Adulterated Sweet: त्योहार पर फिर सक्रीय हुआ FSDA, आगरा में चार दिन में लिए दो दर्जन से ज्यादा नमूने
Adulterated Sweet एफएसडीए का अभियान आज भी जांच के लिए भेजे गए नमूने। पिछले साल लिए गए थे 862 नहीं हुई थी विधिक कार्रवाई। जनपद में दूध मिठाई मसाला पनीर तेल खोया और घी के कारोबारी जीवनी मंडी शास्त्रीपुरम शाहगंज और बल्केश्वर में बड़े स्तर पर मिलावटी सामग्री होती है।
आगरा, जागरण संवाददाता। रक्षाबंधन पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) की टीमें फिर से सक्रिय हो गई हैं। विभाग द्वारा सात टीमें बनाई गई हैं, जो शहर भर से मिठाइयों और खोए के सैंपल ले रही हैं। आगरा में हर त्योहार से पहले खोए में मिलावट के निरीक्षण के लिए कार्यवाहियां होती हैं। इस साल भी विभाग ने कमर कस ली है। पिछले चार दिन में शहर व देहात से दो दर्जन से ज्यादा दुकानों से नमूने लिए जा चुके हैं, जिन्हें जांच के लिए प्रयोगशाला में भेज दिया गया है।
जनपद में दूध, मिठाई, मसाला, पनीर, तेल, खोया और घी के कारोबारी जीवनी मंडी, शास्त्रीपुरम, शाहगंज और बल्केश्वर में बड़े स्तर पर मिलावटी सामग्री तैयार करते हैं। जो आगरा सहित दूसरे जिलों में भी सप्लाई होती है।साल 2019-20 में विभाग द्वारा 5322 निरीक्षण किए गए हैं और 862 खाद्य सामग्री के नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए थे। इनमें से कितनों के खिलाफ विधिक कार्रवाई हुई यह किसी को जानकारी नहीं है।
सिर्फ नमूने और जांच ही होती है
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग में जिला अभिहित अधिकारी सहित तीस से ज्यादा लोग कार्यरत हैं।टीम त्योहार के सीजन में कार्रवाई करके फिर निष्क्रिय हो जाती है। होली, दीपावली और रक्षा बंधन से पहले हर साल मिलावट खोरों के खिलाफ अभियान चलाया जाता है। कार्रवाई न होने से पूरा साल खुलेआम मिलावटी खाद्य सामग्री बिकती है।
मंडी में धांधली
त्योहार या सहालग के सीजन में खोवा मंडी में बड़ी मात्रा में खोवा देहात क्षेत्र से बिक्री के लिए पहुंचता है और मंडी में भी तैयार किया जाता है। सूत्रों के अनुसार यहां सबसे ज्यादा मिलावट होती है। यहां नकली खोवा तैयार करने के लिए कैमिकल बेचने वाली दुकान भी मौजूद हैं। जिस पर आसानी से कैमिकल मिल जाता है। वहीं, मुख्य खाद्य अधिकारी राम आशीष मौर्य ने बताया कि त्योहार से पहले अभियान के माध्यम से मिलावट खोरों पर कार्रवाई की जाती है उसके बाद बिना अभियान के खाद्य अधिकारी कार्रवाई करते हैं।
दूध में सबसे ज्यादा मिलावट
त्योहारी सीजन में डिमांड बढ़ने के साथ ही दूध में मिलावट बढ़ जाती है। सिंथेटिक दूध का उत्पादन भी इन दिनों बड़े पैमाने पर शुरू हो जाता है। ज्यादातर मिठाइयों को बनाने में दूध का इस्तेमाल होता है। ऐसे बाजार में मावा और पनीर, सिंथेटिक ही खपाए जाते हैं। आगरा के प्रसिद्ध घेवर पर ऊपर से मलाई चढ़ाने के लिए छोटे मिठाई विक्रेता, सिंथेटिक दूध का ही प्रयोग कर रहे हैं।
मिलावटखोरों के खिलाफ 21 अगस्त तक अभियान चलेगा। जांच के बाद प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर विधिक कार्रवाई की जाएगी।
अमित कुमार, जिला अभिहित अधिकारी