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Missing Girl Child: आगरा की मासूम आमना लगा रही 14 दिन से करुण गुहार, मां तुझे ढूं ढूं कहां

Missing Girl Child पिता की हो चुकी है मौत एमएम गेट थाना क्षेत्र में रहते थे पिता। चार दिन पहले आधी रात को मायके दिल्ली जाने को निकली थी मां। मां के पीछे निकली बेटी अंधेरे में भटक गई रास्ता।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sun, 11 Apr 2021 03:05 PM (IST)Updated: Sun, 11 Apr 2021 03:05 PM (IST)
Missing Girl Child: आगरा की मासूम आमना लगा रही 14 दिन से करुण गुहार, मां तुझे ढूं ढूं कहां
पुलिस और चाइल्ड लाइन मासूम को स्वजन को मिलाने के लिए खोज रहे पता।

आगरा, अली अब्बास। आगरा में छह साल की मासूम आमना की करुण गुहार लोगों के दिल को पिघला रही है। उसकी जुबां पर बस एक ही शब्द है, मां तुझे ढूंढूं कहां। मगर, न जाने क्या बात है कि बेटी की करुण गुहार उसकी मां तक नहीं पहुंच रही है। मासूम को उसकी मिलाने के लिए पुलिस और चाइल्ड लाइन में चार दिन से कोशिश में लगे हुए हैं। वह मासूम को अपने साथ लेकर उन रास्तों की खाक छान रहे हैं, जिस रास्तों से वह मां के पीछे-पीछे चलकर आई थी। मगर, वह अपने घर का पता नहीं खोज पा रही। पुलिस और चाइल्ड लाइन के सामने दिक्कत ये है कि इस दौरान मासूम के स्वजन ने भी पता नहीं क्यो उसके गायब होने की रिपोर्ट किसी थाने में दर्ज नहीं कराई है।

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ये है मामला

आगरा की छत्ता थाना क्षेत्र की चीता मोबाइल पर तैनात पुलिस को 28 मार्च की आधी रात को बेलनगंज चौराहे पर करीब छह साल की बालिका लावारिस हालत में रोती हुई मिली। पुलिसकर्मियों ने बालिका का नाम पूछा। उसने अपना नाम आमना बताया। बालिका का कहना था कि मां रात में नानी के घर दिल्ली जाने के लिए निकली थीं। नानी के यहां जाने के लिए वह भी मां के पीछे निकल आई। मगर, मां से बिछड़ गई। इस पर पुलिस ने बालिका को रात में ही अपने साथ लेकर कई घंटे तक बेलनगंज, जीवनी मंडी भैरो बाजार, गधा पाड़ा इलाके में घुमाया। पुलिस को उम्मीद थी कि बालिका आमना की मां और परिवार के लोग भी उसे खोज रहे होंगे। मगर, उनकी यह उम्मीद बेकार गई, बालिका के स्वजन नहीं मिले। ना ही कोई उसके गुम होने की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए थाने पहुंचा।

मां का नाम परवीन और पिता हैं शाहबाज, जीवनी मंडी में कहीं रहती है

मासूम आमना ने पुलिस को बताया कि उसकी मां का नाम परवीन है। पिता का नाम शाहबाज है, उनकी मौत हो चुकी है। उसके दो भाई हैं, अरमान और फरमान। वह सबसे छोटी है। उसका परिवार जीवनी मंडी इलाके में किसी जगह पर रहता है। इस पर पुलिस ने जीवनी मंडी समेत आसपास के सारे मोहल्ले और बालिका को साथ लेकर छान मारे।मगर, परिवार का पता नहीं लग सका है।

नूरी दरवाजे में रहते हैं बाबा और दादी

आमना ने पुलिस को बताया कि उसके दादा-दादी नूरी दरवाजे में कहीं रहते हैं। इस पर पुलिस उसे कई दिन तक नूरी दरवाजा इलाके में लेकर गई। वहां की सारी गलियों को छान मारा, लेकिन बालिका अपने बाबा और दादी के घर का रास्ता पहचान करके नहीं बता सकी।

बाबी भाई सैलून वाले हैं परिचित

मासूम आमना पुलिस को बस इतना बता पाती है कि नूरी दरवाजा इलाके में कोई बाबी भाई हैं। उनकी बाल काटने की दुकान है। वह उसे पहचानते हैं। पुलिस ने बाबी सैलून वाले को भी तलाश किया। इससे कि आमना उनके माध्यम से अपने स्वजन से मिल सके। मगर, बाबी का पता भी उसे नहीं मिल सका है।

परिवार ने क्यों नहीं दर्ज कराई गुमशुदगी

पुलिस और चाइल्ड लाइन को एक सवाल ये भी परेशान कर रहा है कि मासूम आमना के परिवार के लोगों उसके गायब होने की गुमशुदगी दर्ज क्यों नहीं कराई। कहीं ऐसा तो नहीं कि मां समझ रही हो कि वह अपने भाइयों के पास है। जबकि भाई यह समझ रहे हों कि वह अपनी मां के साथ नानी के घर चली गई है। क्या गलतफहमी के चलते ऐसा हुआ है। मगर, इसके साथ ही सवाल ये भी उठता है कि मां को घर से निकले 14 दिन हो गए हैं। क्या इस दौरान आमना की मां परवीन और उसके भाइयों के बीच एक बार भी फोन पर आपस में बात नहीं हुई। अगर, बात हुई होगी तो क्या आमना के बारे में उन्होंने नहीं पूछा होगा। स्वाभाविक है कि एेसे में उन्हें आमना के घर पर नहीं होने का पता चल ही गया होगा। इसके बावजूद भी उसकी गुमशुदगी दर्ज क्यों नहीं कराई।

राजकीय शिशु एवं बाल गृह में मिला आश्रय

आमना के परिवार वाले जब तक नहीं मिल जाते हैं। चाइल्ड लाइन ने उसे राजकीय शिशु एवं बाल गृह में रखा है।वहां यहां रहने वाले अन्य बच्चों के साथ रह रही है। मगर, मां और भाइयों की याद आते ही वह उदास हो जाती है।

बालिका अपना नाम आमना और पिता का शाहबाज बता रही है। वह छत्ता पुलिस को लावारिस हालत में घूमती मिली थी। पुलिस ने उसे चाइल्ड लाइन के सुपुर्द कर दिया। पुलिस और चाइल्ड लाइन आमना को उसकी मां और दादी का पता खोजकर उनसे मिलाने का प्रयास कर रहे हैं।

ऋतु वर्मा चाइल्ड लाइन समन्वयक 


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