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Fight Against CoronaVirus: यहां अभी रिश्तेदारों का आना है मना, जानिए सुहागनगरी के एक गांव के बाहर क्यों लगा है बैरियर

Fight Against CoronaVirus सिकंदरपुर में ग्रामीण बने सजग प्रहरी रास्तों पर लगाए बैरियर। कोरोना से जंग में मजबूती से ले रहे मोर्चा अब तक कोई केस नहीं। कोरोना से जंग में तय कर दिया कि गांव का दूध गांव में ही बेचा जाएगा।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sat, 15 May 2021 05:57 PM (IST)Updated: Sat, 15 May 2021 05:57 PM (IST)
Fight Against CoronaVirus: यहां अभी रिश्तेदारों का आना है मना, जानिए सुहागनगरी के एक गांव के बाहर क्यों लगा है बैरियर
फीरोजाबाद के गांव सिकंदरपुर में अभी तक कोइ नहीं हुआ कोरोना वायरस से संक्रमित।

आगरा, राम खिलाड़ी सिंह। कोरोना से जंग में सिकंदरपुर के ग्रामीण अब तक सिकंदर हैं। दूसरी लहर में जहां गांव-गांव हालात बिगड़ रहे हैं, वहीं यहां सतर्कता की वजह से अब तक कोरोना नहीं पहुंच पाया है। 2200 की आबादी के बाद भी गांव में कोई भी बाहरी व्यक्ति दिन तो छोड़िए, रात में भी प्रवेश नहीं कर सकता है। दोनों रास्तों पर बैरियर लगे हैं। बाहर के जरूरी कामों के लिए सतर्कता दल सुविधा मुहैया करा रहा है।

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अप्रैल में जब कोरोना संक्रमण का ग्राफ बढ़ा था, तभी इस गांव के युवाओं की टीम बनाकर गांव के बाहर लक्ष्मण रेखा खींच दी थी, जो सिर्फ बाहरी लोगों के लिए ही नहीं, बल्कि गांव के लोगों के लिए भी थी। नव निर्वाचित प्रधान बने विकास प्रताप ने गांव के युवाओं को लेकर इसकी रणनीति बनाई। कोरोना को गांव में घुसने नहीं देंगे... के नारे के साथ युवाओं ने गांव में आने वाले दोनों रास्तों पर बैरियर लगाए तो दिन एवं रात के हिसाब से यहां पर ड्यूटी। ग्रामीणों से सलाह कर गांव में रिश्तेदारों का आना बैन कर दिया तो यह खबर भी रिश्तेदारों तक भिजवा दी, ताकि कोई परेशान न हो या फिर विवाद न हो। ग्रामीणों की इस समझदारी का ही नतीजा है कि यहां अप्रैल से अब तक कोई सामान्य मौत भी नहीं हुई।

गांव का दूध बिकेगा गांव में, सब्जी गांव में

गांव के कई लोग बाहर दूध बेचने जाते हैं, लेकिन कोरोना से जंग में तय कर दिया कि गांव का दूध गांव में ही बेचा जाएगा। वहीं गांव में जो लोग सब्जी उगाने के बाद बाहर बेचने जाते हैं, उनसे भी कह दिया कि अपनी सब्जी को गांव में ही बेचें।

हर काम के लिए जिम्मेवारी--राशन की सप्लाई

ओमकार सिंह आटो में सामान लेकर आते हैं। इसको सैनिटाइज करने के बाद घर-घर तक पहुंचाते हैं।

कोर्ट-कचहरी के काम 

जिन ग्रामीणों की कोर्ट में तारीख थी, उनके सभी काम बगैर फीस लिए इस वक्त गांव में ही रहने वाले एडवोकेट हनीफ खां कर रहे हैं।

दवाई का इंतजाम 

कासिम खान दवा के पर्चे लेकर बाजार जाते हैं तथा दवा को लाने के बाद सैनिटाइज कर घरों तक पहुंचाते हैं। इसके अलावा राजपाल सिंह, कल्लू खा, शंभू दयाल,जितेंद्र, दयाशंकर, राहिल खान, राजेश, अशोक कुमार एवं प्रेमकिशोर आदि निगरानी करते हैं।

गांव से बाहर शादी पांडाल, सिर्फ 15 लोग गए 

शुक्रवार को गांव में एक युवती की शादी थी। इसके लिए गांव से बाहर एक किमी दूर पांडाल बनाया गया। गांव से सिर्फ परिवार के 15 लोग शामिल हुए। शादी में भी सैनिटाइजर की पूरी व्यवस्था रखी, ताकि कैसे भी गांव में कोरोना प्रवेश न कर सके।

‘हमने पंचायत चुनाव से पहले ही सतर्कता शुरू कर दी थी। युवा अपनी जिम्मेवारी निभा रहे हैं और पूरा गांव सहयोग कर रहा है। अब मैं प्रधान बन गया हूं। गांव को बचाना सबकी जिम्मेवारी है।’

विजय प्रताप, नव निर्वाचित प्रधान

आंकड़ों की नजर में

आबादी : 2200

कुल जांच : 400

कोरोना मरीज : 00


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