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Monkey Rescue Center: CZA की क्लीन चिट, अब ब्रज की धरती पर सौ करोड़ में बनेगा मंकी रेस्क्यू सेंटर

Monkey Rescue Center 33 हेक्टेअर जमीन होगी चिन्हित कम से कम तीन साल निर्माण में लगेगा। वेटेरिनरी विवि पंडित दीनदयाल धाम वाइल्ड लाइफ एसओएस करेंगे सहयोग। 100 करोड़ रुपये की लागत आने की है उम्मीद। 01 लाख से अधिक जिले में हैं बंदर।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Wed, 25 Aug 2021 05:19 PM (IST)Updated: Wed, 25 Aug 2021 05:19 PM (IST)
Monkey Rescue Center: CZA की क्लीन चिट, अब ब्रज की धरती पर सौ करोड़ में बनेगा मंकी रेस्क्यू सेंटर
वेटेरिनरी विवि, पंडित दीनदयाल धाम, वाइल्ड लाइफ एसओएस करेंगे सहयोग।

आगरा, चंद्रशेखर दीक्षित। ब्रजवासियों को बंदरों के उत्पात से जल्द निजात मिल जाएगी। मंकी रेस्क्यू सेंटर के वन विभाग के प्रस्ताव को केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (सीजेडए) नई दिल्ली ने हरी झंडी दे दी है। अब जल्द ही मथुरा में जमीन तलाश कर इस पर रेस्क्यू सेंटर बनाया जाएगा। सेंटर की अनुमानित लागत करीब सौ करोड़ रुपये होगी। इससे पहले सीजेडए की टीम सेंटर के लिए चिन्हित जमीन देख अपनी मुहर लगाएगी।

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पूरे जिले में बंदरों का आतंक है। खासकर मथुरा-वृंदावन में स्थिति और भी खराब है। बंदरों के आतंक से स्थानीय निवासी भी परेशान हैं और बाहर से आने वाले श्रद्धालु भी। सांसद हेमामालिनी ने भी इस मुद्दे को संसद में उठाया था। इसके बाद वन विभाग ने सीजेएड को मंकी रेस्क्यू सेंटर के निर्माण को लेकर प्रस्ताव भेजा। इस पर सीजेएड ने अपनी सहमति दे दी है। सब कुछ ठीक होने के बाद भी रेस्क्यू सेंटर बनने में काम शुरू होने के बाद कम से कम तीन वर्ष का समय लगेगा।

33 हेक्टेयर जमीन में होगा रेस्क्यू सेंटर का निर्माण

सेंटर के लिए 33 हेक्टेयर जमीन की जरूरत होगी। इसके लिए वन विभाग ने फरह, चौमुहां और बलदेव विकास खंड में जमीन देख ली है। लेकिन जमीन को लेकर अंतिम मुहर सीजेएड की टीम लेगी। अभी उसके आने का इंतजार है। वन अधिकारियों का कहना है कि इस पूरे प्रोजेक्ट पर करीब 100 करोड़ रुपये का खर्चा आएगा। इसके लिए वेटेरिनरी विश्वविद्यालय, पंडित दीनदयाल धाम, वाइल्ड लाइफ एसओएस ने आर्थिक सहयोग करने की बात कही है। इस रेस्क्यू सेंटर में जिले से बंदर पकड़कर रखे जाएंगे। यहां उनके लिए अस्पताल बनेगा और नसबंदी की व्यवस्था भी की जाएगी।

वर्ष 2019 में हुआ था सर्वे

वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2019 में एक सर्वे कराया गया था। जिसमें मथुरा के अलावा वृंदावन, बरसाना, नंदगांव , गोवर्धन, गोकुल में करीब 22 हजार बंदरों की गिनती की गई थी। इनमें वृंदावन के बंदर सबसे अधिक उत्पाती बताए गए थे। हालांकि अधिकारियों का मानना है कि बंदरों की संख्या इससे कहीं अधिक होगी।

निगम भी उठा चुका है टेंडर

मथुरा -वृंदावन क्षेत्र में दो हजार बंदर पकड़कर चंबल क्षेत्र में छोड़े जाने का टेंडर हाल में ही नगर निगम ने उठाया है। ये बंदर चंबल में छोड़ दिए जाएंगे। आगे भी जरूरत पड़ी तो निगम ऐसे ठेके उठाएगा।

मथुरा में मंकी रेस्क्यू सेंटर के निर्माण के लिए केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने अपनी सहमति दे दी है। जमीन को लेकर अभी अंतिम निर्णय होना बाकी है। इस प्रोजेक्ट पर करीब 100 करोड़ रुपये का खर्चा आएगा।

रजनीकांत मित्तल, डीएफओ

एक नजर 

33 हेक्टेयर भूमि पर होगा मंकी रेस्क्यू सेंटर का निर्माण ।

100 करोड़ रुपये की लागत आने की है उम्मीद ।

01 लाख से अधिक जिले में हैं बंदर।

22 हजार बंदर सर्वे में गिने गए थे।

02 हजार बंदर पकड़ने को निगम ने की है तैयारी।

03 वर्ष में हो पाएगा निर्माण कार्य पूरा । 


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