Johns Mill Compound: आगरा सिविल काेर्ट में लंबित हैं जोंस मिल की जमीनों के 28 वाद
जोंस मिल परिसर में 20 करोड़ रुपये की मिली परिसंपत्तियां बिक्री के रिकाॅर्ड की तलाश। प्रशासन के अलावा नगर निगम आैर श्रम विभाग करेगा पैरवी जिम्मेदारी की गई तय।
आगरा, जागरण संवाददाता। जीवनी मंडी स्थित जोंस मिल की जमीनों के वादों की पहले चरण की सूची बनकर तैयार हो गई है। सिविल कोर्ट में 28 वाद लंबित हैं। अब दूसरे चरण की सूची तैयार की जा रही है। पहले चरण में कई वाद ऐसे हैं जिसमें राज्य सरकार पक्षकार नहीं है। उन वादों में दस्तावेज उपलब्ध कर राज्य सरकार को पक्षकार बनाया जाएगा।
जिला प्रशासन के अलावा नगर निगम और श्रम विभाग भी ऐसे वादों की पैरवी करेगा। इसके लिए दोनों विभागों के अफसरों की जिम्मेदारी तय कर दी गई है। जांच समिति ने पाया कि वर्ष 1949 में जोंस मिल में तीन हजार मजदूर कार्यरत थे। राज्य सरकार ने मिल को सार्वजनिक लोक उपयोग की वस्तु के रूप में घोषित किया था। श्रम विभाग की निगरानी में मिल संचालित हो रही थी। जांच में 20 करोड़ रुपये के आसपास परिसंपत्तियां मिली हैं। इनकी बिक्री के रिकाॅर्ड की तलाश की जा रही है। वहीं जांच समिति ने सिंचाई विभाग से वर्ष 1949 का नक्शा मांगा है। यह नक्शा खसरा नंबर 2078 का है। 74 हजार वर्ग मीटर के आसपास नहर की जमीन मिली है। जांच समिति की अध्यक्ष और एडीएम प्रशासन निधि श्रीवास्तव का कहना है कि वादों की पैरवी की जाएगी। सिंचाई विभाग से नक्शा मांगा गया है।
दाराशिकोह लाइब्रेरी में नहीं मिले दस्तावेज
नगर निगम की टीम ने तीन घंटे तक मोतीगंज स्थित दाराशिकोह की लाइब्रेरी में वर्ष 1964 से पूर्व के दस्तावेजों की तलाश की। निगम के छत्ता जोन के प्रभारी अधिकारी एके सिंह की अगुवाई में तीन कर्मचारियों ने कार्य किया लेकिन कोई भी दस्तावेज नहीं मिला। मंगलवार से निगम स्थित रिकाॅर्ड रूम में दस्तावेजों की जांच की जाएगी। अपर नगरायुक्त केबी सिंह ने बताया कि दस्तावेज न मिलने की जानकारी जोंस मिल की जांच समिति को दे दी गई है।