यहां दस रुपये में बिकती है एक गिलास शराब, Dry day भी नहीं होता लागू
आगरा के पास बाह के विष्णुपुरा गांव में खुलेआम होती है शराब की बिक्री। न लाइसेंस की जरूरत और ना ही है यहां वक्त की रोका-टोकी। हर दिन चोरी छिपे 500 लीटर से अधिक तैयार होती है शराब। कच्ची शराब की भट्ठियां 24 घंटे रहती हैं धधकती।
आगरा, अमित दीक्षित। आगरा में एक गांव ऐसा है जहां न नियमों की परवाह है और न ही कानून का डर। यहां दस रुपये में एक गिलास शराब बिकती है। जी हां, हम बात कर रहे हैं बाह तहसील के विष्णुपुरा गांव की। जहां अवैध शराब का धंधा जोरों पर चल रहा है। दिन कोई भी हो और समय भी। शौकीन को आसानी से शराब मिल जाती है। यहां तक आसपास के गांव के लोग शराब पीने के लिए आते हैं। गांव में हर दिन चोरी छिपे 500 लीटर बनती है और इतनी ही बिक्री हो जाती है।
दीपावली पर और भी अधिक बिक्री
ग्रामीणों की मानें तो दीपावली, होली और नए साल के जश्न के दौरान शराब की बिक्री बढ़ जाती है।
नशे के लिए भी कुछ...
विष्णुुपुरा में कच्ची शराब को पुराने पैटर्न पर बनाया जाता है। सबसे अहम जितना नशा, उतना मजा है। इसी आधार पर धतूरा का बीज, पत्ता, यूरिया और नशीली गोलियां तक मिलाई जाती हैं। अगर फिर भी नशा न बढ़े तो स्प्रिट से लेकर अन्य का प्रयोग किया जाता है।
न बिकने पाए जहरीली शराब
प्रदेश सरकार जहरीली शराब की बिक्री को लेकर सख्त है लेकिन इसके बाद भी बाह सहित अन्य क्षेत्रों में शराब तैयार हो रही है। स्थानीय स्तर पर इसे खपाया जा रहा है। जहरीली शराब पीने से पिछले साल कई लोगों की मौत भी हो चुकी है।
शिकायतों के बाद जागता है आबकारी विभाग
बाह में अवैध शराब का धंधा चल रहा है। इसकी जानकारी आबकारी विभाग के अफसरों को है लेकिन शिकायतों के बाद भी विभागीय अफसरों की नींद नहीं खुलती। जब प्रदेश में अवैध शराब से कोई मौत हो जाए, उस समय जरूर अभियान के दौरान विष्णुुपुरा की शराब भट्ठियां कुछ समय के लिए बंद होती हैं, उसके बाद गाड़ी फिर पुराने ढर्रे पर लौट आती है। 24 घंटे यहां शराब तैयार करने को भट्ठियां धधकती रहती हैं।