आगरा में जेल से छूटे 350 बंदियों ने बढ़ाई पुलिस की टेंशन, किया जा रहा है सत्यापन
कोरोना काल में अंतरिम जमानत पर रिहा हो चुके हैं विचाराधीन बंदी। कोरोना कर्फ्यू में काम की कमी अपराध बढ़ने की आशंका। चोरी के मामले भी पिछले कुछ दिनों से बढ़ने लगे हैं। गतिविधयों पर भी नजर रखी जा रही है।
आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण को देखते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय की हाई पावर कमेटी ने जेल के निर्देश के बाद जिला जेल से 350 विचाराधीन बंदी अंतरिम जमानत पर छोड़े जा चुके हैं। इनमें ऐसे बंदी शामिल हैं, जो छोटे- छोटे अपराधों में जेल में बंद थे। सात वर्ष से कम सजा वाले इन बंदियों की रिहाई हो गई है। अब पुलिस की चिंता बढ़ गई है। ऐसे सभी बंदियों का सत्यापन कराना शुरू कर दिया है।
शहर में लगातार अपराध के मामले बढ़ रहे हैं। चोरी, लूट की वारदाते कोराेना कर्फ्यू के दौरान बढ़ चुकी हैं। एेसे में जो बंदी रिहा हुए हैं पुलिस की शक की सुइ उनके आस पास घूम रही है। कोई चोरी के मामले में जेल भेजा था तो कोई जेब काटने के मामले में। अब ये सभी अदालत से अंतरिम जमानत मिलने पर जेल से बाहर आ चुके हैं। ऐसे सभी बंदियों से पुलिस की टेंशन बढ़ गई है। चोरी के मामले भी पिछले कुछ दिनों से बढ़ने लगे हैं। कहीं शराब की दुकान तो कहीं परचून की दुकान से चोरी हो रही है। बदमाश दो दिन पहले सिकंदरा के केके नगर में डाक्टर के घर से करीब दस लाख रुपये की लूट कर ले गए। जेल से छूटे अपराधियों पर भी घटना में शामिल होने का शक है। इसलिए अब उनका सत्यापन किया जा रहा है। हर थाना क्षेत्र की ईगल मोबाइल को एक बार फिर अपराधियों का सत्यापन तेजी से करने को कहा गया है। जेल से रिहा होने के बाद अपराधी कहां रह रहा है? वह क्या कर रहा है? उसकी गतिविधयों पर भी नजर रखी जा रही है।