गणेश प्रतिमा का विसर्जन करते 11 डूबे
जेएनएन, आगरा: गणेश प्रतिमा विसर्जन के दौरान 11 युवक यमुना और तालाब में डूब गए। इनमें से छह
जेएनएन, आगरा: गणेश प्रतिमा विसर्जन के दौरान 11 युवक यमुना और तालाब में डूब गए। इनमें से छह को बचा लिया गया है। तीन के शव बरामद हो गए हैं। दो की तलाश देर रात तक जारी थी।
सोमवार को पुनिया पाड़ा, लोहामंडी आगरा से यमुना में गणेश प्रतिमा के विसर्जन के लिए डौकी के समोगर घाट पर बड़ी संख्या में युवक पहुंचे थे। पांच युवक विसर्जन के समय डूब गए थे। दो को वहां मौजूद लोगों ने बचा लिया, जबकि पुनिया पाड़ा मुहल्ला के मनीष (20) पुत्र सोमनाथ, राजू (25) पुत्र जगदीश कश्यप एवं सत्यम पुत्र सुरेन्द्र कुमार त्रिवेदी डूब गए। इनके बारे में साथ आए लोगों को भी पता नहीं चला। शाम को जब तीनों घर नहीं पहुंचे तब परिजनों को चिंता हुई। मंगलवार सुबह तीनों के परिजन यमुना पर पहुंच गए। सूचना पर प्रभारी निरीक्षक डौकी तेज बहादुर सिंह मय पुलिस बल के घाट पर पहुंचे। दोपहर में गोताखोरों ने सत्यम व राजू का शव खोज लिया। मनीष का पता नहीं चल सका है।
मंगलवार दोपहर एत्मादपुर के गांव गढ़ीरामी निवासी अवनीश उर्फ विक्की पुत्र बालकेश सिकरवार, बीजू, अतुल, कन्हैया व गोविन्द मित्रों के साथ रहनकलां स्थित समोगर घाट पर दोपहर दो बजे गणेश विसर्जन को आए थे। विसर्जन के दौरान गहरे गड्ढे में चले गए। इसमें से चार युवक तो बाहर निकल आए, लेकिन विक्की का पता नहीं चल सका। नायब तहसीलदार डॉ. गजेंद्र पाल सिंह व थाना प्रभारी परमहंस तिवारी मय फोर्स के मौके पर पहुंच गए। तीन घटे में भी पीएसी के गोताखोर नहीं पहुंच पाए थे। ग्रामीण युवक ही तलाश में जुट गए, लेकिन विक्की का पता नहीं चल सका। वहीं विधायक राम प्रताप सिंह चौहान, सांसद प्रतिनिधि टीकम सिंह तोमर भी मौके पर पहुंच गए थे।
किरावली के अछनेरा मार्ग स्थित पुरामना तालाब में प्रतिमाओं का विसर्जन किया जा रहा था। मंगलवार सुबह साढ़े ग्यारह बजे अछनेरा कस्बा के स्टेशन रोड निवासी 18 वर्षीय तुषार पुत्र गुलवीर विसर्जन के दौरान गहरे पानी में डूब गया। वहां मौजूद ग्रामीण उसे बचाने के लिए पानी में उतर गए। उसे बाहर निकाल कर लाए। चिकित्सक के पास ले गए, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
बृजमोहन ने बचाई पांच की जान: गढ़ी रामी में तालाब में डूबे पांच लोगों में चार की जान वहां मौजूद बृजमोहन के साहस के चलते बच सकी। वह भी प्रतिमा विसर्जन को आए थे। युवकों के डूबने पर परिजनों में मची चीख-पुकार सुनकर नदी में कूद पड़े। एक-एक करके चारों युवकों को उन्होंने किनारे पर लगाया। इस दौरान एक बार वह खुद भी नदी के बीच बने गहरे गड्ढे में फंसने से बचे।