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Dengue: आगरा में डेंगू के 44 मरीज, प्लेटलेट्स की बढ़ने लगी मांग

हर रोज नए केस मिलने से संक्रमण फैलने का खतरा। शहर के साथ देहात में भी डेंगू के केस। निजी ब्लड बैंक और एसएन मेडिकल कालेज की ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स के लिए लग रही है लाइन। 24 घंटे ब्लड बैंक में तैयार हो रहे प्लेटलेट्स।

By Nirlosh KumarEdited By: Published: Thu, 16 Sep 2021 02:47 PM (IST)Updated: Thu, 16 Sep 2021 02:47 PM (IST)
Dengue: आगरा में डेंगू के 44 मरीज, प्लेटलेट्स की बढ़ने लगी मांग
आगरा में डेंगू के मरीज बढ़ने से प्लेटलेट्स की मांग बढ़ी है।

आगरा, जागरण संवाददाता। ताजनगरी के 44 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। हर रोज डेंगू के नए केस मिल रहे हैं। डेंगू के नए केस मिलने से प्लेटलेट्स की मांग बढ़ने लगी है। एसएन मेडिकल कालेज की ब्लड बैंक के साथ ही निजी ब्लड बैंक पर प्लेटलेट्स लेने के लिए लाइन लग रही हैं।

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स्वास्थ्य विभाग के रिकार्ड के अनुसार 14 अगस्त से 15 सितंबर तक आगरा में डेंगू के 44 केस मिले हैं। इनमें बच्चों की संख्या अधिक है। डेंगू के डी टू स्ट्रेन से संक्रमित होने पर बच्चों में ब्लीडिंग हो रही है और प्लेटलेट्स काउंट 20 हजार से नीचे पहुंच रहे हैं। ऐसे केस में प्लेटलेट्स की जरूरत पड़ रही है। एसएन के प्राचार्य डा. प्रशांत गुप्ता ने बताया कि 24 घंटे में डेंगू सहित अन्य बीमारियों से पीड़ित मरीजों को रैंडम डोनर प्लेटलेट्स (आरडीपी) चढ़ाए गए हैं। वहीं, छह मरीजों को सिंगल डोनर एफरेसिस प्लेटलेट्स (एसडीपी, जंबो पैक) चढ़ाए गए। एसएन की ब्लड बैंक में आरडीपी और एसडीपी की मांग बढ़ रही है। ब्लड बैंक में 24 घंटे प्लेटलेट्स तैयार हो रहे हैं। वहीं, एसएन में भर्ती 14 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। इनमें से पांच मरीज आगरा, नौ मरीज फीरोजाबाद, मैनपुरी, अलीगढ़, एटा और औरेया के हैं।

बच्चों को बुखार आने पर डाक्टर से परामर्श के बाद ही दें दवा

मौसम के बदले मिजाज से डेंगू, मलेरिया और वायरल बुखार का प्रकोप बढ़ रहा है। एसएन के बाल रोग विभाग के डा. ​नीरज यादव ने बताया कि बुखार आने पर बच्चों को डाक्टर के परामर्श के बिना दवा न दें। डेंगू में एस्प्रिन, ब्रूफेन और स्टेरायड घातक हो सकते हैं, मलेरिया के मरीजों को एंटी मलेरिया दवा दी जाती है। वहीं, वायरल बुखार में सामान्य दवाएं दी जाती हैं। सर्दी जुकाम और खांसी होने पर एंटीबायाटिक भी देने की जरूरत होती है। ऐसे में बुखार के मरीजों को डाक्टर से परामर्श के बाद ही दवा लेनी चाहिए।


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