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Ideal Government School Agra: थोड़े से किए प्रयास, तो बदल गए आगरा में सरकारी स्‍कूल के हालात, बन गया आदर्श

कभी सुविधाओं की कमी और शैक्षिक स्थिति से असंतुष्ट थे अभिभावक। प्रयासों से बदले हालात तो बढ़ी सुविधाएं निजी विद्यालयों को छोड़ा पीछे। विद्यालय की दीवारों पर पेंटिंग चार्ट पोस्टर आदि बनवा कर पढ़ाई का माहौल तैयार किया। विद्यार्थियों के खेलने के लिए खिलौने आदि मंगाए।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Sat, 16 Oct 2021 11:04 AM (IST)Updated: Sat, 16 Oct 2021 11:04 AM (IST)
Ideal Government School Agra: थोड़े से किए प्रयास, तो बदल गए आगरा में सरकारी स्‍कूल के हालात, बन गया आदर्श
चंदसोरा में सरकारी स्‍कूल में इस तरह वॉल पेंटिंग कराई गई है।

आगरा, जागरण संवाददाता। कभी अभिभावक को विद्यालय में पढ़ाई की स्थिति स्तरीय नहीं लगती थी, इसलिए वह अपने बच्चों को भेजने में कतराते थे। शिक्षकों ने परिस्थिति देखी, तो खुद बदलाव लाने की ठानी और धीरे-धीरे पढ़ाई के साथ सुविधाओं का स्तर सुधारा। अभिभावकों को मासिक बैठक में बुलाकर संवाद किया, सुझावों को अमल में लाकर सुविधाएं विकसित की और आज स्थिति यह है कि आसपास के निजी विद्यालय उसके सामने नहीं ठहरते।

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हम बात कर रहे हैं जगनेर ब्लाक के उच्च प्राथमिक कंपोजिट विद्यालय चंदसौरा की। यह बदलाव यहां कार्यरत आठ शिक्षकों और प्रधानाचार्य के प्रयासों का नतीजा है। उन्हें एकजुट करने का श्रेय जाता है शिक्षक प्रवेश कुमार शर्मा को। वह बताते हैं कि वर्ष 2016 में उनकी विद्यालय में तैनाती हुई, तो अभिभावक विद्यालय को लेकर ज्यादा अच्छी राय नहीं रखते थे। उन्हें यहां का शैक्षिक माहौल पसंद नहीं आता था, इस कारण कक्षा एक से आठवीं तक सिर्फ 135 विद्यार्थी पंजीकृत थे। सुविधाओं के नाम पर ज्यादा कुछ नहीं था, इसलिए अभिभावक अपने बच्चों को यहां नहीं भेजते थे। जो भेजते, वह सिर्फ सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए।

खुद से की बदलाव की शुरुआत

प्रवेश कुमार बताते हैं कि उन्होंने परिस्थिति देखी और अन्य शिक्षकों व प्रधानाध्यापक तारा कुमारी से चर्चा कर हालात सुधारने के बारे में सोचा। सभी से सहमति मिली, तो व्यक्तिगत योगदान से धीरे-धीरे संसाधन जुटाएं। पानी की समस्या दूर करने को हैंडपंप की मरम्मत कराई। विद्यालय की दीवारों पर पेंटिंग, चार्ट, पोस्टर आदि बनवा कर पढ़ाई का माहौल तैयार किया। विद्यार्थियों के खेलने के लिए खिलौने आदि मंगाए। आफिस बनवाया, अभिभावकों के बैठने के लिए सोफे की व्यवस्था की। प्रयासों से विद्यालय की रंगत बदल गई। फिर कायाकल्प योजना में अन्य सुविधाएं मिली और विद्यालय में टाइल्स फ्लोरिंग, स्तरीय शौचालय व सबमर्सिबल आदि लग गए।

तैयार कराया पार्क

पहले यहां पार्क के नाम पर सिर्फ एक दो पेड थे। शिक्षकों ने प्रयास कर हरियाली विकसित की। तमाम पौधे लगाकर पार्क बनाया, पौधे बड़े हुए, तो हर ओर हरियाली है। पार्क में निजी खर्च पर झूले लगवाने के बाद यह जगह विद्यार्थियों की पसंदीदा बन गई है।

जारी हैं प्रयास

प्रयासों से विद्यालय में काफी बदलाव आया है, लेकिन यहां की बाउंड्री नहीं है। फर्नीचर भी नहीं है, विद्यार्थी टाट-पट्टी पर बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं। शिक्षक सामाजिक संगठन के सहयोग से यहां स्मार्ट क्लास और आडियो-वीडियो सिस्टम आदि लगवाकर विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा दिलाने के लिए प्रयासरत हैं।


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