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Jones Mill Case: आगरा में जोंस मिल प्रकरण में आरोपित कंवलदीप और रज्जो जैन को हाईकोर्ट से मिली राहत

Jones Mill Case बिल्डर चुनमुन अग्रवाल को जेल भेज चुकी है पुलिस। एसएसपी ने मामले की विवेचना को मंगलवार को ही गठित की है एसआइटी। जीवनी मंडी स्थित जोंस मिल की जमीन बम धमाके के बाद सुर्खियों में आई थी।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Wed, 17 Mar 2021 01:35 PM (IST)Updated: Wed, 17 Mar 2021 01:35 PM (IST)
Jones Mill Case: आगरा में जोंस मिल प्रकरण में आरोपित कंवलदीप और रज्जो जैन को हाईकोर्ट से मिली राहत
एसएसपी ने मामले की विवेचना को मंगलवार को ही गठित की है एसआइटी।

आगरा, जागरण संवाददाता। जोंस मिल की जमीन को ठिकाने लगाने के मामले में आरोपित सरदार कंवलदीप और रज्जो जैन को हाईकोर्ट से राहत मिल गई है। कंवलजीत के खिलाफ छत्ता थाने में पिछले दिनों धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया था। अभी तक पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर सकी थी। अब हाईकोर्ट से आरोपित को अंतरिम जमानत मिल गई है। जबकि बिल्डर चुनमुन अग्रवाल जेल में बंद है।

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जीवनी मंडी स्थित जोंस मिल की जमीन बम धमाके के बाद सुर्खियों में आई थी। एसएसपी बबलू कुमार की रिपोर्ट के बाद डीएम प्रभु एन सिंह ने इसकी जांच को 29 जुलाई 2020 को एक कमेटी गठित की थी। कमेटी की रिपोर्ट के बाद 12 फरवरी को लेखपाल सजल कुलश्रेष्ठ ने छत्ता थाने में मातंगी बिल्डर्स के मालिक हेमेंद्र अग्रवाल उर्फ चुनमुन, सरदार कंवलजीत और रज्जो जैन के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करा दिया था। इनमें से चुनमुन अग्रवाल को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। एसएसपी बबलू कुमार ने मंगलवार को मुकदमे की विवेचना को एसआइटी गठित की थी। रज्जाे जैन और कंवलजीत को पुलिस गिरफ्तार करने में नाकाम रही। कंवलजीत को पुलिस ने मौका दिया। पुलिस गिरफ्तारी को दबिश देती रह गई। कंवलजीत और रज्जो जैन ने हाईकोर्ट में अंतरिम जमानत को याचिका दायर की थी। कोर्ट ने अंतरिम जमानत याचिका मंजूर कर ली। फिलहाल सरदार कंवलजीत और रज्जो जैन को पुलिस गिरफ्तारी से राहत मिल गई है। एसपी सिटी बोत्रे रोहन प्रमोद ने बताया कि धोखाधड़ी के आरोपित कंवलजीत और रज्जो जैन को मुकदमे में चार्जशीट लगने तक अंतरिम जमानत मिल गई है। जल्द ही चार्जशीट लगाइ जाएगी और गिरफ्तारी के प्रयास किये जाएंगे। 

रोक होने के बाद भी की जमीन की खरीद-फरोख्त

प्रशासन की आठ सदस्यीय कमेटी द्वारा जोंस मिल कंपाउंड में जमीन की खरीद -फरोख्त की जांच की गई। इसमें सामने आया कि गजट नोटिफिकेशन 16 नवंबर 1949 के द्वारा राज्य सरकार ने जोंस मिल से संबंधित चल और अचल संपत्ति के किसी भी प्रकार के अंतरण किए जाने पर रोक लगा दी थी। अधिकृत नियंत्रक के द्वारा किसी भी अंतरण के लिए जिलाधिकारी से अनुमति लेना जरूरी कर दिया गया था। इस आदेश में हाईकोर्ट ने आंशिक संशोधन करते हुए अधिकृत नियंत्रक द्वारा जोंस मिल की चल-अचल संपत्ति के विक्रय को हाईकोर्ट की अनुमति के बिना निषिद्ध कर दिया था। हाईकोर्ट द्वारा जारी आदेश में सभी पक्ष पार्टी बनाए गए थे, जिनके द्वारा जोंस मिल की जमीन की खरीद- फरोख्त की गई। जोंस मिल की जमीन को ठिकाने लगाकर अकूत संपत्ति अर्जित करने वालों में राजेंद्र प्रसाद जैन उर्फ रज्जो जैन, सरदार कंवलदीप सिंह और बिल्डर हेमेंद्र अग्रवाल उर्फ चुनमुन की भूमिका सामने आई थी। 


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