Sewage Problem: टूटी वबाग की नींद, आगरा के दयालबाग में शुरू हुआ सीवर की मरम्मत का भी काम
Sewage Problem गुरुवार सुबह दयालबाग सौ फुटा पर उफन रहे सीवर की मरम्मत को पहुंची टीम। डाले जा रहे चार पाइप। वबाग कंपनी के आने से पूर्व जल निगम के हाथ में थी एसटीपी और एसपीएस के संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी।
आगरा, जागरण संवाददाता। आखिरकार वबाग कंपनी की नींद टूट गइ है। सौ फुटा, दयालबाग में उफन रहे सीवर की मरम्मत के लिए गुरुवार सुबह ही टीम पहुंच चुकी है। सीवर की मरम्मत का कार्य तेजी से चल रहा है। चार पाइप डाले जा रहे हैं। कइ दिनों की समस्या के बाद स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से लगातार गुहार लगाइ थी, तब जाकर कंपनी के कर्मचारी कार्य करने पहुंचे हैं।
छह दिनों के बाद बुधवार को वबाग कंपनी ने दयालबाग सौ फुटा रोड पर हुए गड्ढे की मरम्मत शुरू कर दी थी। यह कार्य सुबह साढ़े दस बजे से शुरू हुआ जो शाम सात बजे तक चला। इस अवधि में तीन पाइपों को बिछाया गया जबकि चार पाइप गुरुवार रात तक बिछाए जाएंगे। 600 एमएम की सीवर लाइन बंद होने के कारण पांच लोग परेशान हो गए हैं। शुक्रवार सुबह आठ बजे पाइप लाइन को चालू किया जाएगा। इसके बाद ही सीवर समस्या से निजात मिल सकेगी।
दयालबाग सौ फुटा रोड, एचडीएफसी बैंक के सामने 29 जुलाई की रात 11 बजे गड्ढा हो गया था। दो साल पूर्व जल निगम ने सीवर लाइन बिछाई थी। गड्ढे की मरम्मत की जिम्मेदारी वबाग कंपनी की थी। मंडलायुक्त अमित गुप्ता के आदेश पर बाद बुधवार से काम शुरू हुआ। जेसीबी से 18 मीटर लंबाई तक खोदाई की गई फिर पाइप डालने का काम शुरू हुआ। कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि कुल सात पाइप पड़ने हैं जिसमें तीन पाइप बिछाए जा चुके हैं। एक पाइप की लंबाई ढाई मीटर है। गुरुवार रात आठ बजे तक चार पाइप बिछाने का कार्य पूरा हो जाएगा। 12 घंटे के लिए लाइन में कोई कार्य नहीं होगा। शुक्रवार सुबह आठ बजे लाइन को चालू किया जाएगा। उधर, सीवर लाइन बंद होने से अदनबाग, मधुवन एंक्लेव, सूर्या एंक्लेव, जयराम बाग कालोनी, बसेरा कालोनी सहित दर्जनभर कालोनियों में गंदा पानी भर गया। अदनबाग निवासी आशुतोष चौधरी ने बताया कि इसकी शिकायत वबाग कंपनी के अफसरों से की गई है।
इससे तो जल संस्थान ही था बेहतर
प्रदेश सरकार की मंशा अच्छी थी। जल संस्थान ठीक से काम नहीं कर रहा था। संसाधनों का अभाव था, जिस पर बीस माह पूर्व सीवर नेटवर्क की सफाई सहित अन्य कार्य वबाग कंपनी को दे दिए गए थे लेकिन कंपनी ने जल संस्थान से भी खराब काम किया। अब तो पार्षद से लेकर अफसर कंपनी से कहीं अच्छा जल संस्थान को बता रहे हैं। लापरवाही के चलते पूर्व मंडलायुक्त अनिल कुमार, मंडलायुक्त अमित गुप्ता और नगरायुक्त निखिल टीकाराम कंपनी की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा चुके हैं। इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जा चुकी है। कंपनी से अनुबंध से पूर्व सात सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) और 27 सीवेज पंपिंग स्टेशन (एसपीएस) का संचालन जल निगम के पास था। नगर निगम के सौ वार्डों में सीवर लाइन की सफाई का कार्य जल संस्थान के पास था। दिसंबर 2019 में प्रदेश सरकार और वबाग कंपनी के बीच अनुबंध हुआ था। जनवरी 2020 में कंपनी ने काम शुरू किया। एसटीपी और एसपीएस के हैंडओवर के बाद कंपनी ने ठीक से इनका संचालन नहीं किया। 48 घंटे तक यमुना नदी में सीधे गंदा पानी जाता रहा। इस पर तत्कालीन मंडलायुक्त अनिल कुमार ने नाराजगी जताई और जुर्माना लगाने की चेतावनी दी गई। इसकी शिकायत शासन में की गई तब जाकर कंपनी के अफसरों ने ठीक तरीके से कार्य शुरू किया। जल निगम के मुख्य अभियंता की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने एसटीपी और एसपीएस के संचालन में बरती गई लापरवाही की जांच की। यहां तक सीवर संबंधी जो भी शिकायतें पहुंचीं, उनके निस्तारण में भी लचर कार्यशैली अपनाई गई।
अनुबंध की शर्त का उल्लंघन
नगरायुक्त निखिल टीकाराम का कहना है कि वबाग कंपनी को सीवर समस्याओं का ठीक से निस्तारण करना था। यह अनुबंध की शर्तों में शामिल है। शर्त के उल्लंघन के चलते 40 लाख रुपये का जुर्माना लगा है। जो भी शिकायतें आ रही हैं या फिर सीवर नेटवर्क की सफाई नहीं हो रही हैं। इसकी जांच होगी। अगर कार्य ठीक से नहीं होता है तो शर्त के अनुसार अधिकतम 40 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है।