Violation of CoronaVirus Protocol: आगरा में संक्रमण का न हो जाए विस्तार, लोग नहीं बन रहे समझदार
Violation of CoronaVirus Protocol हर रूट पर सवारियां भर दौड़ लगा रहे आटो। विभिन्न क्षेत्र में बंद दुकानों के बाहर फालतू बैठ ठहाके लगाते हैं लोग। जागरूक लोग अपने कार्यो को छोड़ घर में कैद हो गए हैं जिससे संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सके।
आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण गंभीर रूप लिए हुए है, लेकिन लापरवाह लोग सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। शहर में विभिन्न स्थानों पर लोगों की भीड़ वार्ता करते दिख जाती है, तो बंद दुकानों के बाहर आस-पास की बस्ती के लोग हंसी-ठहाके करते मिल जाते हैं। वहीं हर रूट पर आटो संचालित हो रहे हैं, जिसमें छह से आठ सवारियां बैठी होती है। बैठने और बैठाने वाले दोनों की संक्रमण की प्रति गंभीर नहीं है, जिससे संक्रमण के विस्तार की आशंका बनी हुई है। जिम्मेदार लोग इन्हें रोकने का प्रयास नहीं करते हैं।
10 मई तक शहर में संपूर्ण लाकडाउन है और आवश्यक सेवाओं को अनुमति दी गई है। जागरूक लोग अपने कार्यो को छोड़ घर में कैद हो गए हैं, जिससे संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सके। वहीं लापरवाह लोगों में अभी भी सुधार नहीं हो रहा है। वे बिना कार्य के ही घर से बाहर निकल आ रहे हैं। खंदारी चौराहे के निकट शाम को बंद दुकानें के बाहर फालतू बैठे लोगों की भीड़ देखी जा सकती है। मऊ रोड पर तो इससे भी ज्यादा बुरा हाल है। यहां जितना अंदर की ओर बढ़ेंगे बिना मास्क लगाए लोग घूमते, बैठे मिल जाएंगे। केंद्रीय हिंदी संस्थान रोड पर तो लाकडाउन का अहसास ही नहीं होता है। दयालबाग क्षेत्र के नगला बघेल का भी कुछ ऐसा ही हाल है। यहां आवश्यक वस्तुओं के साथ अन्य दुकानें भी पूरे दिन खुली रहती है। वहीं हर रूट पर आटो जमकर दौड़ लगा रहे हैं। इन पर कोई नकेल नहीं कसी जा रही है। आटो में चालक अपनी सीट के पास दो से तीन सवारियां बैठा लेता है, जिससे शारीरिक दूरी के नियम भी तार-तार होते हैं। पीछे तीन से चार सवारियां बैठी होती है। कुछ तो मास्क भी नहीं लगाए होते हैं।