांच करनी है। विवेचक सीओ सदर का तबादला हो गया है। अभी वे ही विवेचना कर रहे हैं।

डॉ. दीप्ति का मोबाइल भेजा जाएगा एफएसएल

डॉक्टर दीप्ति के मोबाइल में लॉक लगा था। पुलिस ने उसे खोलने का प्रयास किया। आईफोन होने के कारण पुलिस उसका लॉक नहीं खोल पाई। पुलिस का अनुमान है कि मोबाइल फेस या थम इंप्रेशन वाला लॉक होगा। मोबाइल जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा जाएगा। पुलिस उनकी व्हाट्स एप चेट भी देखना चाहती है। शायद उन्होंने अपने दिल की बात आत्मघाती कदम से पहले किसी से शेयर की हो।

डिप्टी सीएम से मिले पिता

डॉ. दीप्ति के पिता डॉक्टर नरेश मंगला सोमवार को मथुरा में उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा से मिले। ज्ञापन देकर ससुरालीजनों के खिलाफ जल्द से जल्द कानूनी कार्रवाई की मांग की। डिप्टी सीएम ने मौके से ही एसएसपी आगरा बबलू कुमार को फोन किया। प्रकरण में त्वरित कार्रवाई के आदेश दिए।


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