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Monkey Attack: खूंखार बंदरों से आगरा शहर परेशान, नहीं हो पा रहा समाधान

Monkey Attack छह वर्ष पूर्व बंदरों के आतंक से निदान की मांग की गई थी। तत्कालीन कमिश्नर के स्तर से नौ करोड़ रुपये का प्रस्ताव भी शासन को गया था लेकिन सब कुछ कागजों में दफन हो गया।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Thu, 26 Aug 2021 08:50 AM (IST)Updated: Thu, 26 Aug 2021 08:50 AM (IST)
Monkey Attack: खूंखार बंदरों से आगरा शहर परेशान, नहीं हो पा रहा समाधान
शहर की दर्जनों कालोनियां खूंखार बंदरों से परेशान हैं

आगरा, जागरण संवाददाता। शहर की दर्जनों कालोनियां खूंखार बंदरों से परेशान हैं तो कई सार्वजनिक स्थान भी इस समस्या को झेल रहे हैं। इसके समाधान के लिए लंबे समय से मांग हो रही है, लेकिन सब कुछ कागजों में है। पार्षद रवि माथुर बताते हैं कि छह वर्ष पूर्व बंदरों के आतंक से निदान की मांग की गई थी। तत्कालीन कमिश्नर के स्तर से नौ करोड़ रुपये का प्रस्ताव भी शासन को गया था, लेकिन सब कुछ कागजों में दफन हो गया। वन विभाग को भी खूंखार बंदरों को चिन्हित करना था और उनको शहर से बाहर पहुंचाना था। इसमें नगर निगम के वाहनों की सहायता ली जानी थी, लेकिन ये कार्य भी पूरा नहीं हुआ।

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द्विवंगत विधायक ने भी किए थे प्रयास

दिवंगत विधायक जगन प्रसाद गर्ग ने आगरा में बंदरों की समस्या को प्रमुखता से उठाया था। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक अपनी बात पहुंचाई थी और स्थानीय अधिकारियों के सहयोग से बंदरशाला के निर्माण का प्रस्ताव रखा था। उन्होंने इसके लिए कीठम क्षेत्र को सुझाया था। वे स्वयं और समाजसेवी संस्थाओं के सहयोग से इसका खर्च वहन करने को भी तैयार थे। 


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