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Black Marketing: डीएपी की हो रही कालाबाजारी, सहकारी समितियों पर 20 दिन से नहीं है उपलब्ध

रविवार देर रात तक रैक आने की उम्मीद। उसके बाद सहकारी समितियों से किसानों को होगा वितरण। निजी विक्रेता 1200 रुपये वाले पैकेट पर 500 से 700 रुपये प्रति पैकेट अधिक वसूल रहे हैं। 60 हजार हेक्टेअर में सरसों और 72 हजार हेक्टेअर में आलू की फसल होती है

By Nirlosh KumarEdited By: Published: Sun, 17 Oct 2021 02:09 PM (IST)Updated: Sun, 17 Oct 2021 02:09 PM (IST)
Black Marketing: डीएपी की हो रही कालाबाजारी, सहकारी समितियों पर 20 दिन से नहीं है उपलब्ध
डीएपी के अभाव में किसान सरसों और आलू की बोवाई नहीं कर पा रहे हैं।

आगरा, जागरण संवाददाता। 20 दिन से सहकारी समितियों पर डीएपी के लिए हाहाकार मची हुई है, लेकिन डीएपी उपलब्ध नहीं हो पा रही है। सरसों की बोवाई में पिछड़ रहे किसान समितियों के चक्कर लगा रहे हैं, तो आलू की बोवाई की शुरुआत ही नहीं हो पा रही है। शुक्रवार को रैक चली थी, जिसके रविवार को आने की उम्मीद जताई जा रही थी। एआर काेआपरेटिव के अनुसार रविवार देर रात या सोमवार सुबह तक रैक आगरा आ पाएगी, जिसके उतरने के बाद समितियों पर वितरण होगा। वहीं, निजी विक्रेता 1200 रुपये वाले पैकेट पर 500 से 700 रुपये प्रति पैकेट अधिक वसूल रहे हैं।

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जिले में 60 हजार हेक्टेअर में सरसों और 72 हजार हेक्टेअर में आलू की फसल होती है। सरसों की बोवाई का समय समाप्त हो रहा है, जबकि 15 अक्टूबर से आलू की बोवाई की शुरुआत होनी थी। समितियों में डीएपी नहीं मिलने के कारण किसानों को मुश्किल हो रही है। सहकारी समितियों पर डीएपी नहीं है, तो एनपीके भी समाप्त हो चुकी है। जिले की 105 समितियाें के किसान चक्कर लगा रहे हैं, जहां से उन्हें रोज बैरंग लौटा दिया जाता है। समितियों के लिए जिले में कुल उपलब्ध 1350 मीट्रिक टन डीएपी को दो अक्टूबर को भेजा गया था, जिसका वितरण हो चुका है। डीएपी की किल्लत का फायदा निजी विक्रेता उठा रहे हैं और जमकर कालाबाजारी करने में जुटे हैं। एत्मादपुर के किसान राजेंद्र ने बताया कि विक्रेता उनकी पहचान के किसान को साथ लाने की बात कह रहे हैं। जब वह आश्वस्त हो जाते हैं, उसके बाद प्रति पैकेट मोलभाव शुरू होता है। जितने पैकेट चाहिए होते हैं उस हिसाब से 500 से 700 रुपये तक अधिक पर डीएपी उपलब्ध कराई जा रही है। खंदौली के किसान हरपाल सिंह ने बताया कि सहकारी समिति पर डीएपी उपलब्ध नहीं हो पा रही है। बाजार में निजी विक्रेता मनमाने दाम वसूल रहे हैं। इन पर लगाम भी नहीं कसी जा ही है।

एआर काेआपरेटिव राजीव लोचन ने बताया कि डीएपी की रैक चल चुकी है, जिसके रविवार देर रात तक आगरा आने की उम्मीद है। सोमवार को उसे समितियों पर पहुंचाया जाएगा, जिसके बाद वितरण होगा।


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