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कोहरे की बढ़ रही चादर, सफर करें संभल कर, हादसों का ग्राफ कर सकता है परेशान Agra News

सड़क हादसों में मरने वालों में सबसे ज्यादा संख्या 18 से 35 वर्ष की आयु के लोगों की होती है।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Mon, 30 Dec 2019 02:08 PM (IST)Updated: Mon, 30 Dec 2019 06:26 PM (IST)
कोहरे की बढ़ रही चादर, सफर करें संभल कर, हादसों का ग्राफ कर सकता है परेशान Agra News
कोहरे की बढ़ रही चादर, सफर करें संभल कर, हादसों का ग्राफ कर सकता है परेशान Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। सर्दियों में वाहन चलाते समय अतिरिक्त सावधानी की आवश्यकता है। वाहन लेकर सड़क पर निकले जरूर, लेकिन मन में सावधानी को प्रत्येक पल ध्यान में रखें। खासकर कोहरे में तो सावधानी और अधिक बरतने की आवश्यकता है। हर कदम संभलकर बढ़ाएं।

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ठंडक की शुरुआत के साथ ही लोगों ने परिवार के साथ छुट्टियां मनाने के लिए शहर के बाहर जाना शुरू कर दिया है। साल के अंतिम दिन को मनाने के लिए लोग होटलों की बुकिंग भी कर चुके हैं। इसी दरम्यान कोहरे की बढ़ती चादर सड़क पर दौड़ने वाले वाहनों की रफ्तार पर ब्रेक भी लगा रही है।

यातायात नियमों की अनदेखी और रफ्तार प्रत्येक वर्ष हजारों की जिंदगी को ब्रेक लगा रही है। बढ़ते संसाधनों के साथ दुर्घटनाओं का आंकड़ा भी बढ़ रहा है। ऐसे में कोहरे में होने वाली दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या भी वाहन चालकों के लिए खतरे की घंटी है।

आंकड़ों की बात करें तो 2015 में 911 दुर्घटनाएं हुई। इसमें 486 की मौत तथा 632 लोग घायल हुए। इसी तरह 2016 में 999 दुर्घटनाओं में 489 की मौत तथा 826 लोग घायल हुए। 2017 में 954 दुर्घटनाएं, 479 की मौत तथा 827 घायल हुए। 2018 में दुर्घटनाओं की संख्या बढ़कर 1180 पर पहुंच गई। साथ ही मृतकों की संख्या भी 564 तथा घायलों की संख्या 875 पहुंच गई। 2019 में नवंबर माह तक 1016 दुर्घटनाओं में 585 की मौत तथा 868 लोग घायल हो चुके हैं। इसमें अभी दिसंबर माह का आंकड़ा आना अभी बाकी है।

सड़क हादसों के मुख्य कारण

- क्षतिग्रस्त सड़कें, स्ट्रीट लाइटों का खराब होना

- सड़क नियमों की जानकारी न होना और गलत संकेतों का दिया जाना

- पैदल चलने वालों को सड़क के चिन्हों व यातायात संकेतों की जानकारी न होना

- हाइवे पर यातायात संकेतों का अभाव

- वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करना

- खराब मौसम में लाइट के पर्याप्त बंदोबस्त न होना।

सावधानी

- वाहन में साधारण लाइट के स्थान पर फॉग लाइट का प्रयोग करें।

- घने कोहरे में वाहन चलाने से बचें

- कोहरे में हाइवे पर बनी सफेद पट्टी के सहारे धीमी गति से चले

- सड़क किनारे संकेतों का ध्यान रखें

- पीछे आ रहे वाहन को तुरंत साइड दें

ये हुए हादसे

- पिछले पांच साल में 5060 दुर्घटनाओं में 2621 की मौत, 4028 लोग हुए घायल

- 2018 में सर्वाधिक 1180 दुर्घटनाएं

- नवंबर 2019 तक हो चुकी 585 की मौत

- कोहरे में अतिरिक्त सावधानी के साथ करें ड्राइविंग

मृतकों में 18 से 35 वर्ष की आयु के लोग सर्वाधिक

सड़क हादसों में मरने वालों में सबसे ज्यादा संख्या 18 से 35 वर्ष की आयु के लोगों की होती है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रलय द्वारा वर्ष 2014 में देश भर में हुए हादसों की विस्तृत रिपोर्ट जारी की गई थी। इनमें उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश समेत देश के 13 राज्यों में हुई सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों का फीसद 83.3 फीसद था।

न करें नियमों की अनदेखी

सड़क हादसों की सबसे बड़ी वजह तेज गति और यातायात नियमों की अनदेखी है। वाहन चलाते समय नियमों की अनदेखी नहीं करें। वाहन को नियंत्रण में चलाएं। कोहरा होने पर हादसों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में यदि बहुत जरूरी न हो तो रात के सफर को नजर अंदाज करें। कोहरे में कई बार दूसरे वाहन चालक की गलती भी भारी पड़ जाती है।

-अनिल कुमार, आरटीओ (प्रवर्तन)


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