Move to Jagran APP

UP Board Result 2021: बोर्ड पहुंचें परीक्षा परिणाम नीति के लिए सुझाव, सीएम योगी लगाएंगे अंतिम मुहर

UP Board Result 2021 मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक ने प्रधानाचार्यों के सुझावों का आंकलन कर रिपोर्ट भेजी बोर्ड। अपने स्तर से सुझावों को अमल में लाकर मुख्यमंत्री से ली जाएगी अंतिम अनुमति। शिक्षाधिकारियों ने प्रधानाचार्यों से मिले सुझावों को बेहद गोपनीय रखा है।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sun, 13 Jun 2021 11:40 AM (IST)Updated: Sun, 13 Jun 2021 11:40 AM (IST)
UP Board Result 2021: बोर्ड पहुंचें परीक्षा परिणाम नीति के लिए सुझाव, सीएम योगी लगाएंगे अंतिम मुहर
परीक्षा परिणाम घोषित करने को लेकर मंथन जारी है।

आगरा, जागरण संवाददाता। उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा रद हो चुकी हैं। अब परीक्षा परिणाम घोषित करने को लेकर मंथन जारी है। शासन व बोर्ड ने प्रदेशभर के प्रधानाचार्यों, शिक्षकों, अभिभावक संगठनों से सुझाव मांगें, जिसके चलते अब तक चार हजार से ज्यादा सुझाव दिए जा चुके हैं। मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक, जिन्हें बोर्ड इंटरमीडिएट संस्थागत विद्यार्थियों के लिए सुझावों का आंकलन करने के निर्देश दिए थे, वह भी सुझावों की रिपोर्ट बोर्ड को भेज चुके हैं।

loksabha election banner

यूपी बोर्ड निदेशक ने प्रदेश के दो अपर शिक्षा निदेशक और चार संयुक्त शिक्षा निदेशक की टीम को इन सुझावों को जुटाकर उनका आंकलन करने और उनके आधार पर रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए थे। रिपोर्ट बोर्ड निदेशक को भेजी जा चुकी है, जो इन सुझावों पर मंथन करने के बाद उन्हें अंतिम मुहर लगवाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास भेजे जाएंगे, उसके बाद ही तय होगा कि परीक्षा परिणाम निर्धारण के लिए किस नीति को अपनाया जाएगा। बता दें कि अब तक मिले सुझावों के आधार पर परीक्षा परिणाम जारी करने का फार्मूला तलाशा जा रहा है।

प्रधानाचार्यों ने रखी थी यह बात

शिक्षाधिकारियों ने प्रधानाचार्यों से मिले सुझावों को बेहद गोपनीय रखा है। रिपोर्ट अपने स्तर से तैयार कर सीधे शासन को भेजी गई है। लेकिन जिन प्रधानाचार्यों से सुझाव लिए गए, उन सभी ने संकेत दे दिए हैं कि विद्यार्थियों को अगली कक्षा में सीधे प्रोन्नत करना एक बड़ी चुनौती है। वह नहीं चाहते कि किसी भी विद्यार्थी के भविष्य से खिलवाड़ हो। खासकर मेधावी विद्यार्थियों का। इसलिए सभी के लिए एक समान स्केल रखना उचित नहीं होगा, उनके पुराने प्रदर्शन को आधार बनाना ही बेहतर है क्योंकि इंटरमीडिएट के बाद विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कदम रखना है, इससे उनका भविष्य प्रभावित न हो। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.