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इतना ले रहे थाली में, व्यर्थ नहीं जा रहा नाली में, ABVP Workers दे रहे सीख Agra News

एबीवीपी के अधिवेशन में ढाई हजार कार्यकर्ताओं ने ग्रहण किया भोजन। कहीं नहीं दिखी खाने की बर्बादी।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Sun, 24 Nov 2019 09:44 AM (IST)Updated: Sun, 24 Nov 2019 09:44 AM (IST)
इतना ले रहे थाली में, व्यर्थ नहीं जा रहा नाली में, ABVP Workers दे रहे सीख Agra News
इतना ले रहे थाली में, व्यर्थ नहीं जा रहा नाली में, ABVP Workers दे रहे सीख Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। इतना ही लो थाली में, व्यर्थ न जाए इतना ले रहे थाली में, व्यर्थ नहीं जा रहा नाली में ... यह पंक्ति अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के राष्ट्रीय अधिवेशन स्थल पर बने भोजन पंडाल में लिखी भी है और चरितार्थ भी हो रही है। यहां कोई भी कार्यकर्ता अपनी थाली में भोजन नहीं छोड़ रहा।

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अभाविप के राष्ट्रीय अधिवेशन में 'जीरो फूड वेस्टेज' की योजना बनाई गई है। इसके लिए जितना भोजन ग्रहण करना है, उतना ही थाली में लेने के लिए कार्यकर्ताओं से आग्रह किया जा रहा है। खाने के बाद जब कार्यकर्ता थाली रखने जाते हैं तो गेट पर खड़े अन्य कार्यकर्ता उसे निहारते हैं। थाली में भोजन बचा होता है उसे खत्म करने का आग्रह करते हैं। इसका असर साफ दिख रहा है। कार्यकर्ता उतना भोजन ले रहे हैं, जितना ग्रहण कर सकते हैं। अधिवेशन के औपचारिक उद्घाटन के बाद दोपहर दो बजे भोजन पंडाल में करीब ढाई हजार कार्यकर्ताओं ने भोजन ग्रहण किया।

अनुशासन का परिचय

अधिवेशन के व्यवस्था प्रमुख डॉ. अमित अग्रवाल का कहना है कि कार्यकर्ताओं ने अन्न की कीमत और संगठन के भाव को समझा। सभी ने स्वप्रेरणा से भोजन को बचाने में सहयोग दिया है।

सबको अन्न की कीमत समझनी चाहिए। जितना भोजन हम ग्रहण कर सकते हैं, उतना ही थाली में ले रहे हैं। इससे भोजन की बर्बादी रुकी है।

शुभम चंदेल, मेरठ

भोजन कभी बर्बाद नहीं करना चाहिए। इसका पालन कर रहे हैं। केवल यहीं नहीं, बल्कि हर जगह पर लोगों को भोजन की बर्बादी रोकने के लिए काम करना चाहिए।

पंकज कसाना, गाजियाबाद

भोजन तैयार करने में जुटे 100 से ज्यादा कारीगर

एबीवीपी के अधिवेशन में आए कार्यकर्ताओं के भोजन के लिए एक बड़ी रसोई बनी है। इसमें दिन-रात काम हो रहा है। सुबह के नाश्ता की तैयारी रात में होती है। जब नाश्ता चल रहा होता है तो दोपहर के भोजन की तैयारी होती है। 100 से ज्यादा कारीगर स्वादिष्ट भोजन तैयार करने में जुटे हुए हैं। शनिवार को सुबह नाश्ता, दोपहर और रात के भोजन में अलग-अलग व्यंजन परोसे गए। रसोई में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। सबसे अधिक कारीगर पूड़ी और रोटी बनाने में लगे हैं। इसके अलावा रोटी बनाने की मशीन भी लगी है।

यह था सुबह का नाश्ता

इडली-सांवर- पांच हजार पीस

ब्रेड पकौड़ा- पांच हजार पीस

सैंडविच - पांच हजार पीस

सूजी का हलवा - 35 किग्रा

दोपहर का खाना

मटर-पनीर - एक कुंतल

राजमा - 50 किग्रा

चावल - एक कुंतल

पूड़ी व रोटी - दो कुंतल आटा

रायता - एक कुंतल

लड्डू - पांच हजार पीस

रात का भोजन

छोले - 50 किग्रा

दम आलू - 1.5 कुंतल

रायता - एक कुंतल

चावल - एक कुंतल

पूड़ी-रोटी - दो कुंतल आटा  


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