Diet for Bear: सर्दियों में बदल गई भालूओं की डाइट, जानिए क्या पसंदीदा फूड
Diet for Bear आगरा-दिल्ली हाइवे स्थित सूर सरोवर पक्षी विहार में दुनिया का सबसे बड़ा भालू का संरक्षण केंद्र हैं। दलिया हो या उबला अंडा सभी को पसंद के हिसाब से दिया जाता है खाना। 110 भालू हैं संरक्षण केंद्र में गर्मी के लिए कमरों में बिछाई जाती है पराली।
आगरा, जागरण संवाददाता। सर्दियों में जहां इंसानों का खानपान बदलता है तो वहीं कीठम स्थित भालू संरक्षण केंद्र पर भालूओं की डाइट भी पूरी तरह से बदल जाती है।यहां रहने वाले भालूओं को शहद, खजूर, दलिया, मौसमी फल दिए जाते हैं तो उनकी पसंद के अनुसार अंडा आदि भी खिलाया जाता है।
हर भालू की है अलग पसंद
सर्दियों में एल्विश को शहद और खजूर का गरम गरम दलिया पसंद है, तो वहीं रोजी नाम की मादा भालू मौसमी फल खाना बंद कर देती है। जूली, छोटू, कीर्ति और मोगली के साथ अन्य भालुओं की पसंद और नापसंद भी सर्दियों में बदल जाती है। कोई फल खाता है, तो कोई दलिया में उबला अंडा खाना पसंद करता है। किसी को दलिया में दूध मिलाकर खाना पसंद है।
आगरा-दिल्ली हाइवे स्थित सूर सरोवर पक्षी विहार में दुनिया का सबसे बड़ा भालू का संरक्षण केंद्र हैं। यहां करीब 25 एकड़ में फैले संरक्षण केंद्र में 110 से ज्यादा भालू रहते हैं। उनकी पसंद और नापसंद का ख्याल 70 कर्मचारी रखते हैं।
गर्मी के लिए बिछाई जाती है पराली
सर्दी में भालू पराली के गद्दे पर सोते हैं। जिन भालूओं की उम्र 15 साल से ज्यादा हैं, उनके कमरों में हीटर व हेलोजन लाइट भी लगाई जाती है, जिससे उन्हें ठंड न लगे। सभी के स्वास्थ्य का रिकार्ड भी रखा जाता है। जिन भालूओं की उम्र 20 साल से ज्यादा है, उन्हें बाहर नहीं निकाला जाता है। उन्हें ठंड से बचाया जाता है।दोपहर में धूप में बाहर निकालते हैं।
मौसम के अनुसार बदलते हैं डाइट
डायरेक्टर कंज़रवेशन प्रोजेक्ट्स बैजुराज एमवी ने बताया कि जैसे इंसान को अलग-अलग काम और भोजन पसंद होते हैं, वैसा ही भालुओं के साथ है। हम लोग इस बात का ध्यान रखते हैं कि सप्ताह में कम से कम दो दिन हर भालू को उसकी पसंद का भोजन उपलब्ध करा सकें। अन्य दिनों में सभी के लिए एक सा ही भोजन बनता है। मौसमी फलों को भी इनकी खुराक में शामिल किया जाता है। रेस्क्यू सेंटर में भालुओं को मस्ती करने के लिए अलग अलग साधन उपलब्ध कराए गए हैं।उन्नत किस्म के उपचार के लिए सेंटर में ही एक अस्पताल भी है। इस अस्पताल में पांच चिकित्सक हमेशा तैनात रहते हैं।