Child Marriage in Agra: आगरा में दूल्हा-दुल्हन ने वरमाला के बाद सात फेरों के लिए 365 दिन का ब्रेक लिया, जानिए क्या है वजह
Child Marriage in Agra आगरा के एत्माद्दौला क्षेत्र में मैरिज होम में हाे रही थी शादी। एसएसपी के वाट्सएप नंबर पर दी गई सूचना पर पहुंची पुलिस। वरमाला के बाद फेरों में फंस गया था कानूनी पेंच। एसएसपी के वाट्सएप नंबर पर नाबालिग की शादी कराने की सूचना भेजी गई।
आगरा, जागरण संवाददाता। न उम्र की सीमा हो, ना जन्म का हो बंधन। होठों से छू लो तुम, मेरे गीत अमर कर दो। जगजीत सिंह की मशहूर गजल की यह लाइन अागरा के दूल्हा-दुल्हन पर सही साबित न हो सकी। अलीगढ़ से धूमधाम से बरात लेकर आया दूल्हा बरातियों के साथ दावत खा चुका था। दूल्हा-दुल्हन एक दूसरे को वरमाला डाल चुके थे। वह मंत्रों के साथ अग्नि को साक्षी मानकर सात जन्मों तक साथ रहने के लिए सात फेरे लेने की तैयारी कर रहे थे।
इसी दौरान कुछ ऐसा हुआ कि पुलिस पहुंच गई। दूल्हा-दुल्हन के फेरों में कानूनी पेंच फंस गया। काफी माथा-पच्ची की गई, लेकिन कानूनी पेंच से बचने का कोई रास्ता नहीं था। सिर्फ एक ही उपाय था कि फेरों को टाल दिया जाए। काफी सोच-विचार के बाद दूल्हा-दुल्हन ने सात फेरों के लिए 365 दिन का ब्रेक लिया। दूल्हे को अब एक साल इंतजार करना होगा। इसके बाद ही वह दुल्हन के संग अग्नि के समक्ष सात फेरे लेकर सात जनम तक साथ निभाने का वचन देकर उसे अपने साथ विदा करके ले जाएगा।
मामला एत्माद्दौला थाना क्षेत्र का है। मंगलवार की शाम को एसएसपी के वाट्सएप नंबर पर नाबालिग की शादी कराने की सूचना भेजी गई। इसकी जानकारी चाइल्ड लाइन को भी दी गई। समन्वयक ऋतु वर्मा टीम और पुलिस शादी समारोह में पहुंची। बरात अलीगढ़ से आई थी। पुलिस और चाइल्ड लाइन की टीम ने लड़की के स्वजन से जानकारी की। उन्होंने दुल्हन को बालिग बताया। जबकि दूल्हा के स्वजन भी उसकी उम्र 21 साल बता रहे थे। इस पर दोनों के आयु से संबंधित दस्तावेजों को चेक किया गया।
इसमें दुल्हन की उम्र 17 और दूल्हे की 20 साल निकली। इस पर पुलिस दोनों परिवारों को थाने लेकर आ गई। चाइल्ड लाइन की टीम ने दूल्हा और दुल्हन के परिवार को समझाया कि दोनों की शादी नहीं हो सकती है। इसके लिए दुल्हन की उम्र 18 और दूल्हे की 21 साल होनी चाहिए। दोनों की उम्र कम है। यदि उन्होंने शादी की तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है। चाइल्ड लाइन समन्वयक ऋतु वर्मा ने बताया कि दोनों के स्वजन उनके बालिग होने पर शादी करने की मान गए। लड़्की को बाल कल्याण समिति के निर्देशन में उसके स्वजन को सौंप दिया गया है।