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Accident on Yamuna Expressway: हादसे के साथ हुई सोमवार की सुबह, आधा दर्जन घायल Agra News

रविवार को भी मथुरा के पास यात्री बस हुई थी हादसे का शिकार। सोमवार को तंड़के डिवाइडर से टकराई बस।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Mon, 16 Sep 2019 10:51 AM (IST)Updated: Mon, 16 Sep 2019 10:51 AM (IST)
Accident on Yamuna Expressway: हादसे के साथ हुई सोमवार की सुबह, आधा दर्जन घायल Agra News
Accident on Yamuna Expressway: हादसे के साथ हुई सोमवार की सुबह, आधा दर्जन घायल Agra News

आगरा, जेएनएन। यमुना एक्सप्रेस वे पर एक और सुबह हादसे के साथ हुई। रविवार सुबह हुए बस हादसे के बाद सोमवार सुबह भी बस दुर्घटनाग्रस्‍त हो गई। पूर्व की भांति हादसे का कारण चालक को झपकी ही बताया जा रहा है। हादसे में आधा दर्जन यात्री घायल हो गए हैं, जिनमें से तीन की हालत गंभीर बताई जा रही है। बस में सवार यात्री सत्संग में भाग लेकर दिल्ली लौट रहे थे।

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यमुना एक्सप्रेस वे पर सोमवार सुबह प्राइवेट बस आगरा से नोएडा की ओर जा रही थी। सुबह का वक्‍त होने के कारण सभी सवारियां नींद के आगोश में थीं। मथुरा के थाना नौहझील क्षेत्र में माइल स्टोन 125 के समीप सुबह करीब पांच बजे चालक को झपकी लग गई। इससे बेकाबू होने पर बस डिवाइडर से टकराकर अंडरपास पुल में लटक गई।

हादसे के चलते बस में चीख पुकार मच गई। आसपास के लोगों ने जैसे ही हादसा होते देखा फौरन मदद के लिए दौड़। स्‍थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने स्‍थानीय लोगों की मदद से घायलों को बाहर निकाला।

बस में सवार विजेंद्र सिंह बेदी पुत्र प्रेम सिंह, गुरमीत पुत्र विजेंद्र सिंह बेदी, हरमिंदर पुत्र विजेंद्र सिंह बेदी, शारदा पत्नी रमेश, ओम प्रकाश पत्नी सामू, छोटू पुत्र जगदीश, संजीव पुत्र जगदीश, बिपाशा पुत्री विजेन्द्र सिंह बेदी, रवि सारस्वत पुत्र वेद प्रकाश निवासीगण द्वारका दिल्ली घायल हो गए। बस ड्राइवर सतीश कुमार पुत्र निरी सिंह निवासी मुंशीराम कॉलोनी मुखर्जी नगर चला रहा था। गंभीर रूप से घायल संजीव सहित तीन लोगों को नयति अस्पताल में भर्ती कराया गया है जबकि अन्य घायलों को अन्य अस्पतालों में भेजा गया है। संजीव की हालत चिंताजनक बताई गई।

हर घटना का है मजमून, फिर भी बहता खून

यमुना एक्सप्रेस वे पर गुरुवार को कोई पहला हादसा नहीं हुआ है। साढ़े नौ माह में 77 लोगों को यही एक्सप्रेस वे निगल चुका है। हर घटना पर पुलिस और यमुना एक्सप्रेस वे की रेस्क्यू टीम पहुंची। कारणों को खोजा भी गया। सुरक्षा के दावे किए गए। मगर, राहगीरों की सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।

अत्यधिक गति, झपकी, मार्ग किनारे खड़े वाहन, जंगली जानवरों की उछल-कूद और टायरों के फटने के कारण ही अब तक हादसों की वजह सामने आई है। बलदेव, महावन, राया, सुरीर और नौहझील पुलिस के रिकार्ड में भी यही कारण दर्ज है। यमुना एक्सप्रेस वे विकास प्राधिकरण भी हर घटना के बाद सुरक्षा के उपाय करने का दावा करता चला आ रहा है, पर होता कुछ नहीं है।

रविवार तड़के करीब साढ़े चार बजे हुए हादसे के पीछे भी एक्सप्रेस वे पर खड़े ट्रक ही मुख्य वजह रहे। भरतपुर से गिट्टी लेकर दिल्ली नोएडा की तरफ जाने वाले वाहन शेरगढ़ होकर बाजना कट पर पहुंचते हैं। यही एक्सप्रेस वे पर चालक ट्रकों को खड़ा करके विश्राम करते हैं। ऐसे ही खड़े ट्रक से बस टकराई थी, जिसमेें दो लोगों की जिंदगी खत्म हो गई।

आराम करने और खराब होने पर मजबूरी में खड़े किए गए वाहनों को तत्काल हटाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। स्पीड नियंत्रण के लिए स्पीडोमीटर नहीं लगे हैं। सीसीटीवी भी काम नहीं कर रहे हैं। कॉल बॉक्स खराब पड़े हैं। तार फेसिंग क्षतिग्रस्त हो चुकी है। यही कारण है कि चालक लापरवाह होकर वाहनों को चला रहे हैं।

प्रमुख घटनाएं

-माह-घटनास्थल-मृतकों की संख्या

-2 जनवरी-नौहझील-4

-10 फरवरी-नौहझील-3

-19 फरवरी-बलदेव-8

- 3 जून-बलदेव-4

-10 जून-सुरीर-5

-16 जून-बलदेव-8

-8 जुलाई-नौहझील-2

-28 जुलाई-महावन-2

-2 अगस्त-राया-2

(15 सितंबर तक 76 हादसे 77 की मौत और 408 घायल, विभिन्न थानों के रिकार्ड के अनुसार) 


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